OO आठ दिवसीय योग ध्यान शिविर का समापन सीनियर क्लब, सी.एस.ई.बी. कोरबा पूर्व में किया गया।
TTN Desk
इस शिविर का संचालन दिनांक 04.05.2025 से 11.05.2025 तक किया गया। इस योग ध्यान शिविर का समापन आज रविवार को प्रातः 8:00 बजे किया गया। इस शुभ अवसर पर मुख्य अथिति के रूप में श्री जयदीप गर्ग, जिला एवं सत्र न्यायलय कोरबा के न्याया
धीश उपस्थित हुए तथा गुरुकुल योग एवं एक्यूप्रेशर संस्थान कोरबा के योगाचार्य डॉ. डी.के. आनंद के साथ बड़ी संख्या में योगाभ्यार्थी उपस्थित रहे।
O मुख्य अतिथि का इन्होंने किया स्वागत
मुख्य अतिथि श्री जयदीप गर्ग, का स्वागत श्री अनिल कुमार पाण्डे एवं श्री राजेन्द्र अग्रवाल, अधीक्षण अभियंता सीएसपीडीसीएल कोरबा वेस्ट के द्वारा पुष्प-गुच्छो को प्रदान कर किया गया।
O इसे अपनाने से सदैव रहेंगे स्वस्थ : जयदीप गर्ग
मुख्य अतिथि श्री जयदीप गर्ग ने अपने उद्बोधन में कहा की योग एक वैज्ञानिक पद्धति है, इस पद्धति को अपने जीवन में अपने से शरीर स्वस्थ रहता है, प्रत्येक दिन सुबह शाम एक घंटा योगाभ्यास ,प्राणायाम और ध्यान की क्रिया करने से कभी भी कोई बीमारी शरीर में नहीं आ सकती है और बुढ़ापे में किसी का सहारा लेने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। साथी उन्होंने अपने उद्बोधन में विधिक की भी जानकारी प्रदान किए, न्याय व्यवस्था के बारे में र विस्तृत जानकारी दिए। संविधान की रक्षा करना हम सब की जवाबदारी है, संविधान के जो नियम कायदे हैं, उसको पालन करना समाज के लोगों का कर्तव्य है, उसको पालन करते हुए जीवन को व्यतीत करना चाहिए, अगर व्यक्ति न्याय व्यवस्था को मन करके अपने जीवन में कार्यकर्ता है, उससे मजबूत राष्ट्र का निर्माण होगा। भारतीय संविधान का पालन करना हर भारतवासी का कर्तव्य है।
O स्वस्थ समाज के लिए स्वस्थ रहना जरूरी : डॉ आनंद
योगाचार्य डॉ डी के आनंद ने बताया कि योग हमारे जीवन का महत्वपूर्ण अंग है, जो व्यक्ति प्रत्येक दिन योग करता है ऐसे व्यक्ति हमेशा स्वस्थ रहेगा,अर्थात स्वस्थ व्यक्ति ही स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकता है।योगाचार्य डॉक्टर डीके आनंद ने प्रातः खाली पेट नाड़ी परीक्षण कर लोगों को उनके स्वास्थ्य के बारे में बताते हैं। शरीर में कौन कौन सी व्याधि है शरीर में क्या तकलीफ है वह नाड़ी को स्पर्श मात्र से ही सारे बीमारियों को बता देते हैं।
O शिविर रहा उपयोगी
विगत 8 दिनों में डॉ आनंद ने योग के लगभग 100 से ज्यादा आसान को सिखाएं , लगभग 15 से 20 प्राणायाम की विधि सिखाएं, एक्यूप्रेशर के बिंदु के बारे में बताएं, खान-पान के बताएं बारे में बताएं, भोजन सात्विक करें इसके ऊपर उन्होंने विस्तृत से प्रशिक्षण दिए भोजन तीन प्रकार के होते हैं, सात्विक , राजसिक, और तामसिक, मनुष्य को सिर्फ सात्विक भोजन ही करनी चाहिए, एक कहावत है कि, जैसा खाओगे अन्न, वैसा बनेगा मन ।उपवास के बारे मे जानकारी दिए। उपवास प्रत्येक माह में दो दिन करनी चाहिए, जिसमें एकादशी, अमावस्या, एवं पूर्णिमा का दिन करनी चाहिए।उपवास में कभी भी फल या अन्य का ग्रहण नहीं करना चाहिए । आप पानी पी कर उपवास करें, निर्जला उपवास भी कर सकते है।योग को हजारो साल पूर्व हमारे ऋषि मुनियो ने मानव समाज के उत्थान एवं मानव समाज के निर्माण के लिए दिया गया है। महर्षि पतंजलि के द्वारा अष्टांग योग दिया गया। योग का अर्थ है जोड़ना अर्थात व्यक्ति अपने मन को शरीर व आत्मा से जोड़ने का कार्य करता है साथ ही योग मनुष्य को एक-दूसरे के साथ आपस में अच्छा व्यवहार बनता है साथ ही योग के मध्यम से मनुष्य पशु-पक्षी, जीव-जन्तु एवं प्राकृति के साथ अच्छा समन्वय बना कर समाज को आगे बढ़ाने का कार्य करता है।
अंत में मुख्य अतिथि को शॉल एवं श्रीफल भेट किए, तदोपरांत मुख्य अतिथि ने डॉ. डी.के. आनंद को शॉल एवं श्रीफल से सम्मानित किए।इस शिविर में विभिन्न आसनों को डॉ आनंद द्वारा कर प्रशिक्षण दिया गया।
O योग के ये आठ अंग हैं
१) यम, २) नियम, ३) आसन, ४) प्राणायाम, ५) प्रत्याहार, ६) धारणा ७) ध्यान ८) समाधि इन सभी के बारे में विस्तृत से जानकारी प्रदान किए।डॉ आनंद के द्वारा प्रत्येक दिन अपने निवास स्थान महाराणा प्रताप नगर कोरबा में योग ध्यान, पंचकर्म चिकित्सा, एक्यूप्रेशर, एक्यूपंचर, न्यूरोपैथी कपिंग थेरेपी, द्वारा उपचार किया जाता है।
मंच का संचालन श्रीमती सोनाली बरनवाल के द्वारा किया गया। योगाभ्यार्थियों श्रीमती सविता गर्ग ने अपने उद्बोधन एवं अन्य कई योग्य अभ्यर्थियों ने अपनी-आप ने बातों को सभी के समक्ष रखा और कहा कि इस आठ दिवस में हमें बहुत कुछ लाभ प्राप्त हुआ है। इस तरह का शिविर हमेशा होते रहना चाहिए ताकि हम लोगों को लाभ मिल सके।