जंग का ऐलान : ईरानी सुप्रीम लीडर ने कहा “हैदर के नाम पर युद्ध शुरू होता है…”

OO ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने 17 जून 2025 को देर रात X पर पोस्ट कर इज़रायल के खिलाफ युद्ध की आधिकारिक घोषणा की। उन्होंने लिखा, “हैदर के नाम पर, युद्ध शुरू होता है। हम आतंकी यहूदी शासन को कड़ा जवाब देंगे। उन पर कोई दया नहीं दिखाएंगे।

TTN Desk

ईरानी सुप्रीम लीडर की इस घोषणा के बाद ईरान ने इज़रायल पर 25 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिससे तेल अवीव और अन्य शहरों में सायरन बजे और नागरिक बंकरों में शरण लेने को मजबूर हुए।

खामेनेई ने दावा किया कि “अल्लाह की मदद से इस्लामी गणराज्य ज़ायोनिस्ट शासन पर विजय प्राप्त करेगा।” ईरान ने युद्धविराम की वार्ता को खारिज कर दिया और इज़रायल को परमाणु हथियार बनाने से रोकने की इज़रायल की नीति के खिलाफ जवाबी हमले तेज किए।

O इज़रायल-ईरान संघर्ष का आज का अपडेट

O इज़रायल की कार्रवाई

इज़रायल ने ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ के तहत ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर लगातार हवाई हमले किए। 13 जून से शुरू हुए हमलों में ईरान के कई शीर्ष सैन्य कमांडर और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए, जिसमें खतम अल-अनबिया के प्रमुख अली शादमानी भी शामिल हैं।ईरान का जवाब: ईरान ने ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3’ के तहत इज़रायल पर अब तक 400 से अधिक मिसाइलें दागीं, जिससे तेल अवीव में एक आठ मंजिला इमारत सहित बंदरगाहों और बस्तियों को नुकसान पहुंचा। इज़रायल में 24 लोगों की मौत और 600 से अधिक घायल होने की पुष्टि हुई।

O इज़रायल का दावा

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई की हत्या से संघर्ष खत्म हो सकता है। इज़रायल ने तेहरान के हवाई क्षेत्र पर नियंत्रण का दावा किया और ईरान के तेल कुओं को नष्ट कर दिया।

O ये हुई है जन हानि

ईरान में 224 लोगों की मौत और 1,277 घायल होने की खबर है। तेहरान, तबरीज़, और इस्फ़हान में हवाई रक्षा प्रणालियां सक्रिय हैं, लेकिन इज़रायली हमलों से भारी क्षति हुई।

O इराक की स्थिति

इराक ने अमेरिका से अनुरोध किया कि वह इज़रायली विमानों को ईरान पर हमले के लिए इराकी हवाई क्षेत्र का उपयोग करने से रोके। इराकी शहर करबला में नागरिकों ने इज़रायली हमलों और अमेरिकी दूतावास की मौजूदगी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए।

O ईरान का प्रभाव

इराक में ईरान समर्थित शिया मिलिशिया सक्रिय हैं, जो इज़रायल और अमेरिका के खिलाफ कार्रवाई की धमकी दे रही हैं। इराक क्षेत्रीय युद्ध का मैदान बनने से बचने की कोशिश कर रहा है।

O जॉर्डन का रुख

जॉर्डन ने अपने हवाई क्षेत्र को फिर से खोल दिया, लेकिन स्पष्ट किया कि वह किसी भी देश को इसका उपयोग युद्ध के लिए नहीं करने देगा।

O अमेरिका की भूमिका

सैन्य सहायता: अमेरिका ने इज़रायल की मिसाइल रक्षा प्रणाली को समर्थन दिया और कुछ ईरानी मिसाइलों को इंटरसेप्ट किया। मध्य पूर्व में अतिरिक्त फाइटर जेट तैनात किए गए।

ट्रंप का रुख: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को बिना शर्त आत्मसमर्पण करने की चेतावनी दी और दावा किया कि अमेरिका को खामेनेई की ठिकाने की जानकारी है, लेकिन “अभी” उसे निशाना नहीं बनाया जाएगा। ट्रंप ने G7 शिखर सम्मेलन छोड़कर राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के साथ बैठक की।

कूटनीतिक प्रयास: अमेरिका ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर अंतिम बातचीत की पेशकश की, लेकिन इज़रायल को एक “विशेष हथियार” देने की संभावना जताई, जिससे खामेनेई को निशाना बनाया जा सकता है।

संघर्ष में सीमित भागीदारी: ट्रंप ने कहा कि इज़रायल के हमलों में अमेरिका की प्रत्यक्ष भूमिका नहीं थी, लेकिन क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए युद्ध को सीमित रखने की कोशिश की जा रही है।

अमेरिकी हितों पर खतरा :ट्रंप ने मध्य पूर्व से अमेरिका को युद्धों से बाहर रखने की कसम खाई थी, लेकिन इज़रायल-ईरान संघर्ष में गहरी भागीदारी से क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य अड्डों और हितों को खतरा है।

O आगे क्या?संभावित परिणाम

इज़रायल का लक्ष्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट करना और संभवतः सत्ता परिवर्तन करना है, जबकि ईरान क्षेत्रीय प्रभाव बनाए रखने और इज़रायल को कमज़ोर करने की कोशिश कर रहा है।

O युद्ध का वैश्विक प्रभाव तेल की कीमत पर होगा

युद्ध के कारण तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे रूस को फायदा होगा, लेकिन लंबे संघर्ष से ईरान में सत्ता परिवर्तन की स्थिति में रूस अपने सहयोगी को खो सकता है।

O ये है भारत की चिंता

भारत ने ईरान में फंसे अपने नागरिकों को निकाला और दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की। युद्ध से भारत की ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक हित प्रभावित हो सकते हैं।