00 मुंगेली पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल की अध्यक्षता में, मुंगेली पुलिस परिवार द्वारा एक सप्ताह तक चलने वाली ‘श्रीमद् भागवत ज्ञान सप्ताह’ का आयोजन किया गया है। अब इस आयोजन में कृष्ण जन्मोत्सव के प्रसंग के दौरान आईपीएस अधिकारी एसपी भोजराम पटेल का भक्ति में भावविभोर हो नाचना चर्चा में आ गया है।
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यह आयोजन 8 सितंबर 2025 से 15 सितंबर 2025 तक पुराने पुलिस लाइन, मुंगेली में शहीद और दिवंगत पुलिसकर्मियों की स्मृति में किया जा रहा है। कथावाचक श्री उमाकांत मिश्र और सूरज मिश्र (बरपाली रायगढ़) इस कार्यक्रम में कथा सुना रहे हैं।
11 सितंबर 2025 (गुरुवार) को, कथा के तीसरे दिन, कथावाचकों ने भगवान राम और कृष्ण के जन्म की कथाओं का वर्णन किया। उन्होंने ध्रुव और प्रह्लाद जैसे महान भक्तों की कहानियों को भी विस्तार से सुनाया। इस दौरान, पुलिस परिवार के बच्चों ने कृष्ण का रूप धारण कर कृष्ण जन्मोत्सव मनाया।
पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल स्वयं इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे और कथा सुनी। कथा के बीच-बीच में वे पुलिस परिवार के सदस्यों और श्रद्धालुओं के साथ भजनों पर भावुक होकर नृत्य करते भी दिखे। कार्यक्रम के अंत में, सभी ने प्रसाद ग्रहण किया और श्रद्धालुओं के लिए भोजन की व्यवस्था भी की गई।
00 मुंगेली एसपी का भक्ति आवेग में नृत्य करना बना वर्दी की गरिमा पर सवाल
मुंगेली जिले के पुलिस अधीक्षक (SP) भोजराम पटेल अब इस आयोजन के एक वायरल वीडियो के कारण चर्चा में आ गए हैं। वीडियो में वे अपनी वर्दी व में श्रद्धा से भावविभोर होकर तालियां बजा बजा कर नाचते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस घटना ने पुलिस की वर्दी की गरिमा और पेशेवर आचरण को लेकर एक बड़ी बहस छेड़ दी है।
* समर्थकों का तर्क: कुछ लोग एसपी के इस कार्य की सराहना कर रहे हैं, इसे उनकी व्यक्तिगत आस्था और सनातन संस्कृति के प्रति भक्ति का उदाहरण मान रहे हैं।
* आलोचकों का तर्क: कई लोगों का मानना है कि एक पुलिस अधिकारी की वर्दी सिर्फ कपड़ा नहीं, बल्कि अनुशासन, जिम्मेदारी और सुरक्षा का प्रतीक है। उनका कहना है कि इस तरह का सार्वजनिक व्यवहार पुलिस की पेशेवर छवि को नुकसान पहुँचाता है और लोगों के भरोसे को कमजोर कर सकता है।
कानून और प्रशासनिक विशेषज्ञों ने भी इस पर चिंता जताई है, क्योंकि कई राज्यों में पुलिस अधिकारियों को वर्दी में या पद का दुरुपयोग करते हुए ऐसे कृत्यों से बचने की सख्त हिदायत दी गई है। यह भी सवाल उठ रहा है कि अगर किसी छोटे अधिकारी ने ऐसा किया होता, तो क्या उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं होती ?
0 वीडीओ को सोशल मीडिया पर भी पोस्ट किया एसपी ने
जहां तक एसपी भोजराम पटेल का प्रश्न है उन्होंने आयोजन के वीडीओ इसे बड़े ही सहज भाव और प्रसन्नता से अपने फेसबुक पेज पर मुंगेली पुलिस को टैग करते हुए पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा है कि मुंगेली पुलिस परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत ज्ञान सप्ताह में शामिल होकर मन को असीम शांति मिली।
शहीद और दिवंगत पुलिसकर्मियों की स्मृति में आयोजित यह कथा ना केवल धार्मिक अनुष्ठान है बल्कि हमारे पुलिस परिवार की एकजुटता और संवेदना का प्रतीक भी है।
आज कथावाचक श्री उमाकांत मिश्र और सूरज मिश्र जी ने श्री राम कथा और श्री कृष्ण जन्म का सुंदर वर्णन किया। नन्हे बच्चों को कृष्ण रूप में देखना और उनके साथ जन्मोत्सव मनाना एक अद्भुत अनुभव था।
कथा के दौरान पुलिस परिवार और श्रद्धालुओं का भजनों पर झूमना और प्रसाद ग्रहण करना, यह सब देखकर बहुत आनंद हुआ। इस पुण्य कार्य में सभी की भागीदारी सराहनीय है।
श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण कर मन को असीम शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिली। कल बाल लीला और गोवर्धन पूजा का प्रसंग होगा, जिसे सुनने के लिए मैं बहुत उत्सुक हूं।
बहरहाल संक्षेप में, यह वीडियो एक अधिकारी की व्यक्तिगत आस्था और उसकी सार्वजनिक, पेशेवर जिम्मेदारी के बीच की पतली रेखा को उजागर करता है। यह मामला इस बात पर बहस छेड़ रहा है कि क्या एक अधिकारी का पद और उसकी वर्दी सिर्फ एक नौकरी का हिस्सा हैं, या समाज के लिए भरोसे और अनुशासन का प्रतीक हैं जिसे हर हाल में बनाए रखना चाहिए।