
00 अमेरिकी कमीशन ने किया दावा- पाकिस्तान को मिली ‘बड़ी सैन्य कामयाबी’
00 भारत-पाक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ युद्ध पर अमेरिकी रिपोर्ट
TTN डेस्क
नई दिल्ली: एक अमेरिकी थिंक टैंक ‘यूएस-चाइना इकोनॉमिक एंड सिक्योरिटी रिव्यू कमीशन’ (USCC) ने अपनी 800 पन्नों की एक विस्फोटक रिपोर्ट में दावा किया है कि मई 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम की सैन्य लड़ाई हुई थी, जिसमें पाकिस्तान को बड़ी सैन्य कामयाबी मिली थी।
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद भारत की कूटनीति और सैन्य क्षमताओं पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं, जबकि पाकिस्तान ने इसे अपनी जीत का प्रमाण बताया है।
0 रिपोर्ट के मुख्य दावे और पाकिस्तानी प्रतिक्रिया
USCC की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस चार दिवसीय सैन्य संघर्ष में पाकिस्तान को बड़ी कामयाबी हाथ लगी। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गुरुवार को इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह अमेरिकी संसद में पेश हुई रिपोर्ट भारत के साथ हुए सैन्य टकराव में पाकिस्तान की जीत पर मुहर लगाती है। उन्होंने फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के योगदान की सराहना की।
रिपोर्ट में पहलगाम अटैक को ‘आतंकी हमला’ न मानकर ‘विद्रोही हमला’ बताया गया है।
0 राफेल की इमेज को नुकसान
रिपोर्ट में एक दावा किया गया है कि पाकिस्तान ने कम से कम 6 भारतीय लड़ाकू विमानों को गिराने का दावा किया है, जिसमें राफेल जेट भी शामिल थे। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वास्तव में सिर्फ तीन भारतीय विमानों के गिराए जाने की पुष्टि होती है।
0 चीन की भूमिका पर भी गंभीर आरोप
रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने इस लड़ाई में चीन से मिले आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया। इनमें HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम, PL-15 मिसाइलें और J-10 फाइटर जेट शामिल थे।
भारत ने दावा किया है कि इस दौरान पाकिस्तान को चीन से खुफिया जानकारी (इंटेलिजेंस) भी मिली। हालांकि, पाकिस्तान ने इस दावे से इनकार किया है।
0 हथियारों का लाइव टेस्ट
USCC का कहना है कि चीन ने इस भारत-पाकिस्तान युद्ध का इस्तेमाल अपने आधुनिक हथियारों को ‘लाइव वॉर’ में टेस्ट करने और दुनिया को दिखाने के लिए किया था।
रिपोर्ट बताती है कि 2019 से 2023 के बीच पाकिस्तान के 82% हथियार चीन से आए हैं।
0 कांग्रेस ने बताया ‘कूटनीतिक झटका’
अमेरिकी रिपोर्ट पर भारतीय राजनीति में भी प्रतिक्रिया देखने को मिली है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस रिपोर्ट का विरोध जताते हुए प्रधानमंत्री और विदेश मंत्रालय पर सवाल उठाए।
रमेश ने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री और विदेश मंत्रालय इस पर अपनी आपत्ति दर्ज कराएँगे और विरोध जताएँगे? उन्होंने कहा कि इससे हमारी कूटनीति को एक और बड़ा झटका लगा है।
0 USCC: कौन जारी करता है यह रिपोर्ट?
90 के दशक के आखिरी में जब चीन तेजी से आर्थिक और तकनीकी तौर पर ताकतवर हो रहा था, तब अमेरिका में सुरक्षा चिंताएं बढ़ी थीं।
चीन पर नजर रखने के लिए इस कमेटी का गठन किया गया, जिसका काम यह पता लगाना है कि चीन की गतिविधि अमेरिका की सुरक्षा के लिए खतरा तो नहीं बन रही हैं।
USCC खुद कोई कार्रवाई नहीं करती, बल्कि चीन से जुड़ी रिपोर्ट बनाकर अमेरिकी की संसद (कांग्रेस) को देती है। आयोग की सिफारिशों को अंतिम रिपोर्ट में शामिल करने के लिए कम से कम 8 सदस्यों (दो-तिहाई) के समर्थन की जरूरत होती है।


