विदेशी मीडिया का दावा : अहमदाबाद प्लेन क्रैश में पायलट सभरवाल ने बंद की फ्यूल सप्लाई

फोटो : पायलट सभरवाल (क्लीन सेव ) ,पायलट क्लाइव कुंदर ( दाढ़ी में )

TTN Desk

12 जून 2025 को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 (बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर) के भीषण विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हादसे में 242 यात्रियों और 12 क्रू मेंबर्स में से केवल एक यात्री जीवित बचा, जबकि 260 से अधिक लोगों की मौत हो गई। विमान ने अहमदाबाद एयरपोर्ट से लंदन के लिए उड़ान भरी थी, लेकिन टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद यह एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकरा कर क्रैश हो गया।
इस हादसे की जांच में अब एक नया और चौंकाने वाला दावा सामने आया है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स और अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि विमान के कैप्टन सुमीत सभरवाल ने इंजनों में फ्यूल की सप्लाई बंद की थी, जिसके कारण यह हादसा हुआ।

0 शुरुआती जांच में पल पल की है ये रिपोर्ट

विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक 15-पेज की रिपोर्ट के अनुसार, विमान ने दोपहर 1:38:39 बजे टेकऑफ किया, और मात्र 26 सेकंड बाद, 1:39:05 बजे, पायलट ने “मेडे, मेडे, मेडे… थ्रस्ट नहीं मिल रहा। पावर कम हो रही है, प्लेन उठ नहीं रहा। नहीं बचेंगे।” का आपातकालीन संदेश भेजा। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में दर्ज बातचीत में एक पायलट को दूसरे से पूछते सुना गया, “आपने फ्यूल स्विच क्यों बंद कर दिया?” जिसके जवाब में दूसरा पायलट इनकार करता है। इस बातचीत से यह संकेत मिलता है कि फ्यूल कंट्रोल स्विच ‘रन’ से ‘कटऑफ’ मोड में चले गए, जिसके कारण इंजनों को ईंधन की आपूर्ति बंद हो गई और विमान ने ताकत खो दी।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि टेकऑफ के ठीक 3 सेकंड बाद दोनों फ्यूल कंट्रोल स्विच एक-एक सेकंड के अंतराल में ‘कटऑफ’ मोड में चले गए। इसके बाद पायलटों ने स्विच को दोबारा ‘रन’ मोड में करने की कोशिश की, जिससे एक इंजन रिकवर हुआ, लेकिन दूसरा इंजन काम नहीं कर पाया। इस कारण विमान ऊंचाई हासिल नहीं कर सका और क्रैश हो गया।

0 पायलट सभरवाल पर क्या किया गया है खुलासा

वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अमेरिकी जांच अधिकारियों के हवाले से दावा किया कि फ्यूल कंट्रोल स्विच को मैन्युअली बंद किया गया था, और इसके लिए कैप्टन सुमीत सभरवाल को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। सभरवाल, जो 56 वर्षीय अनुभवी पायलट थे, के पास 15,638 उड़ान घंटों का अनुभव था, जिसमें 8,596 घंटे बोइंग 787 पर थे। वह उड़ान की निगरानी कर रहे थे, जबकि सह-पायलट क्लाइव कुंदर (32 वर्ष, 3,403 उड़ान घंटों का अनुभव) विमान को उड़ा रहे थे।
हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया कि सभरवाल डिप्रेशन से जूझ रहे थे। 2022 में उनकी मां की मृत्यु के बाद वह मानसिक रूप से टूट गए थे और रिटायरमेंट के बाद अपने बुजुर्ग पिता की देखभाल करने की योजना बना रहे थे। एविएशन एक्सपर्ट कैप्टन मोहन रंगनाथन ने कहा कि फ्यूल स्विच को मैन्युअली ही बंद किया जा सकता है, क्योंकि ये स्विच स्प्रिंग-लोडेड और सिक्योर होते हैं, जिन्हें गलती से हिलाना लगभग असंभव है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि यह हादसा जानबूझकर की गई हरकत या आत्महत्या का परिणाम हो सकता है।

0 पायलट संगठनों का विरोध

एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ALPA) और फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (FIP) ने इस प्रारंभिक रिपोर्ट पर कड़ा विरोध जताया है। ALPA ने दावा किया कि जांच पायलटों को दोषी ठहराने की दिशा में पक्षपातपूर्ण है और निष्पक्ष नहीं है। उन्होंने मांग की कि जांच में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उनके प्रतिनिधियों को ऑब्जर्वर के रूप में शामिल किया जाए। FIP के अध्यक्ष कैप्टन सी.एस. रंधावा ने कहा कि पूरी जांच से पहले पायलटों को दोष देना गलत है।
तकनीकी खराबी की संभावना
कुछ विशेषज्ञों और AAIB की रिपोर्ट में यह भी संकेत दिया गया है कि फ्यूल स्विच के ‘कटऑफ’ मोड में जाने के पीछे तकनीकी खराबी भी हो सकती है। हालांकि, एयर इंडिया के CEO कैंपबेल विल्सन और बोइंग ने दावा किया कि विमान में कोई तकनीकी खराबी नहीं थी और टेकऑफ से पहले सभी मेंटेनेंस कार्य पूरे किए गए थे। एविएशन एक्सपर्ट्स का कहना है कि बोइंग 787 जैसे विमान में एक इंजन के फेल होने पर भी उड़ान भरने की क्षमता होती है, जिससे यह सवाल उठता है कि दोनों इंजन एक साथ कैसे बंद हो गए।

0 हादसे के अन्य संभावित कारण जिन पर जांच में फोकस किया गया आइए उनको भी बिंदुवार जान लेते है….

बर्ड स्ट्राइक: कुछ समाचार स्रोतों ने बर्ड स्ट्राइक को संभावित कारण बताया, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि बर्ड स्ट्राइक से दोनों इंजन एक साथ बंद नहीं हो सकते।

साइबर हमला: सोशल मीडिया पर साइबर हमले की आशंका भी जताई गई, लेकिन इसका कोई ठोस सबूत नहीं मिला।

फ्लैप्स की गड़बड़ी: एक यात्री, आकाश वत्स, ने दावा किया कि दिल्ली से अहमदाबाद की उड़ान के दौरान विमान के फ्लैप्स में असामान्य गतिविधि देखी गई थी, जो हादसे का कारण हो सकती है।

0 क्या कहना है नागरिक उड्डयन मंत्री का.?

नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने कहा कि फाइनल जांच रिपोर्ट का इंतजार है, जो हादसे के कारणों को स्पष्ट करेगी। नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) की एक टीम AAIB की सहायता के लिए जांच में शामिल हो चुकी है। ब्लैक बॉक्स, जो हॉस्टल की छत पर मिला था, हादसे के आखिरी पलों की जानकारी प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।