
TTN डेस्क
खनन क्षेत्र की प्रमुख कंपनी वेदांता ने भारी कर्ज में डूबी जयप्रकाश एसोसिएट्स (JAL) के अधिग्रहण की होड़ में अडाणी ग्रुप को पीछे छोड़ दिया है। सूत्रों के अनुसार, वेदांता ने 17,000 करोड़ रुपये की सफल बोली लगाई है, हालांकि वर्तमान और भविष्य के मूल्य को देखते हुए इसका शुद्ध वर्तमान मूल्य (NPV) 12,505 करोड़ रुपये है।
0 दिवालिया प्रक्रिया और बोली
रियल एस्टेट, सीमेंट, ऊर्जा और होटल जैसे क्षेत्रों में कारोबार करने वाली जेपी एसोसिएट्स को कर्ज चुकाने में असफल रहने के बाद दिवालिया प्रक्रिया का सामना करना पड़ा। जून 2024 में, राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) की इलाहाबाद पीठ ने कंपनी को कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) में भेज दिया था।
कंपनी के ऋणदाताओं की समिति (COC) ने बोली प्रक्रिया अपनाई। 5 सितंबर को हुई बैठक में वेदांता ने अडाणी एंटरप्राइजेज को पछाड़कर यह अधिग्रहण अपने नाम कर लिया। सूत्रों ने बताया कि वेदांता की 17,000 करोड़ रुपये की बोली सबसे ऊंची रही, जबकि अडाणी ग्रुप पीछे रह गया।
0 भारी कर्ज का बोझ और बोली लगाने वाली कंपनियाँ
जेपी एसोसिएट्स पर कुल 57,185 करोड़ रुपये का बकाया है, जिसका सबसे बड़ा हिस्सा नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (NARCL) का है। शुरुआत में इस अधिग्रहण में 25 कंपनियों ने रुचि दिखाई थी, लेकिन जून तक केवल पाँच कंपनियाँ – अडाणी एंटरप्राइजेज, डालमिया भारत सीमेंट, वेदांता ग्रुप, जिंदल पावर और पीएनसी इन्फ्राटेक – ही बोली प्रक्रिया में शामिल रहीं। अंत में, केवल अडाणी और वेदांता के बीच ही कड़ी टक्कर हुई।
0 जेपी एसोसिएट्स की कौन कौन सी संपत्तियाँ मिलेगी वेदांता को
जेपी एसोसिएट्स की संपत्तियों में कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स शामिल हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
* रियल एस्टेट: ग्रेटर नोएडा में जेपी ग्रीन्स, नोएडा में जेपी ग्रीन्स विशटाउन, और जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास जेपी इंटरनेशनल स्पोर्ट्स सिटी।
* होटल: दिल्ली-एनसीआर, मसूरी और आगरा में स्थित 5 होटल।
* सीमेंट यूनिट्स: मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में 4 सीमेंट इकाइयां और चूना पत्थर की खदानें।
इसके अलावा, कंपनी की कई सहायक इकाइयों में भी निवेश है, जैसे जयप्रकाश पावर वेंचर्स और यमुना एक्सप्रेसवे टोलिंग लिमिटेड। यह ध्यान देने योग्य है कि जेपी ग्रुप की एक और कंपनी, जेपी इन्फ्राटेक लिमिटेड का अधिग्रहण पहले ही मुंबई की कंपनी सुरक्षा ग्रुप द्वारा किया जा चुका है।बोली प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद ये सारी संपतियों पर वेदांता का अधिकार होगा।


