फोटो : दर्री ,कोरबा स्थित हसदेव ताप विद्युत संयंत्र जिसके परिसर में बनेगा नया पावर प्लांट
OO सार्वजनिक क्षेत्र की इंजीनियरिंग कंपनी बीएचईएल को छत्तीसगढ़ के कोरबा में 1320 मेगावाट हसदेव सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर स्टेशन के लिए 660 दो इकाइयां स्थापित करने का ऑर्डर मिला है।खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मार्च को अपने बिलासपुर प्रवास के दौरान इस पावर प्लांट का शिलान्यास बिलासपुर में ही कर सकते है और बाद में इसका विधिवत भूमिपूजन कर कार्यारंभ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कोरबा स्थित प्लांट परिसर में करेंगे।सन 2030 तक इसका निर्माण पूर्ण हो बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा।
कोरबा l मनोज शर्मा l
छत्तीसगढ़ राज्य पावर जेनरेशन कंपनी अपने कोरबा के दर्री स्थित हसदेव ताप विद्युत संयंत्र परिसर में 1320 मेगावाट का पावर प्लांट स्थापित करने जा रहा है।जिसके लिए कोल इंडिया से कोयला आपूर्ति का अनुबंध हो गया है वहीं केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय सहित अन्य विभागों से आवश्यक अनुमति भी जनसुनवाई के बाद मिल चुकी है।वहीं प्लांट के निर्माण हेतु ग्लोबल टेंडर किया गया था,जिसमें भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड ( बी एच ई एल) ने बाजी मारी है।यहां अभी 210 मेगावाट की 4 और 500 मेगावाट की एक यूनिट है।यूं इस प्लांट की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता जो अभी 1340 मेगावाट है वो नया प्लांट बनने के बाद बढ़कर 2660 मेगावाट की हो जाएगी।
एक अधिकारी के मुताबिक राज्य पावर जेनरेशन कंपनी की स्थापित विद्युत उत्पादन क्षमता भी बढ़कर 6620 मेगावाट हो जाएगी।राज्य द्वारा स्थापित ये अब तक का सबसे बड़ा प्लांट होगा।इससे पहले 500 मेगावाट की ही इकाई स्थापित हुई है,ये भी पहली बार होगा कि 660 मेगावाट की इकाई बनेगी।इस प्लांट के निर्माण में करीब 13 हजार करोड़ की लागत आएगी।
परियोजना में बीएचईएल के कार्यक्षेत्र में मुख्य संयंत्र पैकेज और संबद्ध सहायक उपकरणों की डिजाइन, इंजीनियरिंग, विनिर्माण, आपूर्ति, स्थापना, परीक्षण और कमीशनिंग के साथ-साथ सभी आवश्यक विद्युत, सिविल और संरचनात्मक कार्य शामिल है। इसके दायरे में उन्नत, उच्च दक्षता वाले उत्सर्जन नियंत्रण उपकरणों की आपूर्ति भी शामिल है।
भारतीय मजदूर संघ (BMS) के राष्ट्रीय विद्युत प्रभारी एवं बीएमएस के राष्ट्रीय मंत्री राधेश्याम जायसवाल ने कहा है कि इस नए प्लांट का निर्माण छत्तीसगढ़ की बढ़ती बिजली मांग को पूरा करने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय राज्य को बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने हेतु पदभार ग्रहण करने के बाद से निरंतर कार्य कर रहे है।