ममता कुलकर्णी ने छोड़ा किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर का पद

OO पूर्व अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर का पद पट्टाभिषेक के 17वें दिन ही छोड़ दिया। पूर्व अभिनेत्री का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह खुद पद छोड़ने की बात कह रही हैं। इसका कारण अखाड़े में उनके पट्टाभिषेक के कारण उपजे विवाद को बताया है। उन्होंने कहा कि वो ऐसी चर्चा में नहीं आना चाहती हैं।

TTN Desk

ममता कुलकर्णी का किन्नर अखाड़े में बीती 24 जनवरी को महामंडलेश्वर पद पर पट्टाभिषेक किया गया था। किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने मंच पर चादर ओढ़ाकर उनका पट्टाभिषेक किया था और ममता को नया नाम यमाई ममता नंद गिरि दिया गया था। इसके तत्काल बाद से ही विवाद गहरा गया। कुछ ही दिनों में ऋषि अजय दास ने खुद को किन्नर अखाड़े का संस्थापक बताकर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को आचार्य महामंडलेश्वर के पद से हटाने की बात कही थी। इसका कारण ममता कुलकर्णी को बिना नियम के पद देना बताया। जिस पर लगातार विवाद गहराता जा रहा था।

जिसके बाद सोमवार को ममता कुलकर्णी का एक वीडियो वायरल हुआ। जिसमें उन्होंने कहा कि वो इस पद से इस्तीफा दे रही हैं। उनका कहना है कि आज किन्नर अखाड़े या दोनों अखाड़ों के बीच उनको लेकर विवाद हो रहा है, वो एक साध्वी थीं, साध्वी ही रहेंगी। महामंडलेश्वर पद का एक सम्मान उन्हें दिया गया था, जिससे वो अपने ज्ञान को लोगों को बांटतीं, लेकिन ऐसे विवाद के कारण वो अब आगे नहीं जाना चाहतीं।

उन्होंने खुद पर किए गए शंकराचार्य, किन्नर हिमांगी सखी के बयान पर कहा कि वो इन लोगों पर कुछ टिप्पणी भी नहीं करना चाहतीं। हिमांगी पर कहा कि उन्हें तो ब्रह्म ज्ञान की जानकारी तक नहीं है, वो उनके बारे में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहतीं। उन्होंने कहा कि यहां सब आपस में लड़ रहे हैं वो तो अपने गुरु श्रीचैतन्य गगन गिरि के सान्निध्य में तपस्या कर चुकी हैं। जिनके बाराबर यहां कोई है ही नहीं। उन्होंने कहा कि वो आचार्य डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी का सम्मान करती हैं। वहीं ममता के वीडियो के बाद ऋषि अजय दास का एक वीडियो जारी हुआ, जिसमें उन्होंने कहा कि देर आए, दुरुस्त आए।