सरगुजा : भूमि खरीद-बिक्री में धोखाधड़ी के मामले में बीजेपी, कांग्रेस नेताओं सहित सात लोगों के खिलाफ FIR का आदेश

 

OO अनपढ़ ग्रामीण महिलाओं से 1.34 करोड़ की ठगी, सरगुजा BJP जिलाध्यक्ष सिसोदिया और कांग्रेस जिला महामंत्री राजीव अग्रवाल पर गंभीर आरोप

TTN Desk

छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) ने अंबिकापुर में भूमि खरीद-बिक्री से संबंधित एक बड़े गबन और धोखाधड़ी के मामले में कड़ा रुख अपनाया है। इस प्रकरण में 70 और 75 वर्षीय दो अनपढ़ ग्रामीण महिलाओं से 1 करोड़ 34 लाख 84 हजार रुपये की कथित ठगी का आरोप है। न्यायालय ने सरगुजा भारतीय जनता पार्टी (BJP) जिला अध्यक्ष भारत सिंह सिसोदिया, कांग्रेस जिला महामंत्री राजीव अग्रवाल सहित कुल सात लोगों के खिलाफ अभियोग पंजीबद्ध करने और प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज करने का आदेश दिया है। साथ ही, न्यायालय ने पुलिस को FIR की कॉपी दो सप्ताह के भीतर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। यह मामला क्षेत्र में राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है।

0 ये है पूरा मामला

मामला अंबिकापुर के एक भूमि सौदे से जुड़ा है, जिसमें दो वृद्ध अनपढ़ ग्रामीण महिलाओं चंद्रमणि और कलावती कुशवाह, जिनकी उम्र 70 और 75 वर्ष बताई गई है, को कथित तौर पर धोखा देकर उनकी जमीन के नाम पर 1 करोड़ 34 लाख 84 हजार रुपये का गबन किया गया। उन्हें केवल 42 लाख रुपए दिए गए।

शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि आरोपियों ने महिलाओं की अशिक्षा और भोलेपन का फायदा उठाकर फर्जी दस्तावेजों और गलत जानकारी के आधार पर जमीन की खरीद-बिक्री की। इस प्रक्रिया में न केवल महिलाओं को आर्थिक नुकसान हुआ, बल्कि उनकी जमीन भी उनके हाथ से निकल गई।जमीन पर चूंकि उनके दो भाइयों का कब्जा था तो वे इसी सिलसिले में वकील  के पास गई थी और उन्होंने कहा कि ये मामले में बड़े लोग है।मैं तुम्हे किसी बड़े आदमी से मिलवा देता हूं,तुम जमीन बेच दो।वैसे भी तुम्हारी जमीन भाइयों के पास है,तुम लोग ले नहीं पाओगे।उनके इस तरह बरगलाने पर वह उनकी बातों में आ गई और धोखाधड़ी का शिकार हो गई।मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सुनवाई के बाद यह निर्णय लिया कि इस प्रकरण में आपराधिक गबन और धोखाधड़ी के पर्याप्त आधार हैं। कोर्ट ने पुलिस को भारतीय दंड संहिता (IPC) और अब लागू नए भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत जुर्म दर्ज करने कहा है।

O न्यायालय का आदेश

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सरगुजा ने इस मामले में निम्नलिखित निर्देश जारी किए हैं:

अभियोग पंजीकरण: सभी सात आरोपियों के खिलाफ उचित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाए।

FIR दर्ज करना: पुलिस को तत्काल प्रभाव से FIR दर्ज करने और इसकी प्रति दो सप्ताह के भीतर न्यायालय में प्रस्तुत करने का आदेश।

निष्पक्ष जांच: पुलिस को मामले की गहन और निष्पक्ष जांच करने का निर्देश, ताकि पीड़ित महिलाओं को न्याय मिल सके।कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अनपढ़ और वृद्ध महिलाओं के साथ इस तरह की धोखाधड़ी सामाजिक और कानूनी रूप से अक्षम्य है।