TTN डेस्क
ओस्लो (नॉर्वे): अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लंबे समय से अपेक्षित नोबेल शांति पुरस्कार से इस बार भी वंचित रहना पड़ा है। नोबेल समिति ने आज वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया मचाडो को उनके देश में लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने और तानाशाही से लोकतंत्र की ओर शांतिपूर्ण बदलाव लाने के अथक संघर्ष के लिए इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की है।
0 कौन हैं मारिया मचाडो?
मारिया मचाडो एक प्रमुख वेनेजुएला की राजनेता हैं जिन्होंने अपने देश में लोकतंत्र की स्थापना और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए लंबा और कठिन संघर्ष किया है। उन्होंने सुमाते नामक एक संगठन की स्थापना की है, जो लोकतंत्र की बेहतरी और मुक्त व निष्पक्ष चुनावों की मांग के लिए काम करता रहा है।
0 क्या कहा नोबेल समिति ने
नोबेल समिति ने अपने बयान में कहा कि जब दुनिया के कई हिस्सों में तानाशाही बढ़ रही है और लोकतंत्र कमजोर हो रहा है, ऐसे समय में मारिया मचाडो जैसे लोगों की हिम्मत उम्मीद जगाती है। समिति ने इस बात पर जोर दिया कि लोकतंत्र ही स्थायी शांति की शर्त है, और जब सत्ता हिंसा व डर के जरिए जनता को दबाने लगती है, तो ऐसे साहसी लोगों को सम्मान देना बेहद ज़रूरी हो जाता है।
यह पुरस्कार मचाडो के लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति समर्पण और वेनेजुएला के लोगों के लिए उनके अथक प्रयासों की वैश्विक मान्यता है।