CJI गवई की मां कमलताई गवई ने RSS का निमंत्रण अस्वीकारा: ‘मेरे पति ने कभी संघ के हिंदुत्व को स्वीकार नहीं किया’

TTN डेस्क

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (CJI) बीआर गवई की मां, कमलताई गवई ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शताब्दी कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार कर दिया , जो आज 5 अक्टूबर को आयोजित होने वाला है। कमलताई गवई ने बुधवार को एक खुले पत्र में इस फैसले की घोषणा की, जिसमें उन्होंने निमंत्रण को लेकर हुए विवाद और उन पर लगे आरोपों व बदनामी को इसका कारण बताया।

84 वर्षीय कमलताई ने बताया कि उन्हें कुछ लोगों द्वारा 5 अक्टूबर के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। उन्होंने अपने पत्र में लिखा, “जैसे ही कार्यक्रम की खबर प्रकाशित हुई, कई लोगों ने न केवल मुझ पर बल्कि दिवंगत दादासाहेब गवई (उनके पति और बिहार के पूर्व राज्यपाल आर.एस. गवई) पर भी आरोप लगाना और आलोचना करना शुरू कर दिया।”

उन्होंने दृढ़ता से कहा कि उन्होंने और उनके पति ने डॉ. भीम राव अंबेडकर की विचारधारा के अनुसार अपना जीवन जिया है, और दादासाहेब गवई ने अपना जीवन अंबेडकरवादी आंदोलन के लिए समर्पित कर दिया था। कमलताई ने इस बात पर जोर दिया कि विभिन्न विचारधाराओं वाले मंच पर अपनी विचारधारा साझा करना महत्वपूर्ण है, जिसके लिए साहस की आवश्यकता होती है।
कमलताई गवई ने यह भी स्पष्ट किया कि उनके पति जानबूझकर विपरीत विचारधाराओं वाले संगठनों के कार्यक्रमों में शामिल होते थे और वंचित वर्गों के मुद्दों को उठाते थे। हालांकि, उन्होंने कहा कि दादासाहेब गवई आरएसएस के कार्यक्रमों में तो शामिल होते थे, लेकिन उन्होंने कभी भी संघ के हिंदुत्व को स्वीकार नहीं किया।
यह घटनाक्रम राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है, खासकर अंबेडकरवादी विचारधारा और हिंदुत्व के बीच के संबंधों को लेकर।