ब्रेकिंग न्यूज…इजरायल का ईरान पर दूसरा हमला : तेहरान में कोहराम, तनाव चरम पर, क्षेत्रीय युद्ध का खतरा बढ़ा

TTN Desk

13 जून 2025 को इजरायल द्वारा ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर किए गए बड़े पैमाने के हमले, जिसे “ऑपरेशन राइजिंग लायन” नाम दिया गया, के बाद 14 जून 2025 को इजरायल ने ईरान पर दूसरा हमला शुरू किया। इस हमले ने मध्य पूर्व में तनाव को और बढ़ा दिया है।

O इजरायल के दूसरे हमले का विवरण

इजरायल ने 14 जून 2025 को तड़के ईरान के प्रमुख शहरों, विशेष रूप से तेहरान, इस्फहान, शिराज, और तबरीज में परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए। इन हमलों में 200 से अधिक फाइटर जेट्स और ड्रोन का उपयोग किया गया, जो इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) द्वारा संचालित थे।

O हमले के लक्ष्य

परमाणु ठिकाने: नतांज और फोर्डो परमाणु संयंत्रों पर दोबारा हमला किया गया, जहां यूरेनियम संवर्धन की प्रक्रिया को भारी नुकसान पहुंचा। ईरानी मीडिया ने पुष्टि की कि नतांज साइट को “लगभग पूरी तरह तबाह” कर दिया गया।

O सैन्य ठिकाने:

तेहरान के पास मिसाइल लॉन्चर और ड्रोन ठिकानों को निशाना बनाया गया। खतम अल-अनबिया सेंट्रल हेडक्वार्टर जैसे प्रमुख सैन्य केंद्रों को भी नुकसान पहुंचा।

O मानव संसाधन:

इजरायल ने इस बार भी ईरान के परमाणु वैज्ञानिकों और सैन्य कमांडरों को निशाना बनाया, ताकि ईरान की परमाणु और सैन्य क्षमता को दीर्घकालिक नुकसान हो।

O हमले की रणनीति

इजरायल ने इस हमले में सटीक बमबारी और गुप्त ऑपरेशनों का सहारा लिया। मोसाद द्वारा पहले से तस्करी के जरिए विस्फोटक ड्रोन और हथियार ईरान में भेजे गए थे। इजरायली विमान बिना किसी बड़ी रुकावट के तेहरान तक पहुंचे और सटीक हमले किए।

O ईरान में नुकसान और हताहत

14 जून के हमलों ने ईरान को भारी नुकसान पहुंचाया, जिससे देश में आपातकाल लागू कर दिया गया।

O परमाणु वैज्ञानिक और सैन्य अधिकारी मारे गए

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कम से कम छह परमाणु वैज्ञानिक और चार शीर्ष सैन्य अधिकारी मारे गए। इनमें इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कमांडर मेजर जनरल हुसैन सलामी और खतम अल-अनबिया हेडक्वार्टर के कमांडर मेजर जनरल घोलम अली राशिद शामिल हैं।

O तेहरान में कोहराम

तेहरान के रिहायशी इलाकों में हमलों के कारण 78 लोग मारे गए और 329 घायल हुए, जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।

O बुनियादी ढांचे को नुकसान

नतांज और फोर्डो साइट्स: नतांज में यूरेनियम संवर्धन की सुविधा को भारी क्षति पहुंची, जिसे ईरान के परमाणु कार्यक्रम का “दिल” माना जाता है। फोर्डो के पास भी विस्फोटों की खबरें हैं।

सैन्य सुविधाएं: मिसाइल और ड्रोन उत्पादन सुविधाओं को नष्ट किया गया, जिससे ईरान की जवाबी कार्रवाई की क्षमता कमजोर हुई।

O ईरान की जवाबी कार्रवाई

ईरान ने इजरायल के हमलों के जवाब में तत्काल कार्रवाई शुरू की, जिससे क्षेत्र में युद्ध की स्थिति और गंभीर हो गई।

Oड्रोन और मिसाइल हमले

ईरान ने इजरायल पर 100 से अधिक हथियारबंद ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। ये हमले तेल अवीव और अन्य प्रमुख इजरायली शहरों को निशाना बनाकर किए गए।इजरायल ने अपने एयर डिफेंस सिस्टम, जैसे एरो और डेविड्स स्लिंग, के जरिए अधिकांश ड्रोनों को रोक लिया, लेकिन कुछ क्षेत्रों में मामूली नुकसान की खबरें हैं।

O ईरान का बयान

सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा, “इजरायल और उसके सहयोगी इस हमले की कीमत चुकाएंगे।” उन्होंने जवाबी कार्रवाई का वादा किया।विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने दावा किया कि ये हमले अमेरिका के समन्वय के बिना संभव नहीं थे, जिससे क्षेत्रीय तनाव में अमेरिका की भूमिका पर सवाल उठे।4. इजरायल की स्थिति और नेतन्याहू का बयानइजरायल ने इन हमलों को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी बताया और देश में हाई अलर्ट घोषित कर दिया।

O नेतन्याहू का बयान

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, “हमने ईरान के परमाणु खतरे को खत्म करने के लिए यह कदम उठाया। यह ऑपरेशन तब तक जारी रहेगा, जब तक जरूरी होगा।”उन्होंने दावा किया कि ईरान के पास 15 परमाणु हथियार बनाने के लिए पर्याप्त यूरेनियम था, जिसे रोकना इजरायल के अस्तित्व के लिए जरूरी था।इजरायल में सुरक्षा उपायइजरायल ने देशभर में आपातकाल लागू किया और नागरिकों को शेल्टर में रहने की सलाह दी।कई देशों में इजरायली दूतावासों को बंद कर दिया गया, क्योंकि जवाबी हमलों का डर बढ़ गया।