।। मनोज शर्मा ।।
बात 2014 की है,बीजेपी की छत्तीसगढ़ में लगातार तीसरी बार सरकार बन गई थी और डॉ रमन सिंह मुख्यमंत्री।तब कांग्रेस आलाकमान ने प्रदेश में कांग्रेस की बागडोर भूपेश बघेल को अध्यक्ष बना कर दी गई,वहीं विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता टी एस सिंहदेव को बनाया गया।बघेल ने कांग्रेस को नए सीरे से जुझारू बनाया वहीं सिंहदेव ने बेहतर समन्वय के साथ कांग्रेसजनों को जोड़ा।सदन में सरकार को घेरा।उन्होंने प्रदेश में लोगों से मिलकर जनाकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करने वाला कांग्रेस का घोषणा पत्र बनाया और 2018 में पहली बार कांग्रेस की चुनी हुई सरकार बनी।2014 से 2018 के इस दौर में बघेल सिंहदेव की जोड़ी “जय वीरू ” के रूप में प्रसिद्ध हो गई थी।2001 में राज्य बनने के बाद विधायकों की संख्या के आधार पर अजीत जोगी को पहले सीएम बनने का गौरव मिला था।
0 सत्ता में आने के बाद टूट गई “जय वीरू ” की जोड़ी
उसके बाद 2003 में हुए राज्य के पहले चुनाव में बीजेपी ने जो जीत हासिल की वो बाद में हैट्रिक में बदल गई।निरंतर 15 साल तक बीजेपी सत्ता में रही।अब आते है 2023 में बीजेपी की फिर प्रदेश में सरकार बनी हालांकि कांग्रेस 35 सीट जीतकर सशक्त विपक्ष के रूप में सामने थी।मगर सिंहदेव खुद चुनाव हार गए।कांग्रेस की सरकार के दौरान ढाई ढाई साल के सीएम फार्मूले की बात उठती रही और बघेल सिंहदेव के बीच दूरी बढ़ती गई हालांकि कार्यकाल के आखिरी दौर में सिंहदेव को राज्य का पहला डिप्टी सीएम जरूर बनाया गया।वहीं महंत सिंहदेव के संबंध मजबूत हो गए।
0 बघेल को संगठन में राष्ट्रीय जिम्मेदारी मगर ….
इधर भूपेश बघेल की सरकार पर तमाम तरह के भ्रष्टाचार के आरोप लगे है।हालांकि अब महंत नेता प्रतिपक्ष है और बघेल पार्टी फोरम में अप्रत्यक्ष रूप से महंत को ये कह कर निशाने पर ले चुके है कि प्रदेश की बीजेपी सरकार को आक्रामक विपक्ष के रूप में घेरा नहीं जा रहा है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज है। अध्यक्ष पद पर भी बदलाव होना है।बघेल को संगठन में राष्ट्रीय पदाधिकारी की जिम्मेदारी मिली हुई है किन्तु उनका मन अभी भी प्रदेश में ही रमा हुआ है।सूत्रों के मुताबिक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के लिए टी एस सिंहदेव का नाम तय हो चुका है ,मगर अब तक उसकी घोषणा नहीं की गई है।
0 जयसिंह अग्रवाल को मिल सकती है ये नई जिम्मेदारी
इस बीच एक नई चर्चा महंत तथा सिंहदेव दोनों के करीबी जयसिंह अग्रवाल के प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने की भी है।यदि ऐसा होता है तो प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज,नेता प्रतिपक्ष महंत के साथ एक तगड़ा जातिगत कॉम्बिनेशन आदिवासी,पिछड़े और सामान्य वर्ग का बनता है।जयसिंह अग्रवाल अपने दबंग और जुझारू नेतृत्व के लिए जाने जाते है।कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की रायपुर की सभा के लिए संगठन ने पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को रायपुर का प्रभारी नियुक्त किया था।
0 बघेल की बजाय महंत सिंहदेव की जोड़ी कर सकती है बीजेपी हमले की धार कुंद
सूत्रों का ये भी कहना है कि बघेल पर बीजेपी निरंतर हमलावर है सो यूं अगर उक्त नेतृत्व कांग्रेस को मिलता है तो बीजेपी के हमले की धार कुंद हो सकती है वहीं कांग्रेस को गुटबाजी से ऊपर भी उठाया जा सकता है। वहीं महंत सिंहदेव भी साथ साथ नजर आए जिसके बाद कांग्रेस जनों में चर्चा है कि वे दोनों कांग्रेस में नए “जय वीरू” की जोड़ी हो सकते है।आज कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे के रायपुर प्रवास के बाद अगले कुछ दिनों में स्थिति साफ हो सकती है