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30 जुलाई 2025 को भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.79 रुपए के स्तर पर आ गया, जो अब तक का सबसे निचला स्तर है। यह हाल के हफ्तों की तुलना में रुपये की कमजोरी को दर्शाता है। इससे पहले सर्वकालिक सबसे निचला स्तर 13 जनवरी 2025 को दर्ज किया गया था, जब रुपया 86.59 तक गिर गया था।
30 जुलाई 2025 को रुपये की कमजोरी के पीछे मुख्य कारण थे….
0 डॉलर की मजबूती: वैश्विक स्तर पर डॉलर इंडेक्स में मजबूती बनी रही।
0 कच्चे तेल की कीमतों में तेजी: अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड की कीमतें बढ़ने से आयात लागत बढ़ी।
0 वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता:
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों और यूरोप व चीन की अर्थव्यवस्थाओं में सुस्ती ने दबाव बनाया।
हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रुपये को स्थिर करने के लिए हस्तक्षेप किया, जिससे यह कुछ हद तक संभला। जून 2025 के थोक मूल्य सूचकांक (WPI) के बेहतर आंकड़ों ने भी रुपये को आंशिक समर्थन दिया।