
00 मानस मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर पत्रकारों से संवाद
TTN डेस्क
कोरबा: प्रसिद्ध संत जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी इन दिनों कोरबा प्रवास पर हैं। भवानी मंदिर के पास नवनिर्मित मानस मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में उनकी राम कथा चल रही है। आज (गुरुवार) उन्होंने पत्रकारों से खुलकर बातचीत की और देश व धर्म से जुड़े कई मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखी।
0 छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण और नक्सलवाद दोनों का खात्मा
रामभद्राचार्य जी ने छत्तीसगढ़ की मौजूदा स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य से जिस तेजी से नक्सली उन्मूलन हो रहा है, उसी तरह यहां से धर्मांतरण का भी जल्द ही निर्मूलन (जड़ से समाप्ति) होगा।
हिंदू राष्ट्र के संकल्प पर उन्होंने कहा, “हिंदू राष्ट्र बनने में कुछ देरी है, किंतु हिंदू राष्ट्र अवश्य बनेगा।” अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का श्रेय उन्होंने नेताओं के बजाय संतों को दिया।
0 आलोचकों पर तीखा वार: “हाथी चले बाजार…”
अपनी आलोचना करने वालों को जवाब देते हुए जगद्गुरु ने कहा कि किसी और को तो ज्ञानपीठ पुरस्कार नहीं मिला है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “कोई जलता है तो मैं क्या करूँ और वैसे भी हाथी चले बाजार तो कुत्ते भौंके हजार।”
उन्होंने युवा संत आचार्य धीरेंद्र शास्त्री (बागेश्वर धाम) की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे उनके शिष्य हैं और अच्छा कार्य कर रहे हैं। उन्होंने खुशी व्यक्त की कि सनातन धर्म का प्रसार तेजी से हो रहा है।
0 CJI पर जताई नाराजगी; गुरुकुल का संकल्प
एक सवाल के जवाब में रामभद्राचार्य जी ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) के प्रति नाराजगी जाहिर की और कहा कि उन्हें दंड मिलेगा और “वे जल्द ही रिटायर होंगे, देखिएगा तब।”
0 वैदिक गुरुकुल का लाभ ऑनलाइन पूरे देश को मिलेगा
उन्होंने बताया कि वह चित्रकूट में वैदिक गुरुकुल की स्थापना कर रहे हैं, जिसका लाभ ऑनलाइन माध्यम से पूरे देश को मिलेगा। उन्होंने छत्तीसगढ़ में भी वैदिक गुरुकुल स्थापित करने की इच्छा जताई।
0 कोरबा के जोगिया डेरा को मिला नया नाम ‘कौशल्या धाम’
जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी ने भवानी मंदिर जिस क्षेत्र जोगिया डेरा में बसा है, उसे अब ‘कौशल्या धाम’ के नाम से जाने जाने की बात कही। उन्होंने नव निर्मित मानस मंदिर को दिव्य और भव्य निर्माण बताया, जिसके लिए उन्होंने भवानी मंदिर की ज्योति जी को प्रेरित किया था।
उन्होंने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय रविवार को कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आएंगे,तब वे उनसे राज्य और कोरबा को ले कर चर्चा करेंगे। अंत में, उन्होंने पत्रकारों को संवाद में संतुलन बनाए रखने की महत्ता याद दिलाई, क्योंकि संतुलन न होने पर अनर्थ हो सकता है।


