शहीद सैनिक की पत्नी ,बहन का गुस्सा: “जवान सीमा पर शहीद हो रहे, हम दुश्मन से क्रिकेट क्यों खेलें?” जानिए कौन क्या कह रहा..

00 एशिया कप 2025 में आज दुबई में होने वाले भारत-पाकिस्तान मैच के बीच राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। पहलगाम आतंकी हमले में 26 निर्दोषों की शहादत के पांच महीने बाद इस मैच पर सवाल उठ रहे हैं।आतंकवादी हमले से पीड़ित परिवार सरकार के रुख से क्षोभ में है ।वहीं AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मैच का बहिष्कार करने की अपील की है, जबकि अन्य विपक्षी नेता भी सरकार की नीति पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

**नई दिल्ली/जयपुर, 14 सितंबर 2025:** भारत-पाक सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच एक शहीद जवान की बहन ने क्रिकेट मैचों पर सवाल उठाते हुए कहा, “जवान शहीद हो रहे हैं, और हम मैच खेल रहे हैं।” उन्होंने भावुक होकर जोड़ा, “हमारे जवान सीमा पर अपनी जान कुर्बान कर रहे हैं। हम कैसे उस देश के साथ क्रिकेट खेल सकते हैं जिसने हमारे परिवारों को इतना दुख दिया है?” दैनिक भास्कर को दिया पीड़ित का यह दर्द भरा बयान अब सोशल मीडिया पर तूफान मचा रहा है, और कई अन्य मीडिया आउटलेट्स ने इसे प्रमुखता से कवर किया है।

**नवभारत टाइम्स** ने इसे “शहीद बहन का सवाल: क्रिकेट या देशभक्ति?” शीर्षक से छापा है, जिसमें बहन के इंटरव्यू के अंश दिए गए हैं। नवभारत टाइम्स के अनुसार, शहीद की बहन ने कहा कि ऐसे समय में मैच खेलना न केवल परिवारों का अपमान है, बल्कि पूरे राष्ट्र का भी।

इसी तरह, **अमर उजाला** ने खबर को “सीमा पर शहादत के बीच क्रिकेट विवाद: शहीद बहन की चिट्ठी वायरल” नाम से प्रकाशित किया, जहां उन्होंने बताया कि बहन ने बीसीसीआई को पत्र लिखकर मैच रद्द करने की अपील की है। अमर उजाला की रिपोर्ट में उल्लेख है कि यह बयान जम्मू-कश्मीर के एक शहीद सैनिक की बहन का है, जिनका भाई हाल ही में पाकिस्तानी घुसपैठ में शहीद हुए।

0 बढ़ता विवाद और जनता की प्रतिक्रिया

**टाइम्स ऑफ इंडिया** (हिंदी संस्करण) ने इसे अंतरराष्ट्रीय कोण देते हुए कवर किया है ।टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, सोशल मीडिया पर #StopCricketWithPakistan हैशटैग ट्रेंड कर रहा है, और हजारों यूजर्स शहीद परिवारों के समर्थन में उतर आए हैं। पूर्व क्रिकेटरों जैसे कपिल देव ने भी ट्वीट कर कहा, “देश पहले, खेल बाद में।”

**हिंदुस्तान** ने एक विशेष रिपोर्ट में शहीद परिवारों के अन्य सदस्यों के बयानों को शामिल किया है। हिंदुस्तान के अनुसार, एक अन्य शहीद की पत्नी ने कहा, “जब हमारे घरों में काला झंडा लहरा रहा है, तब स्टेडियम में तालियां क्यों?” यह खबर अब राजनीतिक बहस का केंद्र बन चुकी है, जहां विपक्षी दलों ने सरकार से मैच स्थगित करने की मांग की है।

0 असदुद्दीन ओवैसी का सख्त रुख

AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मैच को देखने से इनकार करते हुए कहा, “हमारे 26 भारतीयों की जान की कीमत पैसों से बढ़कर नहीं है।” उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो साझा कर सरकार से सवाल किया कि जब व्यापार, हवाई क्षेत्र और जल संधि बंद है, तो क्रिकेट कैसे? ओवैसी ने लोकसभा में भी कहा था, “मेरा जमीर इस मैच को देखने की इजाजत नहीं देता। क्या सरकार के पास इतनी हिम्मत है कि शहीद परिवारों से कहे कि ऑपरेशन सिंदूर से बदला लिया और अब पाकिस्तान का मैच देखो?” उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के ‘खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते’ वाले बयान का हवाला देते हुए पूछा कि खून और क्रिकेट कैसे एक साथ हो सकते हैं?

0 अन्य नेताओं के बयान

उद्धव ठाकरे (शिवसेना-यूबीटी): उन्होंने कहा, “खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते, तो खून और क्रिकेट कैसे? यह देशभक्ति का व्यापार है। जब हमारे सैनिक सीमा पर जान गंवा रहे हैं, तब पाकिस्तानी खिलाड़ियों से खेलना राष्ट्रीय भावनाओं का अपमान है।”

अरविंद केजरीवाल और AAP: AAP ने मैच का पूरी तरह विरोध किया। दिल्ली यूनिट प्रमुख सौरभ भारद्वाज ने कहा, “यह वही पाकिस्तान है जिसने पहलगाम में बहनों का सिंदूर मिटाया। क्रिकेट और आतंकवाद का मिश्रण गलत है।” AAP कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय के बाहर पाकिस्तान का पुतला जलाया और मैच प्रसारण करने वाले क्लबों का बहिष्कार करने की अपील की।

कांग्रेस: पार्टी ने सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाए। एक प्रवक्ता ने कहा, “पहलगाम हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर हुआ, लेकिन अब क्रिकेट डिप्लोमेसी? यह विरोधाभास है।”

केदार जाधव (पूर्व क्रिकेटर और BJP नेता): उन्होंने कहा, “भारतीय टीम को बिल्कुल नहीं खेलना चाहिए। भारत जहां भी खेलेगा जीतेगा, लेकिन यह मैच नहीं होना चाहिए

0 बीसीसीआई का पक्ष

बीसीसीआई ने कहा कि यह मल्टीनेशनल टूर्नामेंट है, द्विपक्षीय मैच नहीं। सरकार की नीति के तहत ऐसे आयोजनों में भागीदारी जारी रहेगी। सचिव देवजित सैकिया ने चेतावनी दी कि बहिष्कार से ICC या ACC से सैंक्शन हो सकते हैं।

यह विवाद खेल और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच संतुलन पर बहस छेड़ रहा है। मैच रविवार को रात्रि 8 बजे शुरू होगा, लेकिन राजनीतिक तापमान पहले से ही चरम पर है।यह मुद्दा अब पूरे देश में छाया हुआ है, जो खेल, राष्ट्रवाद और शहीदों के सम्मान के बीच संतुलन पर बहस छेड़ रहा है।