देखिए तस्वीरें और वीडीओ…कोरबा : छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना का भव्य आयोजन,मनाया भोजली तिहार, हजारों लोगों ने लिया हिस्सा

TTN Desk

कोरबा, 10 अगस्त 2025: छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना (एक गैर-राजनीतिक संगठन) ने प्रदेश अध्यक्ष श्री दिलीप मिरी के मार्गदर्शन में कोरबा में प्रदेश स्तरीय भोजली तिहार का भव्य आयोजन किया। इस लोक पर्व के दौरान हजारों लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिससे कोरबा की सड़कें छत्तीसगढ़ की समृद्ध परंपराओं और संस्कृति के रंगों से जीवंत हो उठीं। यह आयोजन छत्तीसगढ़ के ग्रामीण जीवन, खेती-किसानी और सामुदायिक एकता से जुड़े भोजली तिहार की महत्वपूर्णता को उजागर करने का एक शानदार माध्यम साबित हुआ।

0 सांस्कृतिक कार्यक्रम और झांकियां रही उत्सव की रौनक

आयोजन की शुरुआत सुबह 11:00 बजे हुई और सांस्कृतिक कार्यक्रम शाम 7:00 बजे तक चले। रंग-बिरंगी झांकियों के माध्यम से छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति, परंपराएं और ग्रामीण जीवनशैली को जीवंत रूप से प्रदर्शित किया गया। पारंपरिक नृत्य, गीत और नाट्य प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया। इसके बाद भव्य भोजली रैली निकाली गई, जिसमें प्रतिभागियों ने छत्तीसगढ़ी वेशभूषा और पारंपरिक प्रतीकों के साथ अपनी सांस्कृतिक पहचान को गर्व से展现 किया। इस रैली ने शहर में उत्सव का माहौल और अधिक प्रबल कर दिया।

0 प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति और योगदान

इस भव्य आयोजन में छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के प्रमुख नेता और सांस्कृतिक हस्तियां शामिल हुईं। विशेष रूप से रामगुलाम ठाकुर, धीरेंद्र साहू, मोनी कटौतेर और छत्तीसगढ़ी सिनेमा के लोकप्रिय स्टार राज साहू की मौजूदगी ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इन हस्तियों ने न केवल आयोजन में चार चांद लगाए, बल्कि अपने संबोधनों में छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने तथा नई पीढ़ी तक पहुंचाने की अपील भी की। कार्यक्रम का मंच संचालन अंजलि महंत, जिला संयोजक अतुल दास महंत और जिला अध्यक्ष एलेक्स टोप्पो द्वारा किया गया। इसी अवसर पर मनीष मनचला ने अपनी मधुर गायकी से दर्शकों का मन मोह लिया।

0 भोजली तिहार हैछत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक

भोजली तिहार छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख लोक पर्व है, जो खेती-किसानी और सामुदायिक एकता का प्रतीक माना जाता है। इस पर्व में गेहूं के बीजों को मिट्टी के पात्र में उगाकर प्रकृति और समृद्धि के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की जाती है। इस आयोजन ने न केवल इस परंपरा को जीवंत रखा, बल्कि शहरी और ग्रामीण समुदायों को एक मंच पर लाकर सांस्कृतिक एकता को मजबूत किया। छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना का यह प्रयास सांस्कृतिक जागरूकता फैलाने में सफल रहा और कोरबा को छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

0 आयोजन की सफलता और भविष्य की योजनाएं

स्थानीय निवासियों और आयोजकों ने इस आयोजन को एक ऐतिहासिक सफलता बताया। यह उत्सव छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का एक उत्कृष्ट उदाहरण बन गया है। आयोजकों ने भविष्य में इसे और बड़े स्तर पर मनाने की योजना बनाई है, ताकि छत्तीसगढ़ की धरोहर को और अधिक लोगों तक पहुंचाया जा सके।