कभी करोड़पति फिर ड्राइवरी…दर्दनाक अंत : एक ही परिवार के सात सदस्यों की सामूहिक आत्महत्या,पहले सुनी धीरेन्द्र शास्त्री की कथा और फिर…

पंचकूला: एक ही परिवार के 7 सदस्यों की सामूहिक आत्महत्या, कार में मिले शव

O धीरेन्द्र शास्त्री की कथा सुनने गए थे, पिंजौर के पास सुनसान जगह पर दुखद अंत, माता पिता, पति पत्नी और 3 बच्चों के मिले शव

TTN Desk

हरियाणा में पंचकूला के पिंजौर इलाके में उस वक्त सनसनी फैल गई जब एक सुनसान जगह पर खड़ी हुंडई औरा सीएनजी कार के अंदर से एक ही परिवार के सात सदस्यों के शव बरामद हुए। कार के भीतर कुल सात लोग प्रवीण मित्तल (42), उनके पिता देशराज मित्तल, मां, पत्नी और तीन बच्चों के शव मिले है । यह घटना मंगलवार की सुबह सामने आई जब स्थानीय लोगों ने लावारिस हालत में खड़ी इस कार को देखा और तुरंत पुलिस को सूचना दी।

O धीरेन्द्र शास्त्री की कथा सुन कर वापस लौट रहे थे

आत्महत्या करने वाला परिवार बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री की हनुमंत कथा से लौट रहा था।
रिपोर्ट्स में बताया गया है कि यह परिवार मूल रूप से उत्तराखंड के देहरादून का रहने वाला था और पंचकूला में कथा सुनने के लिए आया था। कथा समाप्त होने के बाद, घर लौटते समय उन्होंने सेक्टर 27 में कार में जहर खाकर अपनी जान दे दी।

O प्रारंभिक जांच में सामूहिक आत्महत्या का शक गहराया

पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह मामला सामूहिक आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट मिलने की खबर है, जिससे इस दुखद घटना के पीछे की वजह आर्थिक परेशानी और मानसिक दबाव आत्महत्या का कारण है। फोरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल से महत्वपूर्ण सबूत जुटाए हैं।

O कुछ साल पहले तक थे करोड़पति और फिर ड्राइवरी से गुजरबसर

मृतकों की पहचान कर ली गई है, पड़ोसियों और रिश्तेदारों से पूछताछ में भी इस बात की पुष्टि हुई है कि परिवार गंभीर वित्तीय संकट में था।मृतक प्रवीण के मामा के बेटे संदीप अग्रवाल ने बताया कि मृतक मूल रूप से हिसार के बरवाला का रहने वाले थे. करीब 12 साल पहले पंचकूला में शिफ्ट हुए थे और उनकी स्क्रैप की एक फैक्ट्री बद्दी हिमाचल में थी. जिसको बैंक ने सीज़ कर लिया था. जिसका कर्ज काफी हो गया था, जिसके चलते हुए एकदम से पंचकूला से गायब होकर उत्तराखंड के देहरादून में शिफ्ट हो गए थे, 5 साल तक उन्होंने किसी से कोई संपर्क नहीं किया.फिर कुछ समय पहले मोहाली के खरड़ में आकर रहने लगे. जब वह देहरादून शिफ्ट हुए थे, तब उनके ऊपर करीबन 20 करोड़ रुपए का कर्ज था. कर्ज नहीं देने के चलते उन्हें जान से मारने की धमकियां भी मिली थी. फिलहाल टैक्सी चला कर अपनी गुजर बसर कर रहे थे. कर्ज के चलते बैंक ने उनके दो फ्लैट एक फैक्ट्री और गाड़ियां पहले ही जब्त कर ली थी.

O पुलिस हर पहलू से कर रही पड़ताल

पंचकूला पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। पुलिस हर पहलू से मामले की जांच कर रही है ताकि सच्चाई सामने आ सके। क्या यह वाकई सामूहिक आत्महत्या है या इसके पीछे कोई और पहलू है, इसकी भी पड़ताल की जा रही है।