




00 मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने किया सम्मानित
00 क्रिटिकल केयर पर हुआ था दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मलेन,देश विदेश के विशेषज्ञों ने साझा किए अनुभव
TTN डेस्क
कोरबा । कोरबा जिले के वरिष्ठ और ख्यातिप्राप्त चिकित्सकों हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ. संजय पांडेय, पारंगत सर्जन डॉ. शंकर पालीवाल, और मेडिकल विशेषज्ञ डॉ. अविनाश तिवारी को चिकित्सा सेवाओं में उनके उत्कृष्ट और समर्पित योगदान के लिए सम्मानित किया गया है। उनकी चिकित्सकीय सेवा का प्रारंभ से अब तक का पूरा कार्यकाल बीहड़ आदिवासी बहुलता वाले कोरबा जिले में ही सक्रियता के साथ रहा है।उनके दशकों के अनुभव और मानव सेवा में समर्पण ने ऊर्जानगरी कोरबा का नाम रोशन किया है।
उन्हें यह प्रतिष्ठित सम्मान रायपुर में 25 और 26 अक्टूबर को आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मलेन ‘क्रिटिकॉन 2025’ के दौरान प्रदान किया गया। यह सम्मलेन क्रिटिकल केयर के विषय पर केंद्रित था, जिसमें कोरबा सहित प्रदेशभर से करीब 1200 फिजिशियन और देश-विदेश के चिकित्सक शामिल हुए थे।
समारोह के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने इन चिकित्सकों को उनके अमूल्य जीवन बचाने और मरीजों की धड़कनों को थामने के उत्कृष्ट कार्य के लिए पुरस्कृत किया। छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के लगभग 25 चिकित्सकों को उनके शहरों में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया, जिनमें कोरबा के ये तीन चिकित्सक भी शामिल थे।
0 स्वास्थ्य सेवा में नवाचार की दिशा में बड़ा कदम : सीएम
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि, क्रिटिकॉन रायपुर–2025 चिकित्सा विज्ञान, विशेषकर क्रिटिकल केयर मेडिसिन के क्षेत्र में नवाचार और उत्कृष्टता का मंच है। यह देश-विदेश के विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं को एक साथ लाकर नई दिशाएं तय करने का अवसर देता है।
0 नई तकनीक लिख रही है नए भारत की कहानी : डॉ. रमन सिंह
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि क्रिटिकल केयर जैसे अति महत्वपूर्ण विषय पर कॉन्फ्रेंस की मेजबानी रायपुर के लिए गौरव की बात है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स टेक्नोलॉजी के उपयोग से इलाज की नई संभावनाएं खुल रही हैं, जो नए भारत की नई कहानी लिख रही हैं।डॉ. सिंह ने चिकित्सकों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि आपात स्थिति में मरीज की जान बचाने में क्रिटिकल केयर डॉक्टरों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने कहा कि हर जिले और बड़े अस्पताल में क्रिटिकल केयर यूनिट्स की स्थापना समय की आवश्यकता है।
0 विदेश से आए चिकित्सकों ने भी बताए अनुभव,हुई चर्चा
पूरे भारत से 1000 से अधिक प्रतिनिधियों और भारत तथा विदेश से 45 से अधिक संकाय सदस्यों के साथ, इस सम्मेलन में अग्रणी इंटेंसिविस्ट, एनेस्थेसियोलॉजिस्ट, चिकित्सक और स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर एकत्रित हुए, तथा गहन देखभाल में उभरते रुझानों और साक्ष्य-आधारित प्रणालियों पर गहन चर्चा की गई।
0यूरोप के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने दिया उपयोगी मार्गदर्शन
दूसरे दिन उच्च-प्रभावी वैज्ञानिक सत्र और विशेषज्ञ पैनल आयोजित किए गए, जिनका नेतृत्व डॉ. मार्कस शुल्ट्ज़ (एम्स्टर्डम, नीदरलैंड) और डॉ. क्विरिनो पियासेवोली (रोम, इटली) सहित प्रख्यात राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संकाय सदस्यों ने किया। चर्चाओं में सेप्सिस प्रबंधन, साइटोकाइन स्टॉर्म, आईसीयू में हृदय संबंधी शिथिलता, प्रतिरक्षाविहीन रोगियों में निमोनिया और यांत्रिक वेंटिलेशन रणनीतियों जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई। विशेषज्ञों ने तीव्र मस्तिष्क क्षति में न्यूरो-मॉनिटरिंग, पॉइंट-ऑफ-केयर अल्ट्रासाउंड (पीओसीयूएस), रोगाणुरोधी प्रतिरोध, हाइपरग्लाइसेमिक आपात स्थिति, टॉक्सिनड्रोम, ईसीएमओ में प्रगति, और आईसीयू में हृदय एवं यकृत विफलता प्रबंधन पर भी चर्चा की। दिन का समापन द्रव चिकित्सा की सटीकता, कंट्रास्ट-प्रेरित नेफ्रोपैथी, आईसीयू में अतालता और मस्तिष्क मृत्यु प्रोटोकॉल पर अद्यतन जानकारी के साथ हुआ।


