हुमायूं मकबरा के पास दरगाह में हादसा : छत ढहने से 6 लोगों की मौत, कई घायल

00 दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में हुमायूं मकबरे के पास शुक्रवार को एक बड़ा हादसा हो गया. दरगाह शरीफ पट्टे शाह से सटे एक कमरे की छत अचानक ढह गई, जिसमें तीन महिलाओं सहित छह लोगों की मौत हो गई. इस दुर्घटना में चार अन्य लोग घायल भी हुए हैं.

TTN Desk

दमकल विभाग को दोपहर करीब 3:51 बजे इस घटना की जानकारी मिली. सूचना मिलते ही, 25 दमकलकर्मियों के साथ चार दमकल गाड़ियां मौके पर भेजी गईं. दिल्ली पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें भी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचीं और राहत व बचाव कार्य शुरू किया. मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया.
जिलाधिकारी सरवन कुमार ने मीडिया को बताया कि यह घटना दरगाह के पास स्थित दो कमरों वाले एक आवास में हुई.यहां रह रहे लोग बिना आधिकारिक अनुमति के रह रहे थे।

0 हुमायूं का मकबरा: ऐतिहासिक और वास्तुकला की दृष्टि से महत्वपूर्ण

हुमायूं का मकबरा एक प्रसिद्ध मुगलकालीन स्मारक है, जिसकी देखरेख भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) करता है.

0 मकबरे का इतिहास और निर्माण

हुमायूं की पहली पत्नी बेगा बेगम (हाजी बेगम) ने 1569-70 में इस भव्य मकबरे का निर्माण करवाया था. इसे फारसी वास्तुकार मिर्क मिर्ज़ा गियास और उनके बेटे सय्यद मुहम्मद ने डिज़ाइन किया था. यह भारतीय उपमहाद्वीप में बना पहला ‘बगीचा मकबरा’ है. इस मकबरे में पहली बार बड़े पैमाने पर लाल बलुआ पत्थर का इस्तेमाल हुआ था.

0 विश्व धरोहर स्थल

साल 1993 में, यूनेस्को ने हुमायूं के मकबरे को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया, जिसके बाद इसके संरक्षण और जीर्णोद्धार का काम बड़े स्तर पर किया गया.एएसआई ने बताया कि मकबरे के पास एक दरगाह की दीवार गिरने से कुछ लोगों की जान चली गई। यह घटना दुखद है, लेकिन हुमायूं के मकबरे को कोई नुकसान नहीं हुआ है।

0 मकबरे के परिसर में अन्य स्मारक भी है

मुख्य मकबरे के अलावा, इस परिसर में कई छोटे-छोटे स्मारक भी हैं. इनमें सबसे खास पश्चिमी प्रवेश द्वार के पास स्थित ईसा खान नियाज़ी का मकबरा है. ईसा खान, शेरशाह सूरी के दरबार के एक प्रमुख अफगान सरदार थे.
हुमायूं का मकबरा न केवल एक ऐतिहासिक स्थल है, बल्कि यह मुगल वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण भी है जो आज भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है.