00त्रिपुरासुर वध प्रसंग में शामिल हुए मंत्री लखनलाल देवांगन, 5 अक्टूबर को होगा विशाल भंडारा
TTN डेस्क
कोरबा: पं. रविशंकर नगर स्थित लक्ष्मी निवास में 28 सितंबर से जारी शिवमहापुराण कथा और कलश यात्रा ने पूरे क्षेत्र को भक्तिमय कर दिया है। वृंदावन से पधारे पूज्य श्री राहुल कृष्ण जी महाराज के श्रीमुख से शिव कथा श्रवण करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ रहे हैं।
गुरुवार को कथा के पाँचवें दिन, भगवान शिव द्वारा त्रिपुरासुर वध का रोमांचक और वीरगाथा प्रसंग सुनाया गया। जैसे ही महाराज श्री ने असुर त्रिपुर के विनाश और धर्म की पुनः स्थापना की कथा का वर्णन किया, पूरा पंडाल “हर-हर महादेव” के उद्घोष से गूंज उठा।
0 मंत्री लखनलाल देवांगन ने किया कथा श्रवण
इस दिव्य अवसर पर छत्तीसगढ़ शासन के श्रम, उद्योग, आबकारी एवं सार्वजनिक उपक्रम मंत्री लखनलाल देवांगन विशेष रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने श्रद्धापूर्वक कथा का श्रवण किया और कहा कि, “शिव कथा केवल आस्था का पर्व नहीं है, बल्कि यह समाज को एकता और संस्कृति से जोड़ने का माध्यम है। ऐसे आयोजनों से मनुष्य के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।”
0 प्रमुख प्रसंगों पर एक दृष्टि
28 सितंबर को कलश यात्रा से शुरू हुआ यह आयोजन शिव भक्ति में लगातार लीन है।
* आरंभ (28 सितंबर): शिवमहापुराण महात्म्य का वर्णन, जिसमें शिव कथा श्रवण से पापों के नाश और मोक्ष की प्राप्ति का महत्व बताया गया।
* ज्योतिर्लिंग महात्म्य (29 सितंबर): ब्रह्मा-विष्णु के विवाद और आदि शिवलिंग/ज्योतिर्लिंग के प्रकट होने की कथा ने भक्तों को भावविभोर किया।
* तप और ब्रह्मचर्य (30 सितंबर): संध्या देवी की कथा का वाचन, जिसमें जीवन में तपस्या और ब्रह्मचर्य के महत्व को रेखांकित किया गया।
* शिव-पार्वती विवाह की पृष्ठभूमि (1 अक्टूबर): माता पार्वती को ब्राह्मणी रूप में वरदान दिए जाने का प्रसंग सुनाया गया।
* त्रिपुरासुर वध (2 अक्टूबर): भगवान शिव द्वारा अधर्मी असुर त्रिपुर का दहन कर धर्म की रक्षा करने की कथा सुनाई गई।
* 3 अक्टूबर (शुक्रवार): भगवान शिव के विविध अवतारों—नंदी, भैरव, अर्धनारीश्वर और कालभैरव—की कथा सुनाई गई।
0 आगामी कार्यक्रम और भव्य समापन
कथा का प्रवाह अभी भी जारी है, जिसमें और भी दिव्य प्रसंगों का वर्णन किया जाएगा:
* 4 अक्टूबर (शनिवार): द्वादश ज्योतिर्लिंग महात्म्य (सोमनाथ, महाकाल, केदारनाथ, काशी विश्वनाथ आदि) का विस्तृत वर्णन होगा।
* 5 अक्टूबर (रविवार): कथा का समापन होगा और विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा, जिसमें श्रद्धालुओं के शामिल होने का निवेदन किया गया है।
0 भक्ति और अध्यात्म का अद्भुत दृश्य
रविशंकर नगर स्थित कथा स्थल को आकर्षक रूप से सजाया गया है। यहां रोज़ाना सुबह 9 बजे से 11 बजे तक वैदिक पूजन और दोपहर 2 बजे से 6 बजे तक कथा का आयोजन हो रहा है। तुलाराम राठौर, कृष्ण कुमार राठौर और अशोक राठौर सहित पूरे राठौर परिवार ने आयोजन की बागडोर संभाली है और श्रद्धालुओं के लिए बैठने, प्रसाद वितरण और समुचित व्यवस्थाओं में जुटे हुए हैं।
आयोजक परिवार ने कहा है कि उनका उद्देश्य भगवान शिव की महिमा का प्रसार करना है और उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से कथा का लाभ लेने का विनम्र अनुरोध किया है। कथा स्थल पर हर दिन भजन-कीर्तन, आरती और शिव नाम के जयघोष से ऐसा अलौकिक माहौल बन रहा है, मानो स्वयं कैलाशधाम अवतरित हो गया हो। दूर-दराज़ से आए भक्त भी महाराज श्री की वाणी सुनकर आत्मिक शांति का अनुभव कर रहे हैं।