ब्रेकिंग न्यूज : कैलाश मानसरोवर यात्रा पर गई मीनाक्षी लेखी घोड़े से गिर कर घायल, रीढ़ में गंभीर चोट

00 पूर्व केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी कैलाश मानसरोवर यात्रा के दूसरे दल के साथ तिब्बत के दारचिन क्षेत्र में थीं, जब वे एक घोड़े से गिर गईं। इस हादसे में उनकी कमर में गंभीर चोट आई। प्रारंभिक जांच में उनकी रीढ़ की हड्डी में चोट की पुष्टि हुई है।

TTN Desk

घटना शनिवार को हुई, जिसके बाद उनकी हालत को देखते हुए यात्रा बीच में ही रोककर उन्हें भारत वापस लाने का निर्णय लिया गया।

0 हेलीकॉप्टर से देहरादून ले जाने की तैयारी

मीनाक्षी लेखी को तिब्बत के दारचिन से भारत लाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया है। रविवार सुबह उन्हें वाहन के जरिए लिपुलेख बॉर्डर तक लाया गया, जहां से पैदल या स्ट्रेचर के माध्यम से नाभीढांग पहुंचाया गया। पिथौरागढ़ प्रशासन ने हेलीकॉप्टर से उन्हें देहरादून लाने की तैयारी पूरी कर ली है। हालांकि, भारी बारिश और खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर उड़ान में चुनौतियां हो सकती हैं।

0 यात्रा को अपना सौभाग्य बताया था

कैलाश मानसरोवर यात्रा हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र मानी जाती है, क्योंकि यह भगवान शिव और माता पार्वती का निवास स्थान माना जाता है। मीनाक्षी लेखी इस यात्रा के लिए उत्साह के साथ पिथौरागढ़ पहुंची थीं और उन्होंने इसे अपने लिए सौभाग्य की बात बताया था। दुर्भाग्यवश, यह हादसा उनके लिए यात्रा को पूरा करने में बाधा बन गया। सूत्रों के अनुसार, उनकी चोट की गंभीरता के कारण वे इस बार यात्रा पूरी नहीं कर पाएंगी।

0 कैलाश मानसरोवर की कठिन यात्रा

कैलाश मानसरोवर यात्रा एक कठिन तीर्थयात्रा है, जो तिब्बत में 15,100 फीट की ऊंचाई पर स्थित मानसरोवर झील और 22,028 फीट ऊंचे कैलाश पर्वत तक जाती है। यह यात्रा भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित की जाती है और इसमें उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे या सिक्किम के नाथुला दर्रे जैसे मार्ग शामिल हैं। इस साल 750 तीर्थयात्रियों का चयन किया गया था, जिनका पहला जत्था 30 जून को रवाना हुआ था।