पोस्टर से हमला : बीजेपी के राहुल पर जारी 2 पोस्टर से मचा बवाल,मालवीय ने राहुल को आज का मीर जाफर बताया,चेहरा पाक सेना प्रमुख से मिलाया,कांग्रेस ने कहा ये घटिया और खतरनाक

OO भारतीय जनता पार्टी (BJP) के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दो पोस्टर जारी किए हैं, जिस पर काफी सियासी हंगामा खड़ा हो गया है।

TTN Desk

अमित मालवीय द्वारा जारी किए गए दो पोस्टर और उनके निहितार्थ को आइए समझते है…

पहला पोस्टर: राहुल गांधी और जनरल आसिम मुनीर का “मर्ज किया हुआ” चेहरा

* पोस्टर का विवरण: इस पोस्टर में राहुल गांधी और पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के चेहरों को फोटोशॉप के जरिए इस तरह से जोड़ा गया है कि दोनों के चेहरे एक-दूसरे में समाहित दिखते हैं। यह एक सीधा दृश्य संकेत है कि मालवीय, राहुल गांधी को पाकिस्तानी सैन्य नेतृत्व के साथ जोड़ना चाहते हैं।

* मालवीय का आरोप और क्या है संदेश

* “ऑपरेशन सिंदूर” पर बधाई न देना: मालवीय ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने “ऑपरेशन सिंदूर” (यह की सफलता पर प्रधानमंत्री मोदी को बधाई नहीं दी। यह आरोप राहुल गांधी की देशभक्ति पर सवाल उठाने का प्रयास है।

* जेट के नुकसान पर सवाल:
मालवीय ने इस बात पर जोर दिया कि राहुल गांधी बार-बार यह पूछ रहे हैं कि भारत ने कितने जेट खोए, जबकि डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस) ने पहले ही इस पर स्पष्टीकरण दे दिया था। मालवीय का तर्क है कि ऐसे सवाल उठाकर राहुल गांधी पाकिस्तान के नैरेटिव को आगे बढ़ा रहे हैं, जो भारत के नुकसान की बात करता है।

O “निशान-ए-पाकिस्तान” का व्यंग्य

“आगे क्या मिलेगा -निशान-ए-पाकिस्तान?” यह एक अत्यंत तीखा व्यंग्य है। “निशान-ए-पाकिस्तान” पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। इस टिप्पणी के माध्यम से मालवीय यह暗示 करना चाहते हैं कि राहुल गांधी की बातें और कार्यकलाप ऐसे हैं कि पाकिस्तान उन्हें सम्मानित कर सकता है, जो उन्हें देशद्रोही या पाकिस्तान समर्थक दिखाने का प्रयास है।

* पाकिस्तान की भाषा बोलने का आरोप:
मालवीय का मुख्य आरोप यह है कि राहुल गांधी की बातें “पाकिस्तान और उसके समर्थकों की भाषा” है। यह आरोप राहुल गांधी को अप्रत्यक्ष रूप से देश के दुश्मनों के साथ खड़ा करने का प्रयास है।

O दूसरा पोस्टर: राहुल गांधी को “आज के समय का मीर जाफर” बताया

 

इस पोस्टर में राहुल गांधी को “आज के समय का मीर जाफर” बताया गया है। पोस्टर में कथित तौर पर उन्हें पाकिस्तान की सीमा के अंदर पीएम शहबाज शरीफ की पीठ पर चढ़े हुए भी दिखाया गया है, जो उन्हें पाकिस्तान के हाथों की कठपुतली या पाकिस्तान का मोहरा दिखाने का प्रयास है।

O क्यों कहा “मीर जाफर” ,,?

* ऐतिहासिक संदर्भ: मीर जाफर बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला के सेनापति थे, जिन्होंने 1757 के प्लासी के युद्ध में अंग्रेजों का साथ दिया था और सिराजुद्दौला को धोखा देकर अंग्रेजों की जीत सुनिश्चित की थी। भारतीय इतिहास में “मीर जाफर” गद्दारी, विश्वासघात और देशद्रोह का प्रतीक बन गया है।

* राहुल गांधी पर आरोप:

इस उपमा का उपयोग करके, अमित मालवीय सीधे तौर पर राहुल गांधी पर देशद्रोह, विश्वासघात और राष्ट्रीय हितों के खिलाफ काम करने का आरोप लगा रहे हैं। यह अत्यंत गंभीर आरोप है और इसका उद्देश्य राहुल गांधी की राजनीतिक साख को गंभीर नुकसान पहुंचाना है।

* दृश्य संकेत:

शहबाज शरीफ की पीठ पर चढ़े हुए दिखाना एक स्पष्ट दृश्य संकेत है कि राहुल गांधी पाकिस्तान के इशारों पर नाच रहे हैं या उनका समर्थन कर रहे हैं।

O कांग्रेस ने इसे घटिया और खतरनाक बताया

कांग्रेस ने इन पोस्टरों को “आपत्तिजनक”, “खतरनाक”, “घटिया राजनीति का उदाहरण” और “राहुल गांधी की छवि खराब करने का दुर्भावनापूर्ण प्रयास” बताया है। कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने और नफरत फैलाने की राजनीति कर रही है।

O कानूनी कार्रवाई की धमकी

कांग्रेस ने इन पोस्टरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है और चुनाव आयोग से भी शिकायत की है।

O सियासी ध्रुवीकरण बढ़ना है मकसद

इन पोस्टरों ने भारतीय राजनीति में ध्रुवीकरण को और बढ़ा दिया है। एक ओर भाजपा और उसके समर्थक राहुल गांधी पर निशाना साधने के लिए इन पोस्टरों का इस्तेमाल कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस और उसके सहयोगी इन पोस्टरों को “झूठ”, “फर्जीवाड़ा” और “देशद्रोही” करार दे रहे हैं।

O आखिर किस निचले और तीखे स्तर पर आ गए राजनैतिक हमले और क्यों.?

अमित मालवीय द्वारा जारी किए गए ये पोस्टर एक तीव्र राजनीतिक हमले का हिस्सा हैं। ये पोस्टर राहुल गांधी की विश्वसनीयता, उनकी देशभक्ति और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर उनके रुख पर सवाल उठाने के लिए डिजाइन किए गए हैं। इन पोस्टरों का मुख्य उद्देश्य राहुल गांधी को देश विरोधी या पाकिस्तान समर्थक के रूप में चित्रित करना है, ताकि उनकी राजनीतिक छवि को नुकसान पहुंचाया जा सके। इन पोस्टरों ने भारत में राजनीतिक बयानबाजी के गिरते स्तर को भी उजागर किया है, जहां व्यक्तिगत हमलों और गंभीर आरोपों के लिए सोशल मीडिया का जमकर इस्तेमाल किया जा रहा है।यहां कांग्रेस द्वारा जारी बिना सिर वाला वो पोस्टर भी याद कीजिए जिसमें “गायब” लिखा था।इस पोस्टर को बीजेपी ने सीधा मोदी से जोड़ कांग्रेस पर ऐसा हल्ला बोला कि कांग्रेस को उसे हटाना पड़ा था। आप