OO देसी हल्दीराम में हिस्सेदारी खरीदने की रेस में ग्लोबल कंपनियां कूद गई है।जिसमें पेप्सिको सबसे आगे चल रही है. हल्दीराम में हिस्सेदारी खरीदने को लेकर प्रमुख दावेदार टेमासेक और अल्फा वेव ग्लोबल जैसे दिग्गज भी आगे थे, लेकिन अब पेप्सिको अग्रवाल फैमिली से डील को लेकर डायरेक्ट बातचीत कर रहा है.
TTN Desk
देश की सबसे पुरानी स्नैक्स कंपनी हल्दीराम को खरीदने के लिए विदेशी कंपनियां बेताब हैं. 18 महीने की खोज के बाद हाल ही में सिंगापुर की ग्लोबल इन्वेस्टमेंट कंपनी टेमासेक ने हल्दीराम में माइनोरिटी स्टेक खरीदने के लिए टर्म पेपर साइन किए थे कि अब देसी हल्दीराम को खरीदने की लाइन में पेप्सिको का भी नाम सामने आ गया है. अगर दोनों कंपनियों की बात बन गई तो हल्दीराम और पेप्सिको की पार्टनरशिप सबसे बड़ी डील बन जाएगी.
O आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला…
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, देसी हल्दीराम में हिस्सेदारी खरीदने की रेस में पेप्सिको सबसे आगे चल रही है. हल्दीराम में हिस्सेदारी खरीदने को लेकर प्रमुख दावेदार टेमासेक और अल्फा वेव ग्लोबल जैसे दिग्गज भी आगे थे, लेकिन अब पेप्सिको अग्रवाल फैमिली से डील को लेकर डायरेक्ट बातचीत कर रहा है.
दिसंबर 2024 में 10-15% हिस्सेदारी बेचने के प्रस्ताव को कैंसिल होने के बाद पेप्सिको हेडऑफिस के अधिकारियों ने बीते दिनों में माइनॉरिटी स्टेक खरीदने के लिए अग्रवाल परिवार के सदस्यों के साथ सीधे बातचीत शुरू की है.
कितने करोड़ की है उम्मीद?
हल्दीराम को हिस्सेदारी बेचने के लिए 85,000-90,000 करोड़ रुपये के वैल्यूएशन की उम्मीद है, ऐसा इसलिए क्योंकि वो पहली बार किसी बाहरी निवेशक को शामिल करना चाहते हैं. वहीं, लेज़ चिप्स, कुरकुरे नमकीन स्नैक्स,डोरिटोस नाचो चिप्स बनाने वाली कंपनी पेप्सिको को भी घरेलू बाजार में कड़े कॉम्पीटीशन का सामना करना पड़ रहा है. ये भी एक कारण है कि पेप्सिको इस डील को लेकर काफी उत्साहित है और हल्दीराम के साथ डायरेक्ट बातचीत कर रही है. हालांकि, कंपनी ने अभी तक इकोनॉमिक टाइम्स के प्रश्नों का जवाब नहीं दिया है.
हो सकती है सबसे डील
अगर हल्दीराम और पेप्सिको की पार्टनरशिप हो जाती है तो ये डील सबसे बड़ी डील होगी. इससे पहले 8 जनवरी को ET द्वारा रिपोर्ट की गई जानकारी के अनुसार, टेमासेक 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा की हिस्सेदारी खरीदने के लिए चर्चाओं में सबसे आगे है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों ने टर्म पेपर भी साइन कर दिए हैं.
O स्नैक मार्केट 13% हिस्सेदारी, 1937 में हुई थी शुरुआत
यूरोमॉनिटर इंटरनेशनल के अनुसार, भारत के 6.2 अरब डॉलर के स्नैक मार्केट में हल्दीराम की लगभग 13% हिस्सेदारी है। पिछले साल उसका रेवेन्यू 12500 करोड़ रुपए था।इसके स्नैक्स सिंगापुर और अमेरिका जैसे विदेशी बाजारों में भी बेचे जाते हैं। कंपनी के पास लगभग 150 रेस्तरां हैं। इसकी शुरुआत 1937 में एक छोटी सी दुकान से हुई थी।
O वेस्टर्न स्नैक्स में पेप्सिको 24% हिस्सेदारी के साथ लीडर
चिप्स और नाचोस जैसे वेस्टर्न स्नैक्स में, पेप्सिको 24% बाजार हिस्सेदारी के साथ लीडर है। हालांकि, नमकीन, भुजिया और चना चूर जैसे पारंपरिक भारतीय स्नैक्स में इसकी सीमित उपस्थिति है। हल्दीराम के साथ कोलेबोरेशन के माध्यम से पेप्सिको अपने आप को इस सेगमेंट में भी मजबूत करना चाहती हैं।
O साल 2000 में पेप्सिको ने अंकल चिप्स का अधिग्रहण
किया था पेप्सिको ने साल 2000 में अमृत एग्रो लिमिटेड से अंकल चिप्स का अधिग्रहण किया था। जब इसका स्नैक्स डिवीजन फ्रिटो ले के रूप में संचालित होता था। अंकल चिप्स अब एक वैल्यू ब्रांड के रूप में मुख्य रूप से टियर 2 और 3 बाजारों में सर्व करता है। कंपनी ने 2016-17 में वेस्टर्न स्नैक्स कैटेगरी में डोरिटोस नाचोस लॉन्च किया था।