OO दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से 15 करोड़ कैश मिलने के मामले में कार्रवाई शुरू हो गई है। दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय ने शुक्रवार को इंटरनल इन्क्वायरी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के CJI संजीव खन्ना को सौंप दी। अब कॉलेजियम इस पर आगे की कार्रवाई करेगा।
OO इस बीच, दिल्ली फायर सर्विस के प्रमुख अतुल गर्ग ने कहा है कि मैंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है कि जज के घर कैश नहीं मिला है। 21 मार्च को मीडिया रिपोर्ट्स में गर्ग का बयान छपा था, जिसमें उनके हवाले से बताया गया था कि जस्टिस वर्मा के घर आग बुझाने के दौरान कोई कैश बरामद नहीं हुआ था।
TTN Desk
दिल्ली हाइकोर्ट जज के घर आगजनी के बाद मिले करोड़ों रुपए के मामले में रोज नए टर्न आ रहे है।अब फायर सर्विस अधिकारी ने कहा है कि उन्होंने नगदी नहीं मिलने वाला कोई बयान दिया ही नहीं है।इलाहाबाद हाइकोर्ट के अधिवक्ता जस्टिस वर्मा के इलाहाबाद ट्रांसफर के विरोध में उतर आए है।सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि रुपए मिलने के मामले में अफवाह फैलाई जा रही है।वही करीब 98 करोड़ के घोटाले के एक मामले की चर्चा फिर से शुरू हो गई है जिसमें जस्टिस वर्मा भी आरोपी थे और इस मामले की जांच पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर रोक दी गई।
होली के दिन लुटियंस दिल्ली स्थित बंगले पर आग लगी थी जस्टिस वर्मा के लुटियंस दिल्ली स्थित बंगले पर 14 मार्च को होली की रात करीब 11.35 बजे आग लगने के बाद कैश बरामद हुआ था। दिल्ली के अग्निशमन विभाग के कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर आग बुझाई थी। घटना के दौरान जस्टिस वर्मा शहर से बाहर थे। उनका परिवार घर में मौजूद था।
O इस मुद्दे से है अवगत : चीफ जस्टिस
बार काउंसिल के सदस्यों ने दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस देवेंद्र उपाध्याय के सामने इस मुद्दे को उठाया और उनसे कार्रवाई करने का अनुरोध किया। चीफ जस्टिस ने जवाब दिया कि जज इस मुद्दे से अवगत हैं।
O सुप्रीम कोर्ट ने इंटरनल इनक्वायरी बैठाई
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ इंटरनल इन्क्वायरी शुरू की है। उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने का प्रस्ताव अलग है। बयान में कहा गया है कि जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास पर हुई घटना के संबंध में गलत सूचना और अफवाहें फैलाई जा रही हैं।
O सुप्रीम कोर्ट का बयान
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले पर बयान जारी किया। जिसमें कहा गया कि कैश मिलने की गलत सूचनाएं और अफवाहें फैलाई जा रही हैं। दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस आज CJI संजीव खन्ना को प्राइमरी रिपोर्ट सौंपेंगे। इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।
O इलाहाबाद ट्रांसफर
पूरे घटनाक्रम के दौरान सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस वर्मा का वापस इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर कर दिया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने बयान में साफ किया कि जज के बंगले से कैश मिलने की खबर और उनके तबादले का आपस में कोई संबंध नहीं है।
O 97.85 करोड़ के घोटाले में भी आया था नाम,सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जांच हुई बंद
इससे पहले 2018 में गाजियाबाद की सिम्भावली शुगर मिल में गड़बड़ी के मामले में जस्टिस वर्मा के खिलाफ CBI ने FIR दर्ज की थी। NDTV की एक रिपोर्ट के मुताबिक ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स ने मिल में गड़बड़ी की शिकायत की थी।
शिकायत में कहा था कि शुगर मिल ने किसानों के लिए जारी किए गए 97.85 करोड़ रुपए के लोन का गलत इस्तेमाल किया है।
जस्टिस वर्मा तब कंपनी के नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर थे। इस मामले में CBI ने जांच शुरू की थी। हालांकि जांच धीमी होती चली गई।
फरवरी 2024 में एक अदालत ने CBI को बंद पड़ी जांच दोबारा शुरू करने का आदेश दिया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को पलट दिया और CBI ने जांच बंद कर दी।
O ट्रांसफर के प्रस्ताव का विरोध,इलाहाबाद हाइकोर्ट कूडादान नहीं
वहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने भी जस्टिस वर्मा के ट्रांसफर का विरोध किया और कहा, हम कोई कूड़ेदान नहीं हैं. प्रस्ताव में कहा, हम इस बात से हैरान हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस यशवंत वर्मा को वापस इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने का फैसला लिया है. एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल तिवारी को प्रस्ताव में कैश के आंकड़े का भी जिक्र किया है.