OO ईरान ने कतर की राजधानी दोहा में स्थित अमेरिकी सैन्य बेस पर सोमवार, 23 जून 2025 को 6 मिसाइलें दागीं। यह घटना क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बीच हुई, जिसमें ईरान और अमेरिका के बीच सैन्य और कूटनीतिक टकराव तेज हो गया है।
TTN Desk
कुछ मीडिया प्लेटफॉर्म की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने इस हमले की पुष्टि की है, हालांकि पूरी जानकारी अभी सामने नहीं आई है।
यह हमला अमेरिका द्वारा हाल ही में ईरान के परमाणु ठिकानों (फोर्डो, नतांज और इस्फहान) पर किए गए हमले के जवाब में माना जा रहा है, जिसे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने परमाणु कार्यक्रम को निष्क्रिय करने के लिए स्वीकृति दी थी।
हमला कतर की राजधानी दोहा में अल उदीद एयर बेस पर हुआ, जो यूएस सेंट्रल कमांड (CENTCOM) का एक प्रमुख फॉरवर्ड हेडक्वार्टर है। यह घटना भारतीय समयानुसार सोमवार रात करीब 10:30 बजे के आसपास हुई।
O 6 मिसाइलों को दागा
ईरानी सैन्य बलों ने 6 मिसाइलें दागीं, जिनका लक्ष्य अमेरिकी सैन्य ठिकाना था। अभी तक इस हमले में हुए नुकसान या हताहतों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
O क्या कहा ईरान ने.?
ईरानी मीडिया ने दावा किया कि यह हमला अमेरिका की ओर से किए गए हालिया हमले के जवाब में था। ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स (IRGC) ने संकेत दिया कि यह कार्रवाई उनके आत्मरक्षा के अधिकार का हिस्सा है।
O अमेरिकी हमले के बाद की स्थिति
पिछले सप्ताह, अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर बी-2 बमवर्षकों और टॉमहॉक मिसाइलों का उपयोग करते हुए हमला किया था। इस कार्रवाई को इजरायल के समर्थन में उठाया गया कदम माना जा रहा है, क्योंकि ईरान और इजरायल के बीच चल रही जंग में तनाव चरम पर है।
O बढ़ गया क्षेत्रीय तनाव
इस घटना के बाद कतर और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने अपने हवाई क्षेत्र बंद कर दिए हैं, जिससे क्षेत्र में और असुरक्षा बढ़ गई है। ईरानी सेना प्रमुख ने चेतावनी दी है कि अमेरिका के हर कदम का जवाब दिया जाएगा, जबकि इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की बात कही है।
O अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिकी दूतावास ने कतर में अपने नागरिकों के लिए सतर्कता बरतने की सलाह जारी की है। संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत ने संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में और जवाबी कार्रवाई हो सकती है।
O क्या हो सकते है संभावित परिणाम
इस हमले से मध्य पूर्व में युद्ध की आशंका और गहरा गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर तनाव बढ़ता है, तो ईरान अपने प्रॉक्सी समूहों (जैसे हिजबुल्लाह और हूती विद्रोही) के माध्यम से अन्य अमेरिकी ठिकानों पर हमले कर सकता है।तेल आपूर्ति और होर्मुज जलडमरूमध्य पर प्रभाव पड़ने की संभावना है, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर खतरा हो सकता है।अमेरिका और उसके सहयोगी देशों (जैसे सऊदी अरब और जॉर्डन) ने अपनी सैन्य तैयारियों को बढ़ा दिया है, जिसमें करीब 40,000 सैनिक पहले से तैनात हैं।