वेदांता डिमर्जर : बनेंगी 4 नई कंपनियां…अनिल अग्रवाल बोले-खड़ी कर सकते हैं 8.7लाख करोड़ की हर कंपनी, निवेशकों को मिलेंगे 1 के बदले 4 शेयर

OO देश की खनन क्षेत्र की बड़ी कंपनी वेदांता समहू को 4 और कंपनियों में बांटने की तैयारी है. समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल का कहना है कि इन सभी कंपनियों में 100 अरब डॉलर की कंपनी बनने की क्षमता है.

TTN Desk

News 18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक वेदांता लिमिटेड के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा है कि उनके कारोबारी समूह के विभाजन से बनने वाली 4 नई कंपनियों में प्रत्‍येक में 100 अरब डॉलर (8.70 लाख करोड़ रुपये) की कंपनी बनने की क्षमता है. अभी वेदांता समूह कई तरह के कारोबार में सक्रिय है और चेयरमैन की मंशा हर काम के लिए अलग कंपनी बनाने की है. अनिल अग्रवाल ने दावा किया है कि हर कंपनी को अलग काम बांटा जाएगा.

अग्रवाल ने इस संबंध में शेयरधारकों को पत्र भी जारी किया है. उन्‍होंने कहा कि विविध कारोबार में सक्रिय वेदांता लिमिटेड के विभाजन से प्रबंध संरचना, पूंजीगत ढांचे और रणनीतिक प्राथमिकताओं के साथ चार स्वतंत्र प्राकृतिक संसाधन-केंद्रित कंपनियां अस्तित्व में आएंगी. प्रस्तावित विभाजन वेदांता को विशुद्ध रूप से केंद्रित कारोबार बनाने में बहुत मददगार साबित होगा.

O निवेशकों को मिलेंगे 4 शेयर

वेदांता समूह की संरचना को सरल बनाने और अपने ऋण बोझ का प्रबंधन करने में मदद के लिए खनन समूह को विभिन्न व्यवसायों में विभाजित करने की योजना है. वर्ष 2023 में ही कारोबार में आमूलचूल परिवर्तन की योजना शुरू की गई थी. इसके मुताबिक, विभाजन प्रक्रिया पूरी होने पर वेदांता के प्रत्येक शेयरधारक को चारों नई विभाजित कंपनियों में एक-एक अतिरिक्त शेयर मिलेगा.

Oहर कंपनी होगी 100 अरब डॉलर की

इस मौके पर अनिल अग्रवाल ने कहा, ‘मुझे लगता है कि अलग होने वाली प्रत्येक कंपनी में 100 अरब डॉलर की कंपनी बनने की क्षमता है. आप बस यह देखें कि एक वैश्विक अर्थव्यवस्था के रूप में हम कहां जा रहे हैं और ऐसे उत्पादों की मांग क्या है. ये कंपनियां और उनके उत्पाद समय की जरूरत हैं.’ उन्‍होंने कहा कि क्रिटिकल मिनिरल्‍स और ट्रांजिशन मेटल्‍स जैसे धातुओं की डिमांड आने वाले साल में 10 फीसदी की दर से बढ़ती जाएगी.

O प्रमोटर्स के हाथ होगी कमान

पिछले महीने वेदांता के लेनदारों और शेयरधारकों ने खनन प्रमुख कंपनी को पांच व्यवसायों में विभाजित करने की मंजूरी दी, जिससे संरचना को सरल बनाने और कर्ज के बोझ को कम करने का कदम उठाया गया. विभाजन के बाद, शेयरधारकों को वेदांता से विभाजित पांच नई सूचीबद्ध इकाइयों में शेयर प्राप्त होंगे. समूह के प्रमोटर विभाजन के बाद प्रत्येक विभाजित इकाई में 50 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी बनाए रखेंगे. अभी वेदांता समूह का मार्केट कैप करीब 1.66 लाख करोड़ रुपये है.