छत्तीसगढ़ : शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण के खिलाफ काली पट्टी लगाकर प्रदर्शन, चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी

TTN Desk

छत्तीसगढ़ में शिक्षक अपनी विभिन्न मांगों को लेकर, खासकर युक्तियुक्तकरण के विरोध में, लगातार आंदोलन कर रहे हैं। इसी कड़ी में, उन्होंने सोमवार से शुरू हुए शैक्षणिक सत्र पर काली पट्टी लगाकर प्रदर्शन किया है और चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो वे चरणबद्ध आंदोलन करेंगे। इसी क्रम में जिले में युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के खिलाफ शिक्षकों का विरोध तेज हो गया है। शिक्षक साझा मंच के बैनर तले जिले के 8000 से अधिक शिक्षक सोमवार को काली पट्टी बांधकर स्कूल पहुंचे और शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध दर्ज कराया।

शिक्षकों का कहना है कि युक्तियुक्तकरण की वर्तमान प्रक्रिया से न केवल शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है, बल्कि इससे विद्यार्थियों और अभिभावकों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। शिक्षक साझा मंच के प्रांतीय संचालक डॉ. गिरीश केसकर ने बताया कि यह प्रक्रिया शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट ला सकती है, इसलिए इसकी विसंगतियों को दूर किया जाना आवश्यक है।

मुख्य बिंदु:

* विरोध का कारण: शिक्षकों का मुख्य विरोध शिक्षा विभाग द्वारा किए जा रहे युक्तियुक्तकरण का है। शिक्षकों का मानना है कि यह युक्तियुक्तकरण अवैज्ञानिक तरीके से किया जा रहा है, जिससे कई शिक्षकों को दूरदराज के इलाकों में स्थानांतरित किया जा रहा है और कुछ स्कूलों में शिक्षकों की कमी हो रही है, जबकि अन्य में अधिकता।

* काली पट्टी प्रदर्शन: शिक्षकों ने अपने विरोध को दर्ज कराने के लिए काली पट्टी बांधकर स्कूलों में अपनी सेवाएं दीं। यह एक सांकेतिक विरोध था जिसका उद्देश्य सरकार का ध्यान उनकी समस्याओं की ओर आकर्षित करना था।

* अन्य मांगे: युक्तियुक्तकरण के अलावा, शिक्षकों की अन्य मांगे भी हैं जिनमें पदोन्नति, पुरानी पेंशन योजना की बहाली, लंबित वेतनमान और अन्य भत्तों का भुगतान शामिल है।

* चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी: शिक्षकों के विभिन्न संघों ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि सरकार उनकी मांगों पर सकारात्मक रुख नहीं अपनाती है, तो वे चरणबद्ध तरीके से आंदोलन को तेज करेंगे। इसमें स्कूल बंद करना, धरना प्रदर्शन और रैलियां शामिल हो सकती हैं।

* सरकार पर दबाव: शिक्षकों का यह आंदोलन राज्य सरकार पर दबाव डाल रहा है क्योंकि शिक्षा व्यवस्था में किसी भी तरह की बाधा का सीधा असर छात्रों पर पड़ता है।
यह आंदोलन छत्तीसगढ़ में शिक्षकों के बीच व्याप्त असंतोष को दर्शाता है और सरकार के लिए एक चुनौती प्रस्तुत करता है। शिक्षक संघों का कहना है कि वे अपने अधिकारों और बेहतर सेवा शर्तों के लिए लड़ाई जारी रखेंगे।