लालू यादव ने बेटे तेज प्रताप को RJD से किया निष्कासित, परिवार से भी अलग करने का ऐला
फोटो : सोशल मीडिया पोस्ट और ऐश्वर्या से आठ साल पहले शादी के समय की फाइल फोटो
OO एक चौंकाने वाला पारिवारिक और राजनीतिक घटनाक्रम, जो बिहार की राजनीति में लाया भूचाल
TTN Desk
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे और पार्टी के विधायक तेज प्रताप यादव को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। इसके साथ ही लालू यादव ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की है कि वह तेज प्रताप को अपने परिवार से भी अलग कर रहे हैं। यह फैसला तेज प्रताप यादव द्वारा सोशल मीडिया पर किए गए एक चौंकाने वाले पोस्ट के बाद आया है, जिसमें उन्होंने एक महिला के साथ 12 साल पुराने कथित रिश्ते का दावा किया था। इस पोस्ट ने न केवल राजनीतिक गलियारों में बल्कि यादव परिवार के भीतर भी तूफान ला दिया था।
O सोशल मीडिया पोस्ट बना निष्कासन का तात्कालिक कारण
तेज प्रताप यादव ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक महिला के साथ अपनी पुरानी तस्वीरें साझा की थीं और दावा किया था कि उनका उस महिला के साथ 12 साल पुराना रिश्ता था। हालांकि, पोस्ट के कुछ ही समय बाद उसे हटा दिया गया, लेकिन तब तक इसका स्क्रीनशॉट व्यापक रूप से वायरल हो चुका था। इस पोस्ट को पारिवारिक और राजनीतिक दोनों ही दृष्टि से ‘गैर-जिम्मेदाराना’ और ‘अशोभनीय’ माना गया, जिसने लालू परिवार की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई।
O लालू यादव का सख्त संदेश
लालू प्रसाद यादव ने तेज प्रताप के इस कृत्य पर अपनी गहरी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि तेज प्रताप का व्यवहार न तो उनके पारिवारिक मूल्यों, न ही आरजेडी के सिद्धांतों और न ही राजनीतिक मर्यादा के अनुरूप है। लालू यादव ने अपने बयान में कहा कि परिवार और पार्टी, दोनों में अनुशासन सर्वोपरि है और किसी भी कीमत पर इसे भंग करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि यह निर्णय परिवार के भीतर गहन विचार-विमर्श और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से सलाह के बाद लिया गया है।
O तेज प्रताप और तेजस्वी में था टकराव
तेज प्रताप यादव पहले से ही आरजेडी के भीतर अपनी असंगत गतिविधियों और बयानबाजी के लिए जाने जाते रहे हैं। वह अक्सर अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव के साथ उनके कथित मतभेदों को लेकर सुर्खियों में रहते थे। इस निष्कासन के बाद आरजेडी में उनकी आधिकारिक भूमिका समाप्त हो गई है। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि यह फैसला बिहार की राजनीति और यादव परिवार के समीकरणों को कैसे प्रभावित करेगा। तेजस्वी यादव, जो वर्तमान में आरजेडी के कार्यकारी अध्यक्ष हैं, पर अब पार्टी और परिवार को एकजुट रखने की बड़ी जिम्मेदारी आ गई है।
O राजनीतिक निहितार्थ और बिहार की राजनीति पर असर
लालू यादव के इस कठोर निर्णय के बिहार की राजनीति पर व्यापक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। यह संदेश देता है कि लालू परिवार अपने भीतर अनुशासन बनाए रखने के लिए गंभीर है। यह घटना आगामी चुनावों में आरजेडी की छवि पर भी असर डाल सकती है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम तेजस्वी यादव के नेतृत्व को और मजबूत कर सकता है, क्योंकि अब उन्हें पार्टी में तेज प्रताप की दखलंदाजी का सामना नहीं करना पड़ेगा। हालांकि, यह परिवार के भीतर एक बड़ी दरार भी पैदा कर सकता है, जिसका लाभ विपक्षी दल उठाने की कोशिश कर सकते हैं।
यह खबर लालू प्रसाद यादव के परिवार और बिहार की राजनीति दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ मानी जा रही है।