TTN Desk
अमेरिकी नेवी का कोई विमान भारत में 4 दिन से खड़ा नहीं है। इसके बजाय, ब्रिटिश रॉयल नेवी का एक F-35B लाइटनिंग II स्टील्थ फाइटर जेट, जो अमेरिका में निर्मित (लॉकहीड मार्टिन द्वारा) है, 14 जून 2025 को केरल के तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपातकालीन लैंडिंग के बाद से खड़ा है। यह विमान अब तक (21 जून 2025 तक) 7 दिनों से वहाँ रुका हुआ है।
O क्या है आपातकालीन लैंडिंग का कारण
विमान ने 14 जून 2025 को रात में कम ईंधन और खराब मौसम के कारण तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर आपातकालीन लैंडिंग की। यह ब्रिटिश रॉयल नेवी के विमानवाहक पोत HMS प्रिंस ऑफ वेल्स से उड़ान भर रहा था, जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में तैनात था।लैंडिंग के बाद, विमान में हाइड्रोलिक सिस्टम में खराबी पाई गई, जिसके कारण यह उड़ान भरने में असमर्थ रहा।
O अभी क्या है स्थिति
21 जून 2025 तक, F-35B जेट तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर खड़ा है, और इसे ठीक करने के लिए ब्रिटिश रॉयल नेवी के तकनीशियन काम कर रहे हैं। कुछ स्रोतों के अनुसार, लॉकहीड मार्टिन (विमान निर्माता) के इंजीनियरों की एक टीम भी जल्द ही आने वाली है।अगर इसे मौके पर ठीक नहीं किया जा सका, तो विमान को सैन्य परिवहन विमान (जैसे A400M) के माध्यम से ब्रिटेन वापस ले जाया जा सकता है।
O भारत ने क्या किया…
भारतीय वायुसेना (IAF) ने लैंडिंग के दौरान समन्वय किया और रिफ्यूलिंग सहित आवश्यक सहायता प्रदान की।भारत ने हैंगर स्पेस और तकनीकी सहायता की पेशकश की, लेकिन ब्रिटिश नेवी ने गोपनीय तकनीकों की सुरक्षा के लिए इसे अस्वीकार कर दिया। विमान खुले में खड़ा है, और इसकी सुरक्षा के लिए CISF तैनात है।
O सोशल मीडिया पर दावे और भ्रांतियाँ
X पर कुछ पोस्ट्स ने गलती से इसे अमेरिकी विमान कहा और इसे भारत के एयर डिफेंस सिस्टम की ताकत से जोड़ा। ये दावे भ्रामक हैं, क्योंकि यह ब्रिटिश रॉयल नेवी का विमान है, और लैंडिंग की वजह तकनीकी थी, न कि भारत द्वारा इंटरसेप्ट।एक वायरल OLX विज्ञापन में मजाक में इस जेट को बिक्री के लिए सूचीबद्ध किया गया, जिससे यह मामला चर्चा में आ गया।
O सैन्य कार्गो विमान से लौटाया जा सकता है फाइटर जेट
अगर मरम्मत स्थल पर ही समस्या का समाधान संभव नहीं हुआ तो अधिकारियों ने संकेत दिया है कि इस उच्च तकनीकी फाइटर जेट को सैन्य कार्गो विमान के जरिए वापस ले जाया जा सकता है. यह प्रक्रिया विमान की स्थिति और तकनीकी मूल्यांकन पर निर्भर करेगी.
O तकनीकी मंजूरी और सहयोग की प्रक्रिया जारी
तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट अधिकारियों ने पहले ही पुष्टि कर दी थी कि विमान में लैंडिंग के बाद से तकनीकी खामी बनी हुई है. फिलहाल भारतीय अधिकारी अतिरिक्त ईंधन भरने की औपचारिक मंजूरी की प्रतीक्षा कर रहे हैं, ताकि मरम्मत कार्य पूरा होने पर विमान को उड़ान के लिए तैयार किया जा सके.
O सामरिक और तकनीकी तालमेल पर उठे सवाल
इस उन्नत जेट के भारतीय धरती पर आपात स्थिति में उतरने और फिर तकनीकी वजहों से लंबे समय तक फंसे रहने की घटना ने दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग, आपात प्रबंधन और सैन्य तालमेल से जुड़े कई अहम सवालों को जन्म दिया है. हालांकि, भारत और ब्रिटेन के रक्षा अधिकारी मिलकर इस संवेदनशील स्थिति को संभालने में सक्रिय हैं.