राम मंदिर : ध्रांगध्रा की शिल्प कला की कीर्ति पताका लहराई,सोमपुरा और उनकी टीम ने बनाई 1800 मूर्तियां लगी अयोध्या धाम में

OO अयोध्या के ऐतिहासिक राम मंदिर की खूबसूरती बढ़ाने वाली मूर्तियों में गुजरात का अहम योगदान है. सुरेंद्रनगर जिले के ध्रांगध्रा में रहने वाले और मूर्तिकला से जुड़े सोमपुरा परिवार और उनके कारीगरों ने देवी-देवताओं की 1800 से ज्यादा मूर्तियां बनाई हैं. इन मूर्तियों को अयोध्या के राम मंदिर में स्थापित किया गया है.

TTN Desk

गुजरात के ध्रांगध्रा के सोमपुरा परिवार ने अयोध्या राम मंदिर के लिए 1800 से ज्यादा देवी-देवताओं की मूर्तियाँ बनाई हैं. इन मूर्तियों ने मंदिर की सुंदरता और धार्मिक ऊर्जा को और भी भव्य बना दिया है.जिसमें ध्रांगध्रा में रहने वाले और वर्षों से पत्थर की मूर्तियों और मूर्तिकला वास्तुकला के व्यवसाय से जुड़े हितेशभाई सोमपुरा और उनकी टीम के 25 से अधिक कारीगरों द्वारा बनाई गई देवी-देवताओं की लगभग 300 मूर्तियों को राम मंदिर में प्रार्थना, कीर्तन खंड और रंग मंडप सहित अन्य स्थानों पर स्थापित किया गया.

O अब तक बना चुके 1800 मूर्तियां

उसके बाद भी पिछले डेढ़ से दो साल से हितेशभाई सोमपुरा और उनकी टीम द्वारा मूर्ति बनाने का काम जारी है. उन्होंने करीब 1500 से अधिक देवी-देवताओं की मूर्तियों का काम पूरा कर लिया है. फिलहाल इन्हें अयोध्या राम मंदिर के विभिन्न हिस्सों जैसे मंदिर के गुंबद, स्तंभ और शिखर, प्रदक्षिणा और राम दरबार के दरवाजे के पास के हिस्सों में रखा गया है.अब तक करीब 1800 मूर्तियां सोमपुरा की टीम ने बनाई है।

O यहां गुजरात सरकार ने स्थापित किया है विशेष प्रशिक्षण केंद्र

ध्रांगध्रा, गुजरात, मूर्ति कला के लिए प्रसिद्ध है। खासकर, ध्रांगध्रा पत्थर की कलाकृति के लिए जाना जाता है। गुजरात सरकार ने यहां दो स्टोन आर्टिसन पार्क प्रशिक्षण संस्थान (SAPTI) स्थापित किए हैं, जो पत्थर की कला में प्रशिक्षण प्रदान करते हैं।

ध्रांगध्रा में SAPTI सुविधा 200 छात्रों की क्षमता वाली है। यहां मुख्य रूप से बलुआ पत्थर से संबंधित मशीन और मूर्तिकला पाठ्यक्रमों पर प्रशिक्षण दिया जाता है।