रायपुर : दिव्यांगों को घसीट घसीट कर ले गई पुलिस

रायपुर, 16 जुलाई 2025: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बुधवार को विधानसभा घेराव करने निकले दिव्यांग प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई ने विवाद को जन्म दे दिया है। अपनी छह सूत्रीय मांगों को लेकर बस स्टैंड के पास धरना दे रहे छत्तीसगढ़ दिव्यांगजन संघ के सदस्यों को पुलिस ने बलपूर्वक हटाया। इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों, विशेष रूप से दिव्यांग महिलाओं और पुरुषों को सड़क पर घसीटकर वैन में ले जाया गया, जिसे कई संगठनों और नेताओं ने “पुलिस की बर्बरता” करार दिया है।

0 छह सूत्रीय मांग को ले कर आंदोलन

छत्तीसगढ़ दिव्यांगजन संघ अपनी लंबित मांगों को लेकर विधानसभा का घेराव करने की योजना बना रहा था। उनकी मांगों में प्रमुख रूप से ये शामिल है….

नौकरियों में आरक्षण: दिव्यांगों के लिए सरकारी और निजी क्षेत्र में 4% आरक्षण को प्रभावी ढंग से लागू करना।

पेंशन और भत्ते: दिव्यांगों के लिए मासिक पेंशन राशि में वृद्धि और समय पर भुगतान।

शैक्षणिक सुविधाएं: विशेष स्कूलों और प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना।

सार्वजनिक स्थानों पर पहुंच: रैंप, लिफ्ट और अन्य सुविधाओं के माध्यम से बाधा-मुक्त पहुंच।

स्वास्थ्य सेवाएं: मुफ्त और सुलभ चिकित्सा सुविधाएं।

कानूनी सहायता: दिव्यांगों के अधिकारों की रक्षा के लिए विशेष कानूनी सहायता केंद्र।
प्रदर्शनकारी बस स्टैंड के पास एकत्र हुए थे और विधानसभा की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया।

0 पुलिस की कार्रवाई पर लगे आरोप

सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए बल का उपयोग किया। कई प्रदर्शनकारियों को सड़क पर घसीटा गया और उन्हें पुलिस वैन में ले जाया गया। कुछ प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके साथ गाली-गलौज की, मोबाइल फोन छीने, और एक महिला प्रदर्शनकारी के कपड़े फटने की घटना भी सामने आई।

0 पुलिस की बर्बरता : कांग्रेस

विपक्षी दल, विशेष रूप से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (कांग्रेस) ने इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। @INCChhattisgarh के एक पोस्ट में कहा गया, “सुबह-सुबह रायपुर में ऐसा वीभत्स नज़ारा देखने को मिला… विधानसभा घेरने निकले दिव्यांगों से विष्णुदेव की पुलिस की बर्बरता देखने को मिली है।” इसी तरह, @AnupVerma_IYC ने दावा किया कि पुलिस ने न केवल प्रदर्शनकारियों को घसीटा, बल्कि उनके साथ दुर्व्यवहार भी किया।

0 पुलिस का आधिकारिक पक्ष अभी नहीं आया

रायपुर पुलिस (@RaipurPoliceCG) ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने यातायात को बाधित किया था और विधानसभा सत्र के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई की गई। पुलिस का दावा है कि न्यूनतम बल का उपयोग किया गया और प्रदर्शनकारियों को तूता धरना स्थल पर ले जाया गया ताकि स्थिति नियंत्रित रहे।