TTN Desk
श्री मौनतीर्थ महापीठ में बिलासा साहित्य शिक्षण संस्थान के द्वितीय सत्र 2024 का दीक्षांत समारोह गत दिवस आयोजित किया गया।
निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 परम आदरणीय सुमनानन्द जी महाराज , गोविंद शर्मा खंडवा के मुख्य आतिथ्य, देवेंद्र शर्मा जी इंदौर, मनोहर मोयदे जी उज्जैन के विशिष्ट आतिथ्य में सम्पन्न हुए इस कार्यक्रम की मुख्य समन्वयक बिलासा साहित्य शैक्षणिक संस्थान की जनसंपर्क अधिकारी एवं श्री मौन तीर्थ पीठ उज्जैन की सचिव डॉ. निर्मला शर्मा जी ने कहा कि श्री मौनतीर्थ पीठ उनकी आत्मा है यहाँ उनके प्राण बसते हैंl उन्होंने 2016 में जब मौनी बाबा के चरण- स्पर्श किए और उनका वरदहस्त उनके मस्तक पर पड़ा तो उनका जीवन 360 डिग्री घूम गया lइस दिव्यपावन भूमि पर बिलासा महालय का दीक्षांत समारोह करने का अर्थ है कि बिलासा महालय उनके लिए सबसे अधिक महत्व रखता है lउन्होंने आगे कहा कि दोनों ही संस्था उनके दो नेत्रों के समान हैं और दोनों गुरुजी भी उनके दो नेत्रों के समान हैंl बिलासा महालय की अध्यक्ष डॉक्टर माधुरी मुदिता जी ने बताया कि 21 अगस्त 2019 को स्थापित बिलासा छंद महालय के संस्थापक परम आदरणीय गुरुदेव डॉ. रामनाथ साहू ‘ननकी’ जी, अध्यक्ष डॉ . माधुरी डड़सेना ‘मुदिता’ जी, सचिव डॉ. ओमकार साहू ‘मृदुल’ जी के अथक प्रयत्नों से बिलासा छंद महालय न केवल छंदों को पुनर्स्थापित कर रहा है, वरन नव प्रस्तारित छंदों के माध्यम से साहित्य क्षितिज की नित नई ऊँचाइयाँ भी छू रहा है।
श्री मौनतीर्थ के पावन ,शांत, सुरम्य वातावरण में एक दिन पूर्व ही बिलासा छंद महालय के संस्थापक डॉ. रामनाथ साहू ‘ननकी’ जी, अध्यक्ष डॉ . माधुरी डड़सेना ‘मुदिता’ जी सहित अनेकानेक साधक पटल प्रेरक, पटल प्रमुख, पटल गुरुओं साधक का आना प्रारंभ हो गया था।बिलासा महालय ने उनके प्रात: से लेकर रात्रिकाल तक स्वल्पाहार,भोजन, आवास का समुचित प्रबंधन किया।
अगले दिवस प्रातः काल से सभी दीक्षांत साधकों से तीर्थ क्षेत्र जागृत हो उठा। यथा समय सभी अतिथियों गोविंद शर्मा खंडवा , देवेंद्र शर्मा जी इंदौर, मनोहर मोयदे जी उज्जैन का आगमन पश्चात आदि छंदाचार्य गणपति, माँ सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलन से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ । तत्पश्चात बिलासा छंद महालय के संस्थापक डॉ. रामनाथ साहू ननकी जी, डॉ माधुरी डड़सेना मुदिता ने अपने मधुर मोहक स्वरों में सरस्वती, गणेश वंदना के साथ महालय वंदना सभी उपस्थित साधकों के साथ प्रस्तुत की । मंच पर गायन में ज्ञानेश्वरी साहू, डॉ .अनुराधा पारे ‘अवि’ डॉ सुषमा शर्मा ‘श्रुति’ ने आपका साथ दिया। अतिथियों के स्वागत भाषण के साथ अध्यक्ष डॉ. माधुरी डड़सेना जी ने महालय का प्रतिवेदन भी प्रस्तुत किया। अतिथियों में मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार श्री गोविंद शर्मा ने बिलासा छंद महालय के छंदों को लेकर किए जा रहे भागीरथी प्रयत्नों की भूरि– भूरि प्रशंसा करते हुए मार्श -मेलो पद्धति के उदाहरण द्वारा बताया कि साहित्य में धैर्य,मन, चिंतन एवं संवाद द्वारा परिष्कृत सृजन ही प्रकाश में आना चाहिए। विशिष्ट अतिथि श्री देवेंद्र शर्मा इंदौर ने नारी सम्मान, और उनके साहित्यिक उत्थान पर बल दिया, वहीं श्री मनोहर गजानन मोयदे ने साहित्य के द्वारा सामाजिक संस्कारों को नारी अस्मिता के साथ जोड़ते हुए उसके प्रसार प्रसार को बढ़ाने पर बल दिया।
ये उज्जैन की दिव्य भूमि का प्रताप ही कहा जाएगा कि, एक साथ 25 किताबों का विमोचन भी किया गया,
*डाॅ.अनुराधा सुनील पारे’अवि’
डाॅ.सुषमा शर्मा ‘श्रुति’
ज्ञानेश्वरी साहू “ज्ञानेश”* शिवा त्रिपदी – विधा (त्रिपदी)*
डाॅ.रसीदा ‘राशि’ मार्कण्डेय* की विराट
डॉ . रामनाथ साहू ‘ननकी’
‘पूर्व सैनिक प्रमोद कुमार चौहान अरदास सविता खण्डेलवाल ‘भानु’
भारती दिशा आदि की पुस्तकों का विमोचन हुआl
विमोचन के पश्चात प्रथम सत्र समाप्त करते हुए भोजन अवकाश में साधकों द्वारा अपने गुरुजनों का सम्मान एवं काव्यपाठ भी किया गया ।
द्वितीय सत्र डॉ. गजेंद्र हरिहारनो दीप, राजश्री शर्मा ,डॉ .निर्मला शर्मा ,निशा अतुल्य डॉ. सुषमा शर्मा श्रुति, डॉ .अनुराधा पारे अवि, रश्मि मोयदे रागिनी के विशिष्ट आतिथ्य में वर्णावली ग्रन्थ महालय ग्रन्थ एवं 2024 के पटल प्रेरकों पटल प्रमुखों पटल गुरुओं , साधकों को महालय के स्मृति चिन्ह ग्रंथों, मैजिक वर्ल्ड रिकॉर्ड के प्रमाणपत्रों से सम्मानित किया गया।
सभी का आभार डॉ. माधुरी डड़सेना मुदिता जी ने व्यक्त किया।
प्रथम सत्र का बेहद सुंदर सारगर्भित ,गरिमापूर्ण संचालन राजश्री शर्मा एवं द्वितीय सत्र का सुंदर संचालन अदिति अत्रे द्वारा किया गया। कार्यक्रम में सभी साधकों ने अभूतपूर्व योगदान दिया किंतु लक्ष्मीकांत वैष्णव मनलाभ ,कमलेश पटेल ,दिव्य सृजन शर्मा ,रश्मि मोइदे दंपति का योगदान अभूतपूर्व रहाl