TTN डेस्क
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में उस समय हड़कंप मच गया, जब एक वकील ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI बी आर गवई पर हमला करने की कोशिश की। यह घटना तब हुई जब सीजेआई की अध्यक्षता वाली बेंच मामलों की सुनवाई कर रही थी।
सूत्रों के अनुसार, वकील अचानक डेस्क के पास गया और अपना जूता निकालकर सीजेआई पर फेंकने का प्रयास किया। हालांकि, कोर्ट में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत वकील को पकड़ लिया और उसे बाहर ले गए।
0 सनातन का अपमान नहीं सहेंगे का नारा
कोर्ट से बाहर जाते समय वकील ने “सनातन का अपमान नहीं सहेंगे” के नारे लगाए।
0 में विचलित नहीं,आप दलील जारी रखिए
घटना के बाद सीजेआई ने अदालत में मौजूद वकीलों से अपनी दलीलें जारी रखने को कहा। उन्होंने शांति और स्थिरता बनाए रखते हुए कहा, “इससे सब से विचलित न हों। हम विचलित नहीं हैं। ये बातें मुझे प्रभावित नहीं करतीं।”
0 खंडित मूर्ति पर सीजेआई की टिप्पणी
माना जा रहा है कि यह वकील CJI की एक पिछली टिप्पणी से नाराज़ था। यह टिप्पणी मध्य प्रदेश के खजुराहो स्थित भगवान विष्णु की 7 फीट ऊंची खंडित मूर्ति की पुनर्स्थापना से जुड़े एक मामले को खारिज करते हुए की गई थी।
सीजेआई ने मूर्ति के मामले को खारिज करते हुए कहा था:
“जाओ और भगवान से खुद करने को कहो। तुम कहते हो भगवान विष्णु के कट्टर भक्त हो, जाओ उनसे प्रार्थना करो।”
याचिकाकर्ता, राकेश दलाल, जो इस फैसले से नाराज़ थे, ने इसे अपनी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाला बताया था।
0क्या था मूर्ति से जुड़ा मामला?
* यह मामला मध्य प्रदेश के खजुराहो के जवारी (वामन) मंदिर में रखी भगवान विष्णु की 7 फीट ऊंची खंडित मूर्ति की बहाली (पुनर्स्थापना) की मांग वाली याचिका से जुड़ा था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
* याचिकाकर्ता का दावा था कि यह मूर्ति मुगलों के आक्रमणों के दौरान खंडित हुई थी और तभी से इसी स्थिति में है। इसलिए भक्तों के पूजा करने के अधिकार की रक्षा और मंदिर की पवित्रता को पुनर्जीवित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करना चाहिए।
* कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि प्रतिमा जिस स्थिति में है, उसी में रहेगी। भक्तों को पूजा करनी है तो वे दूसरे मंदिर जा सकते हैं।