सोनिया गांधी के इजरायल-ईरान लेख पर सियासी घमासान, बीजेपी का तीखा पलटवार

TTN Desk

नई दिल्ली, 21 जून 2025: कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी के द हिंदू में प्रकाशित लेख ने इजरायल-ईरान तनाव और गाजा संकट पर भारत सरकार की चुप्पी को लेकर सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। लेख में इजरायल की कार्रवाइयों की कड़ी निंदा और ईरान के प्रति समर्थन जताने पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने तीखी प्रतिक्रिया दी, इसे कांग्रेस की वोट बैंक राजनीति करार दिया।

O सोनिया गांधी का लेख: इजरायल पर निशाना, ईरान का समर्थन

सोनिया गांधी ने अपने लेख “It is still not too late for India’s voice to be heard” में 13 जून 2025 को इजरायल के ईरान पर हवाई हमलों को “अवैध” और “ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन” बताया। उन्होंने गाजा में इजरायल की कार्रवाइयों को “क्रूर और असंतुलित” करार देते हुए कहा कि 55,000 से अधिक फिलिस्तीनियों की मौत हुई और क्षेत्र भुखमरी के कगार पर है। ईरान को भारत का “पुराना और भरोसेमंद मित्र” बताते हुए उन्होंने 1994 में संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर पर भारत-विरोधी प्रस्ताव रोकने में ईरान की मदद का जिक्र किया। सोनिया ने भारत सरकार की चुप्पी को “नैतिक मूल्यों का समर्पण” और भारत की पारंपरिक “दो-राष्ट्र समाधान” नीति से विचलन बताया, साथ ही पश्चिम एशिया में शांति के लिए कूटनीतिक पहल की अपील की।

O बीजेपी का पलटवार: कांग्रेस पर वोट बैंक राजनीति का आरोप

बीजेपी ने सोनिया के लेख को विदेश नीति पर “अनावश्यक हस्तक्षेप” और “राजनीतिक स्वार्थ” से प्रेरित बताया। प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि भारत की विदेश नीति स्पष्ट है और वह इजरायल व ईरान दोनों के बीच तनाव कम करने की वकालत करता है। बीजेपी नेता तुहिन सिन्हा ने भारत की तटस्थता का बचाव करते हुए रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत की मध्यस्थ भूमिका का उदाहरण दिया। उन्होंने हाल ही में ईरान द्वारा भारतीय छात्रों की निकासी के लिए हवाई क्षेत्र खोलने का जिक्र कर दोनों देशों के मजबूत संबंधों को रेखांकित किया। प्रवक्ता राम कदम ने 26/11 मुंबई हमलों के दौरान सोनिया की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए उनके बयानों को मुस्लिम वोट बैंक, खासकर शिया समुदाय को लुभाने की कोशिश करार दिया।

O विपक्ष का समर्थन: सरकार की चुप्पी पर सवाल

विपक्षी नेताओं ने सोनिया के रुख का समर्थन किया। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इजरायल के हमलों को अनावश्यक बताया, जबकि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोनिया के लेख को X पर साझा कर पार्टी की शांति और मानवता की नीति दोहराई। अन्य विपक्षी नेताओं ने इजरायल की कार्रवाइयों को क्षेत्रीय अस्थिरता का कारण बताते हुए भारत सरकार से स्पष्ट रुख अपनाने की मांग की।

O सियासी विवाद से विदेश नीति पर मतभेद उजागर

सोनिया के लेख और बीजेपी की प्रतिक्रिया ने भारत की विदेश नीति पर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच गहरे मतभेदों को सामने ला दिया। कुछ X पोस्ट्स में सोनिया के बयान को मानवता के पक्ष में बताया गया, जबकि बीजेपी समर्थकों ने इसे एकतरफा और इजरायल-विरोधी करार दिया। विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद आगामी राजनीतिक बहसों में ,खासकर भारत की क्षेत्रीय और वैश्विक भूमिका को लेकर और भी ज्यादा तीव्र हो सकता है।