भू-विस्थापितों के समर्थन में उतरे बघेल, 35 कांग्रेस विधायकों के साथ धरना देने की चेतावनी,कहा “जेल गए,सरकार का डर भी गया”

00 कोरबा में गरमाई सियासत: एसईसीएल की मनमानी पर पूर्व सीएम बघेल का कड़ा प्रहार

TTN Desk

कोरबा। कोयला उत्पादन के लिए विश्वभर में पहचान रखने वाला छत्तीसगढ़ का औद्योगिक जिला कोरबा, आज भू-विस्थापितों की समस्याओं के कारण एक नई विडंबना से जूझ रहा है। अपनी पुस्तैनी ज़मीन कोयला खदानों के लिए देने के बाद भी ये लोग दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। 26 सितंबर 2025 को, इन संघर्षरत भू-विस्थापितों को बड़ा संबल तब मिला, जब पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वयं उनके समर्थन में हरदीबाजार गांव पहुँचे और एसईसीएल (SECL) प्रबंधन की मनमानी पर जमकर हमला बोला।

0 “गरीबों के हक़ से खिलवाड़ न हो”: एसईसीएल को सीधी चेतावनी

पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने भू-विस्थापितों को अपना पूर्ण समर्थन देते हुए एसईसीएल प्रबंधन को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि गरीबों के हक़ के साथ खिलवाड़ करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बघेल ने कहा कि अगर एसईसीएल की गुंडागर्दी इसी तरह जारी रही, तो वह इस मसले को प्रदेश कांग्रेस कमेटी में उठाएंगे। उन्होंने अगली बार कांग्रेस के सभी 35 विधायकों के साथ हरदीबाजार में ही आकर धरना देने की धमकी दी, जिसने सूबे की राजनीति को एक बार फिर गरमा दिया है।

0 हरदीबाजार में उमड़ा जनसैलाब

इससे पहले, भू-विस्थापितों के समर्थन में अक्सर बड़े नेता आते रहे हैं, लेकिन परिणाम सिफर रहा। यह पहला मौका था जब पूर्व मुख्यमंत्री जैसा कद का नेता सीधे ग्रामीणों के बीच पहुँचा। दोपहर में जब भूपेश बघेल का काफिला हरदीबाजार पहुँचा, तो वहाँ स्वस्फूर्त स्थानीय ग्रामीणों की भारी भीड़ उन्हें सुनने के लिए जुटी थी, जो एनसयूआई के नेताओं और समर्थकों की उपस्थिति से कहीं अधिक थी।
राजस्व विभाग का काम एसईसीएल क्यों करे?
सभा को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम बघेल ने एसईसीएल प्रबंधन की मनमानी कार्यशैली पर गहरा रोष व्यक्त किया। उन्होंने ग्रामीणों द्वारा बताई गई समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा कि एसईसीएल के अधिकारी खुद ही जमीन और मकानों की नापी (सीमांकन) करने पहुँच रहे हैं। बघेल ने इस प्रक्रिया को गलत बताते हुए साफ किया कि ज़मीन-मकान का सीमांकन करने का काम राजस्व विभाग का है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि एसईसीएल इस तरह की मनमानी और गुंडागर्दी करता है, तो इसे किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा।

0 “2004 का मुआवजा अब नहीं चलेगा”

भूपेश बघेल ने मुआवजे की विसंगतियों पर भी प्रबंधन को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों को साल 2004 के हिसाब से मुआवजा आज की तारीख में दिया जा रहा है, जो सरासर गलत है और अस्वीकार्य है। उन्होंने प्रबंधन से स्पष्ट कहा कि ग्रामीण अपनी ज़मीन देने को तैयार हैं, लेकिन पहले उन्हें उचित विस्थापन, सही मुआवज़ा और नौकरी दी जाए, उसके बाद ही उनकी ज़मीन खाली कराई जाए।

0 जेल की धमकियों का करारा जवाब

जब आंदोलन कर रहे भू-विस्थापितों ने बताया कि उन्हें अपनी मांग उठाने पर एफआईआर दर्ज कर जेल भेजने की धमकी दी जाती है, तो बघेल ने उन्हें निडरता का पाठ पढ़ाया। छत्तीसगढ़ी संवाद का प्रयोग करते हुए उन्होंने ग्रामीणों को साफ किया कि सरकार जेल का डर दिखा सकती है, लेकिन एक बार जेल जाने के बाद यह डर भी खत्म हो जाता है। उन्होंने अपने बेटे के जेल जाने का उदाहरण देते हुए कहा: “जेल जाने में डराओ मत यार… मोर बेटा ल जेल भेज दीन… का होगे, ढाई महीना हो गये। सरकार जेल भेजने का डर दिखा सकती है, लेकिन ‘एक बार जेल गये तो फिर सरकार का ये डर भी खत्म’।”

0 “महतारी वंदन” पर साय सरकार को घेरा: “महिलाओं को ठगा गया”

भू-विस्थापितों के मंच से पूर्व सीएम बघेल ने साय सरकार पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने बिजली बिल हाफ योजना बंद होने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि बीजेपी सरकार ने महतारी वंदन के नाम पर महिलाओं को एक हज़ार रुपये दिए, लेकिन बिजली बिल में बढ़ोतरी करके उन्हीं महिलाओं से तीन-तीन हज़ार रुपये वापस वसूल रही है। बघेल ने आरोप लगाया कि सरकार ने महिलाओं को सीधे तौर पर ठगा है।
इसके अलावा, उन्होंने वोट चोरी के मुद्दे पर भी सरकार को घेरते हुए कहा कि बीजेपी ने वोट चोरी करके सरकार बनाई, लेकिन फिजूल में लोग महिलाओं को दोष दे रहे थे कि उन्होंने एक हज़ार रुपये के लिए कांग्रेस को हरा दिया।