00ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना की शानदार कार्रवाई
TTN Desk
भारतीय वायुसेना के प्रमुख, एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह (एपी सिंह) ने 9 अगस्त 2025 को बेंगलुरु में 16वें एयर चीफ मार्शल एल.एम. कात्रे स्मृति व्याख्यान के दौरान एक सनसनीखेज खुलासा किया। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर, जो 7-10 मई 2025 को पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों के खिलाफ चलाया गया था, के दौरान भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के कम से कम पांच लड़ाकू विमानों और एक बड़े विमान को नष्ट किया। यह पहला मौका है जब किसी वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने इस ऑपरेशन में पाकिस्तान को हुए नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
0 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों का गेम-चेंजर प्रदर्शन
एयर चीफ मार्शल सिंह ने बताया कि इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना ने रूस निर्मित S-400 वायु रक्षा प्रणाली, जिसे भारत में ‘सुदर्शन’ नाम दिया गया है, का उपयोग किया। इस प्रणाली ने 300 किलोमीटर की दूरी से एक बड़े विमान, जो संभवतः ELINT (इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस) या AEW&C (एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल) विमान था, को मार गिराया। यह सतह से हवा में मार करने वाला अब तक का सबसे लंबी दूरी का हमला माना जा रहा है। S-400 की लंबी रेंज और सटीकता ने पाकिस्तानी विमानों को भारतीय सीमा के पास आने से रोका और ऑपरेशन की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उप-हेडिंग 3: ऑपरेशन सिंदूर का पृष्ठभूमि और उद्देश्य
ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। इस हमले के लिए जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया गया। भारत ने 7 मई 2025 को जवाबी कार्रवाई शुरू की, जिसमें पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। भारतीय वायुसेना ने सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर आतंकी नेतृत्व और उनके ठिकानों को नष्ट करने की रणनीति अपनाई।
0 पाकिस्तानी सैन्य ढांचे को भारी नुकसान
वायुसेना प्रमुख ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के सैन्य ढांचे को व्यापक क्षति पहुंचाई गई। शहबाज जैकोबाबाद हवाई अड्डे पर F-16 लड़ाकू विमानों का एक हैंगर आधा नष्ट हो गया, जिसमें कुछ विमान भी प्रभावित हुए। इसके अलावा, मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय, चकलाला में कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, छह रडार (कुछ बड़े, कुछ छोटे), और भोलारी में AEW&C हैंगर को निशाना बनाया गया। सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और अन्य हथियारों ने पाकिस्तान के दो वायु रक्षा मिसाइल सिस्टम (लाहौर और ओकारा में) और सुक्कुर यूएवी हैंगर को भी तबाह किया।
0 सैटेलाइट तस्वीरों और खुफिया जानकारी से हुई नुकसान की पुष्टि
एपी सिंह ने व्याख्यान के दौरान सैटेलाइट तस्वीरों और खुफिया जानकारी के आधार पर हमलों की सटीकता और प्रभाव का प्रदर्शन किया। उन्होंने मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय पर हमले से पहले और बाद की तस्वीरें दिखाईं, जिसमें आतंकी ठिकाने पूरी तरह नष्ट हो गए, लेकिन आसपास की इमारतों को कोई नुकसान नहीं हुआ। स्थानीय मीडिया और अन्य स्रोतों से प्राप्त जानकारी ने भी ऑपरेशन की सफलता की पुष्टि की।
0।पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई और भारत की प्रतिक्रिया
ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) और जम्मू-कश्मीर में गोलाबारी और ड्रोन हमलों की कोशिश की। जवाब में, भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के 11 एयरबेस, जिनमें नूर खान एयरबेस शामिल था, पर रडार, कम्युनिकेशन सेंटर और एयरफील्ड को निशाना बनाया। भारतीय वायु रक्षा इकाइयों ने 800-900 पाकिस्तानी ड्रोनों को निष्प्रभावी किया। पाकिस्तानी गोलाबारी में भारत को भी नुकसान हुआ, जिसमें 16 लोगों की मौत और 59 लोग घायल हुए।
0 S-400 सुदर्शन मिसाइल सिस्टम की रही अहम भूमिका
एयर चीफ मार्शल सिंह ने S-400 सुदर्शन मिसाइल सिस्टम को गेम-चेंजर बताया। इसकी लंबी रेंज ने पाकिस्तानी विमानों को भारतीय हवाई क्षेत्र में घुसपैठ करने से रोका। सिंह ने कहा कि पाकिस्तानी विमान आकाश और MRSAM मिसाइल सिस्टम की रेंज में भी नहीं आ सके और LRSAM की रेंज में निशाना बनाए गए। इस सिस्टम ने भारतीय वायुसेना को तकनीकी श्रेष्ठता प्रदान की।
0 स्पष्ट राजनीतिक इच्छाशक्ति ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
एपी सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर को रोकने के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि 80-90 घंटे के इस हाई-टेक युद्ध में भारत ने इतना नुकसान पहुंचाया कि पाकिस्तान को भारी कीमत चुकानी पड़ी। इसके बाद पाकिस्तान ने भारत के डीजीएमओ को बातचीत का संदेश भेजा, जिसे भारत ने स्वीकार किया। सिंह ने कहा कि सरकार की स्पष्ट राजनीतिक इच्छाशक्ति ने ऑपरेशन की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, और युद्धविराम का निर्णय सही था।