।।मनोज यू शर्मा।।
अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाले वेदांता समूह के डिमर्जर की प्रक्रिया के बीच, छत्तीसगढ़ के कोरबा स्थित भारत एल्यूमिनियम कम्पनी (BALCO) ने उत्पादन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। कंपनी अब 10 लाख टन (1 मिलियन टन) वार्षिक एल्यूमिनियम उत्पादन क्षमता वाले ‘वन मिलियन क्लब’ में शामिल हो गई है।
0।क्षमता विस्तार का तीसरा चरण पूरा
बालको ने अपने विस्तार के तीसरे चरण के तहत निर्मित नए स्मेल्टर से सफलतापूर्वक और चरणबद्ध रूप से पॉट लाइन से उत्पादन शुरू कर दिया है। इसके साथ ही, बालको की एल्यूमिनियम उत्पादन क्षमता बढ़कर सालाना 10 लाख टन (1 MTPA) हो गई है। यह कंपनी की एक बड़ी उपलब्धि है।
0 सीईओ राजेश कुमार के कुशल नेतृत्व में ऐतिहासिक विस्तार पूर्ण
जहां बालको के पूर्व सीईओ अभिजीत पति ने प्लांट निर्माण की अनुमति प्राप्त करने सहित आधार बनाने में अहम भूमिका निभाई, वहीं उनके बाद फरवरी 2023 में कंपनी की बागडोर सीईओ और डायरेक्टर राजेश कुमार ने संभाली। टाटा समूह में दीर्घ अनुभव प्राप्त और कुशल नेतृत्वकर्ता राजेश कुमार ने अपना तमाम फोकस इस विस्तार चरण के निर्माण में रखा, जो अब न केवल पूरा हो गया बल्कि नए स्मेल्टर से चरणबद्ध उत्पादन भी शुरू हो गया है। हालांकि कंपनी ने अभी इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की है। राजेश कुमार की दूरदर्शिता और कुशल रणनीति ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना को सफलतापूर्वक धरातल पर उतारा है, जो बालको के भविष्य के विकास में मील का पत्थर साबित होगा।
0 वेदांता समूह की महत्वाकांक्षी विस्तार योजना और निवेश
अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाली वेदांता लिमिटेड एल्युमीनियम को अपनी वृद्धि रणनीति के केंद्र में रखे हुए है। समूह ने वित्त वर्ष 2027-28 तक अपनी कुल एल्युमीनियम क्षमता को 24 लाख टन से बढ़ाकर 31 लाख टन प्रति वर्ष (3.1 एमटीपीए) करने की योजना बनाई है। इस महत्वाकांक्षी विस्तार के लिए कंपनी अगले कुछ वर्षों में 13,226 करोड़ रुपये का बड़ा निवेश करने की योजना बना रही है। वेदांता प्रमुख अनिल अग्रवाल ने भी हाल ही में इस 13 हजार करोड़ के निवेश की बात दोहराई है। इस क्षमता वृद्धि में समूह के ओडिशा स्थित झारसुगुड़ा प्लांट और कोरबा स्थित बालको प्लांट की हिस्सेदारी होगी।
0 बालको में चौथे विस्तार पर मंथन और प्राथमिकता
समूह की विस्तार रणनीति में कोरबा स्थित बालको को प्राथमिकता दी जा रही है। कोरबा में प्लांट परिसर, कोयला साइडिंग और टाउनशिप के लिए पर्याप्त भूमि की उपलब्धता है, साथ ही बिजली और पानी की भी पर्याप्त उपलब्धता है। इन अनुकूल परिस्थितियों को देखते हुए, उच्च प्रबंधन ने कुछ समय पहले ही बालको प्लांट के चौथे विस्तार चरण का खाका खींचा है। इस योजना के तहत, बालको में 5 लाख टन क्षमता का एक और उच्च आधुनिक तकनीक का स्मेल्टर बनाने पर उच्च स्तरीय मंथन शुरू हो गया है।
0वेदांता समूह की एकीकृत आपूर्ति श्रृंखला
वेदांता समूह की एल्युमीनियम उत्पादन श्रृंखला पूरी तरह से एकीकृत है। समूह के ओडिशा के रायगढ़ा स्थित रिफाइनरी से सभी उत्पादन स्थलों,जिसमें बालको प्रमुख रूप से शामिल है, को आवश्यक एल्युमिना पाउडर की बड़ी आपूर्ति होती है। इसके अलावा, सभी उत्पादन स्थलों पर समूह के अपने (कैप्टिव) पावर प्लांट मौजूद हैं, जो निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करते हैं। कच्चे माल की उपलब्धता के लिए, वेदांता समूह के पास ओडिशा और छत्तीसगढ़ दोनों राज्यों में बॉक्साइट और कोयले की कैप्टिव खदानें भी हैं।
0 एल्युमीनियम बाजार में वेदांता की स्थिति
एल्युमीनियम, जो इस्पात के बाद दुनिया में दूसरी सबसे अधिक खपत वाली धातु है, की मांग इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, नवीकरणीय ऊर्जा, शहरी बुनियादी ढांचे और एयरोस्पेस जैसे क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रही है। वेदांता घरेलू बाजार में 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी के साथ देश की अग्रणी एल्युमीनियम उत्पादक बनी हुई है। बालको, जिसमें वेदांता की बहुलांश हिस्सेदारी है, 10 लाख टन उत्पादन क्षमता हासिल करने के साथ अब इस स्थिति को और मजबूत करेगी।