माता वैष्णो देवी : मेडिकल कॉलेज की 50 सीट पर 42 मुस्लिम स्टूडेंट,संघ संगठन विरोध में उतरे

0 हिंदुओं के दान से बने कॉलेज में मुस्लिम छात्रों के बहुमत पर हंगामा

TTN डेस्क

कटरा। श्री माता वैष्णो देवी मेडिकल कॉलेज में पहले एमबीबीएस बैच के दाखिलों को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। कॉलेज की 50 सीटों पर 42 मुस्लिम, 7 हिंदू और 1 सिख छात्र के चयन से हिंदू संगठन गहरे विरोध में उतर आए हैं। इन संगठनों का कहना है कि 500 करोड़ रुपये के हिंदू भक्तों के दान से बने इस कॉलेज में हिंदू छात्रों की संख्या नगण्य होना अस्वीकार्य है।

0 विरोध का कारण और संगठनों की मांग

कॉलेज की पहली एमबीबीएस बैच (2025-26) में कुल 50 सीटें हैं। अंतिम (तीसरे) राउंड की काउंसलिंग के बाद जारी सूची में कश्मीर घाटी के मुस्लिम छात्रों का वर्चस्व है, जबकि हिंदू छात्रों की संख्या केवल 7 है।
बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद (VHP), शिवसेना और राजपूत सभा सहित कई प्रमुख संगठनों ने इस चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं और कॉलेज के बाहर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए हैं। उनकी मुख्य मांग है कि:

* पूरी एडमिशन सूची तत्काल रद्द की जाए।
* कॉलेज में स्थानीय हिंदुओं के लिए 90% आरक्षण या एक अलग कोटा लागू किया जाए, क्योंकि यह कॉलेज हिंदू धर्मार्थ दान से निर्मित हुआ है।

0 प्रशासन का रुख और वर्तमान स्थिति

कॉलेज प्रशासन और केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल (LG) प्रशासन ने इस विरोध पर कड़ा रुख अपनाया है। प्रशासन का कहना है कि प्रवेश प्रक्रिया राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) की मेरिट और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) के सख्त नियमों के तहत पूरी की गई है।

0 प्रशासन की दलील

* तीसरे राउंड की काउंसलिंग तक आते-आते, जम्मू क्षेत्र के उच्च मेरिट वाले हिंदू छात्रों ने अपनी पहली पसंद के अन्य मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश ले लिया था।
* इसके परिणामस्वरूप, कम मेरिट वाले, लेकिन योग्य कश्मीरी छात्र अंतिम राउंड में उपलब्ध सीटों पर मेरिट के आधार पर चयनित हुए।
* मेरिट ही एकमात्र मानदंड है, और धर्म के आधार पर किसी भी प्रकार का आरक्षण या कोटा लागू करना NMC के नियमों का उल्लंघन होगा।
विरोध प्रदर्शन और राजनीतिक दबाव के बावजूद, प्रशासन ने दाखिला सूची रद्द करने की संभावना से इनकार कर दिया है। संगठन अभी भी विरोध प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं और उपराज्यपाल प्रशासन पर फैसले को पलटने का दबाव बना रहे हैं।