पाकिस्तान : सेना के समर्थन में जुटे हजारों आतंकी, कराची में रैली भी निकाली, बुलेटप्रूफ ग्लास के पीछे खड़े होकर भारत विरोधी भाषण दिए


OO कराची में 12 मई को हजारों कट्‌टरपंथी नेताओं और आतंकवादियों ने पाकिस्तान सेना के समर्थन में रैली की। जिसमें वक्ताओं ने भारत के खिलाफ जम कर जहर उगला।

TTN Desk

विभिन्न मीडिया आउटलेट्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस रैली में लश्कर-ए-तैयबा और अहले सुन्नत वल जमात शामिल थे। दोनों ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवादी संगठन घोषित हैं।

ऑपरेशन बनयान-उन-मर्सूस का जश्न मनाते हुए रैली में आतंकियों और कट्‌टरपंथी नेताओं ने बुलेटप्रूफ ग्लास के पीछे खड़े होकर भारत विरोधी भाषण दिए। पाकिस्तान की दिफा-ए-वतन काउंसिल की दिफा-ए-वतन रैली का आयोजन जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने किया था।तो वहीं, दिफा-ए-वतन काउंसिल पाकिस्तान के धार्मिक और राजनीतिक संगठनों का गठबंधन है। इसका मकसद देश की रक्षा करना है।

O दोनों देशों के संबंध को धर्म से जोड़ा

इस रैली में कई कट्टरपंथी मौलाना भी शामिल भी शामिल हुए। इन्होंने भारत के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी की और दोनों देशों के संघर्ष को धर्म से जोड़कर पेश किया। कट्टरपंथी मुफ्ती तारिक मसूद ने कहा कि पाकिस्तान के गद्दार PAK आर्मी को सेक्युलर कहते हैं, जबकि हमारे दुश्मन हमारी आर्मी को मजहबी आर्मी कहते हैं। इस युद्ध को जीतने के बाद यह तय हो गया है कि हमारी सेना सेक्युलर नहीं है। यह एक ऐसी सेना है जो शहादत (बलिदान) का जुनून रखती है और मजहब और इस्लाम के नाम पर, अल्लाह के नाम पर अपनी जान कुर्बान कर देती है। साथ ही, जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (सिंध) के महासचिव अल्लामा राशिद महमूद ने भारत को खुलेआम धमकी दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी आर्मी ने इजराइली ड्रोनों को गिराकर उसका घमंड चकनाचूर कर दिया। फ्रांस के राफेल जेट को मार गिराया और रूस में बने S-400 डिफेंस सिस्टम को भी तबाह कर दिया। इससे रूस को भी पता चल गया है कि पाकिस्तान से पंगा लेने से पहले तुम्हें सौ बार सोचना चाहिए।

O पाक सेना आतंकवादियों का है गहरा नाता

बता दें, पाकिस्तान आर्मी और आतंकियों के बीच लंबे वक्त से गठजोड़ रहा है। भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मारे गए पाकिस्तानी आतंकियों के जनाजे में वहां की सेना के सीनियर अफसर और नेता भी शामिल हुए थे। इसकी एक फुटेज भी सामने आई थी। इस फुटेज में पाकिस्तानी नेता ओर अफसर, लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर अब्दुल रऊफ के साथ जनाजे की नमाज पढ़ते दिख रहे थे। इनमें लेफ्टिनेंट जनरल फैयाज हुसैन, मेजर जनरल राव इमरान सरताज, मेजर जनरल मोहम्मद फुरकान शब्बीर, पंजाब पुलिस के IG डॉक्टर उस्मान अनवर और सांसद मलिक अहमद शामिल थे। दरअसल, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकियों ने धर्म पूछकर 26 टूरिस्ट की हत्या कर दी थी। महिलाओं और बच्चों के सामने पुरुषों को सिर और सीने में गोली मारी थी। घटना के दौरान प्रधानमंत्री मोदी सऊदी अरब में थे। वे दौरा बीच में ही छोड़कर देश लौटे और कैबिनेट की मीटिंग बुलाई। हलगाम घटना के 15 दिन बाद सेना ने पाकिस्तान और PoK में एयर स्ट्राइक की। 25 मिनट में 9 आतंकी ठिकाने तबाह कर दिए थे। 100 से ज्यादा आतंकियों को ढेर कर दिया।