बड़ी खबर: लद्दाख हिंसा के बाद एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक गिरफ्तार


00 NSA के तहत हुई कार्रवाई; पुलिस ने हिंसा भड़काने और उकसाने का लगाया आरोप, लेह में इंटरनेट सेवा बंद

TTN Desk

लेह/श्रीनगर: लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की माँग को लेकर हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद, पुलिस ने जलवायु कार्यकर्ता और शिक्षाविद सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया है।

0 गिरफ्तारी और आरोप

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लद्दाख पुलिस ने शुक्रवार, 26 सितंबर 2025 को सोनम वांगचुक को गिरफ्तार किया।

* लगाए गए आरोप: पुलिस और गृह मंत्रालय (MHA) ने वांगचुक पर हाल ही में लेह में हुई हिंसा भड़काने और प्रदर्शनकारियों को उकसाने का आरोप लगाया है, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी।

* सख्त कार्रवाई: सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कार्रवाई की गई है। NSA के तहत बिना जमानत के लंबी निवारक हिरासत (preventive detention) का प्रावधान है।

* पहले ही रद्द हुआ FCRA लाइसेंस: उनकी गिरफ्तारी से एक दिन पहले, गृह मंत्रालय ने उनके एनजीओ ‘स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख’ (SECMOL) का विदेशी चंदा लेने का FCRA लाइसेंस भी रद्द कर दिया था।

0 लेह में इंटरनेट बंद

वांगचुक की गिरफ्तारी के तुरंत बाद, लेह में इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। प्रशासन का कहना है कि यह कदम गलत सूचना के प्रसार को रोकने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया है।

0 मुझे बलि का बकरा बनाया गया : सोनम

गिरफ्तारी से पहले वांगचुक ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि वह अहिंसक विरोध कर रहे थे, और उन्हें “बलि का बकरा” बनाया जा रहा है। उन्होंने पहले ही अपनी गिरफ्तारी की आशंका जताई थी और कहा था कि यदि यह लद्दाख के हित में होता है, तो उन्हें खुशी होगी।

0 पत्नी ने जताया रोष

सोनम वांगचुक की पत्नी ने गिरफ्तारी पर गुस्सा जताते हुए कहा है कि उनके पति के साथ बिना किसी सुनवाई के एक अपराधी जैसा व्यवहार किया जा रहा है।

0 विपक्ष ने निंदा की

आम आदमी पार्टी (AAP) और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती समेत कई राजनीतिक दलों ने उनकी गिरफ्तारी की निंदा की है।
लद्दाख के आंदोलनकारी संगठन लेह एपेक्स बॉडी (LAB) के वरिष्ठ सदस्य के रूप में सोनम वांगचुक लगातार लद्दाख के लिए राज्य के दर्जे और संवैधानिक सुरक्षा की मांग को लेकर मुखर रहे हैं।