OO राजस्थान के अजमेर शहर में एक बार फिर स्कूली छात्राओं को दोस्ती का झांसा देकर ब्लैकमेल करने के आरोप लगे हैं जिसने एक बार फिर 1992 के अजमेर सेक्स स्कैंडल की याद ताजा कर दी है.
TTN Desk
अजमेर के विजयगनगर इलाके में आरोप लगाया गया है कि कुछ युवकों ने नाबालिग लड़कियों को बहला-फुसलाकर उन्हें ब्लैकमेल किया और उन पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया गया. इस मामले में रविवार (17 फरवरी) को लड़कियों के परिजन और हिदू संगठनों ने हंगामा किया और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सात आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है. साथ ही, अन्य लोगों की तलाश की जा रही है.
O मोबाइल फोन देकर फंसा रहे थे
पूरा मामला तब सामने आया जब अजमेर की एक स्कूली छात्रा के पिता ने विजयनगर थाने में शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लड़के उनकी नाबालिग बेटी और उसकी सहेलियों को मोबाइल फोन देकर बहला फुसला रहे थे. ये लड़के उन्हें अक्सर होटल, रेस्टोरेंट और कैफे में मिलने के लिए बुलाया करते थे और वहां उनकी तस्वीरें और वीडियो बनाते थे. पिता के मुताबिक, आरोपी उसकी नाबालिग बेटी से अपने दोस्तों से मिलने का दबाव भी बना रहे थे. साथ ही, उन पर धर्म परिवर्तन का दबाव भी बनाया जा रहा था. जब लड़की ने उनकी बात नहीं मानी तो वो उसे ब्लैकमेल करने लगे थे.
Oतस्वीरों और वीडियो के जरिए करते थे ब्लैकमेल
शिकायत के मुताबिक, आरोपी पहले नाबालिग लड़कियों से दोस्ती करते थे और फिर उन्हें मोबाइल फोन देते थे. फिर उन्हें मिलने के लिए बुलाते थे और वहां उनकी तस्वीरें और वीडियो बनाते थे. इन वीडियो और तस्वीरों का इस्तेमाल कर वे लड़कियों को ब्लैकमेल करते थे और उन पर अपने दोस्तों से मिलवाने का दबाव बनाते थे.
सर्व समाज के लोग बिजयनगर थाने के बाहर पहुंच गए और प्रदर्शन करने लगे। इसके बाद जब डीएसपी ने आश्वासन दिया तब जाकर माने।
O फोटो-वीडियो से कर रहे ब्लैकमेल
3 नाबालिग लड़कियों के पिता ने सामूहिक रूप से दी रिपोर्ट में बताया- हमने अपनी-अपनी बेटियों से जानकारी ली तो पता चला कि यह एक गिरोह है, जिसमें सोयल मंसूरी, सोहेब, अयान, अफरान, साहिल, आशिक कुरैशी, नामालूम, रियान, जावेद, आमान, करीम, फैजान और अन्य 10-15 लड़के हैं।
गिरोह के पास हमारी बेटियों के अलावा अन्य नाबालिग लड़कियों के फोटो एवं वीडियो है, जिससे उनको ब्लैकमेल किया जा रहा है। अन्य लड़की से संपर्क कराने पर इन्हें छोड़ने का झूठा आश्वासन दिया जाता है।
O धमकियां देकर मिलने का दबाव बनाते
गिरोह में शामिल आरोपी हमारी बेटियों को अपने जाल में फांस रहे हैं। उन्हें छोटे-छोटे खिलौने और मोबाइल जैसे प्रलोभन देकर फंसा रहे हैं। जैसा हमारी बेटियों के साथ हुआ, ठीक वैसा ही इलाके की अन्य नाबालिग लड़कियों के साथ भी हुआ है। ये लोग धमकियां देकर मिलने का दबाव बनाते हैं। उनके साथ जबरदस्ती कैफे में चलने और उनकी पसंद के कपड़े पहनने के लिए दबाव बनाते हैं।
O क्या है पुलिस रिपोर्ट में
नाबालिग लड़कियों के पिता ने रिपोर्ट में बताया- जब उन्होंने अपनी बेटियों से बात की तो पता चला कि शारीरिक शोषण के लिए एक-दूसरे की सहेलियों से मिलवाने का दबाव बनाया था। मना करने पर घरवालों को जान से मारने की धमकियां भी दी। आज जब हमारी बेटियों की सहेलियों के घर वालों से संपर्क किया तो पता चला कि उनकी बेटियों के पास भी इसी प्रकार के फोन हैं। उनके साथ भी इसी प्रकार की घटनाएं हुई है।
सर्व समाज के लोग बिजयनगर थाने के बाहर पहुंच गए और प्रदर्शन करने लगे। इसके बाद जब DSP ने आश्वासन दिया तब जाकर माने।
Oफोटो-वीडियो से कर रहे ब्लैकमेल
3 नाबालिग लड़कियों के पिता ने सामूहिक रूप से दी रिपोर्ट में बताया- हमने अपनी-अपनी बेटियों से जानकारी ली तो पता चला कि यह एक गिरोह है, जिसमें सोयल मंसूरी, सोहेब, अयान, अफरान, साहिल, आशिक कुरैशी, नामालूम, रियान, जावेद, आमान, करीम, फैजान और अन्य 10-15 लड़के हैं।
गिरोह के पास हमारी बेटियों के अलावा अन्य नाबालिग लड़कियों के फोटो एवं वीडियो है, जिससे उनको ब्लैकमेल किया जा रहा है। अन्य लड़की से संपर्क कराने पर इन्हें छोड़ने का झूठा आश्वासन दिया जाता है।
धमकियां देकर मिलने का दबाव बनाते गिरोह में शामिल आरोपी हमारी बेटियों को अपने जाल में फांस रहे हैं। उन्हें छोटे-छोटे खिलौने और मोबाइल जैसे प्रलोभन देकर फंसा रहे हैं। जैसा हमारी बेटियों के साथ हुआ, ठीक वैसा ही इलाके की अन्य नाबालिग लड़कियों के साथ भी हुआ है। ये लोग धमकियां देकर मिलने का दबाव बनाते हैं। उनके साथ जबरदस्ती कैफे में चलने और उनकी पसंद के कपड़े पहनने के लिए दबाव बनाते हैं।
नाबालिग लड़कियों के पिता ने रिपोर्ट में बताया- जब उन्होंने अपनी बेटियों से बात की तो पता चला कि शारीरिक शोषण के लिए एक-दूसरे की सहेलियों से मिलवाने का दबाव बनाया था। मना करने पर घरवालों को जान से मारने की धमकियां भी दी। आज जब हमारी बेटियों की सहेलियों के घर वालों से संपर्क किया तो पता चला कि उनकी बेटियों के पास भी इसी प्रकार के फोन हैं। उनके साथ भी इसी प्रकार की घटनाएं हुई है।
Oदोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए
विश्व हिंदू परिषद के धनराज कावड़िया ने आरोप लगाते हुए बताया- पुलिस अधिकारियों से बात की है। उन्होंने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इसके बाद अधिकारियों को शाम 6 बजे तक का अल्टीमेटम दिया गया है। देखेंगे कि पुलिस की कार्रवाई में क्या सामने आता है। इसके बाद मंदिर में सर्व समाज इकट्ठा होकर निर्णय लेगा। समुदाय विशेष के लोगों ने घटना को अंजाम दिया है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
O यह किसी पार्टी नहीं, सर्व समाज का मुद्दा है
पूर्व पालिका अध्यक्ष धनराज गुर्जर ने बताया- ये घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है। इस घटना के बारे में जो समझा और सुना, यह अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा है। ये लोग ब्लैकमेलिंग का धंधा करते हैं। आज शाम को सर्व समाज के पदाधिकारियों की एक बैठक होनी है। इसमें शाम 6 बजे तक निर्णय लिया जाएगा। आरोपियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। यह किसी पार्टी का मुद्दा नहीं होना चाहिए बल्कि यह सर्व समाज का मुद्दा है।
O क्या है 1992 का अजमेर ब्लैकमेल कांड ,32 साल बाद आया फैसला
वर्ष 1992 के बहुचर्चित अजमेर सेक्स स्कैंडल में एक गैंग ने मिलकल 100 से ज्यादा लड़कियों को हवस का शिकार बनाया. 11 से 20 वर्ष के उम्र की ये लड़कियां अजमेर के एक मशहूर निजी स्कूल में पढ़ती थीं. इस गैंग ने उनसे पहले दोस्ती गांठी और फिर आपत्तिजनक स्थितियों में उनकी तस्वीरें खींचकर उन्हें ब्लैकमेल किया. वह उन्हें एक फार्महाउस लाते थे जहां उनके साथ रेप किया जाता था.
इस मामले में 18 लोगों के खिलाफ मुकदमा चला था. आठ आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. हालांकि, बाद में 4 को राजस्थान हाई कोर्ट ने बरी कर दिया. दूसरे आरोपियों ने अपनी सज़ा पूरी की. लेकिन, इन आरोपियों में से 6 लोगों के खिलाफ अलग से मुकदमा चल रहा था. पिछले वर्ष 2024 के अगस्त में इस मामले में 32 साल बाद फैसला आया. अजमेर की स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने 6 आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई. हालांकि इनमें अलमास महाराज उर्फ बबली नाम का एक आरोपी फरार है और अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित किया हुआ है.