वंदे भारत ट्रेन में सीट को लेकर मारपीट: झांसी में BJP विधायक के समर्थकों ने यात्री को पीटा, नाक टूटी

OO दिल्ली-भोपाल वंदे भारत एक्सप्रेस में हुआ हंगामा, बबीना विधायक राजीव सिंह पारीछा के करीबियों पर लगा आरोप; पुलिस जांच में जुटी

TTN Desk

झांसी, उत्तर प्रदेश: दिल्ली से भोपाल जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस में सीट बदलने को लेकर विवाद इतना बढ़ा कि गुरुवार को झांसी रेलवे स्टेशन पर बीजेपी विधायक राजीव सिंह पारीछा के समर्थकों ने एक यात्री की बेरहमी से पिटाई कर दी। इस हमले में पीड़ित यात्री की नाक में फ्रैक्चर हो गया और वह खून से लथपथ हो गया।
यह घटना ट्रेन के एग्जीक्यूटिव कोच (E-2) में हुई। बताया जा रहा है कि झांसी की बबीना विधानसभा सीट से भाजपा विधायक राजीव सिंह पारीछा अपनी पत्नी और बेटे के साथ यात्रा कर रहे थे। विधायक की सीट नंबर 8 थी, जबकि उनकी पत्नी और बेटे की सीटें क्रमशः 50 और 51 थीं। इसी कोच में सीट नंबर 49 पर भोपाल निवासी राज प्रकाश नामक यात्री बैठे थे, जो विंडो सीट पर थे।

O विधायक ने सीट बदलने को कहा और फिर झांसी आते ही….

विधायक ने राज प्रकाश से अपनी सीट नंबर 8 पर जाने के लिए कहा, क्योंकि वह विंडो सीट पर बैठना चाहते थे। हालांकि, राज प्रकाश ने सीट बदलने से इनकार कर दिया, जिसके बाद दोनों के बीच बहस शुरू हो गई। जैसे ही ट्रेन झांसी रेलवे स्टेशन पहुंची, 7-8 लोग कोच में घुस आए और सीट नंबर 49 पर बैठे राज प्रकाश पर हमला कर दिया। उन्हें लात-घूंसों से पीटा गया, जिससे उनकी नाक से खून बहने लगा और उसमें फ्रैक्चर आ गया।

O दोनों पक्ष ने शिकायत दर्ज कराई

पीड़ित राज प्रकाश ने आरोप लगाया है कि यह मारपीट बीजेपी विधायक राजीव सिंह पारीछा के इशारे पर की गई। हालांकि, विधायक ने भी इस मामले में जीआरपी थाने में शिकायत दर्ज कराई है और यात्री पर ‘अशोभनीय भाषा’ का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।

O ये ही सुशासन की असलियत ; नायक

इस घटना के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस ने बीजेपी विधायक और उनके समर्थकों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पूर्व विधायक मुकेश नायक ने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, “वंदे भारत ट्रेन में बुजुर्ग यात्री ने 49 नंबर सीट एक्सचेंज करने से इनकार किया तो बबीना के बीजेपी विधायक राजीव सिंह के समर्थकों ने झांसी स्टेशन पर उनको पीट दिया। उनके नाक से खून निकल आया। तो ये है सुशासन की असलियत।”

 

O कैमरे पर बोलने से रेल अधिकारियों का इनकार

रेलवे अधिकारियों ने घटना की पुष्टि की है, लेकिन कैमरे के सामने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। यह घटना एक बार फिर ट्रेनों में सीट को लेकर होने वाले विवादों और उसमें वीआईपी कल्चर के कथित दखल को लेकर सवाल खड़े करती है।