देखिए वीडीओ…आखिर क्यों सत्ता और विपक्ष के नेताओं के निशाने पर आ गए कोरबा कलेक्टर

00 राज्यपाल जिस सोफे पर बैठे थे उसी पर बैठे दिखे कलेक्टर और सामने खड़े वयोवृद्ध पूर्व मंत्री आदिवासी नेता ननकी राम…फोटो हुआ वायरल और फिर मचा बवाल

00 कलेक्टर द्वारा जारी नोटिस की भाषा और शब्दावली को बेहद आपत्तिजनक,तत्काल वापस ले : महंत

00 जितना मेरा राजनैतिक जीवन उतनी तो उनकी सर्विस नहीं होगी,गलत व्यक्ति कलेक्टर बन गए है : ननकीराम कंवर

00 मै कलेक्टर का चपरासी नहीं वो मुझे निर्देशित नहीं कर सकते : पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल

00 सामाजिक विद्वेष फैलाने और शासन तथा प्रशासन की छवि धूमिल करने का है उद्देश्य : कलेक्टर

TTN Desk

कोरबा, छत्तीसगढ़: राज्यपाल रमेश डेका के कोरबा दौरे के दौरान ली गई एक तस्वीर ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में भूचाल ला दिया है। इस तस्वीर में पूर्व गृह मंत्री और वरिष्ठ आदिवासी नेता ननकीराम कंवर राज्यपाल के सामने खड़े होकर ज्ञापन सौंप रहे हैं, जबकि कोरबा के कलेक्टर अजीत वसंत राज्यपाल के ठीक बगल में बैठे दिख रहे हैं। इस तस्वीर को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं आईं, जिसमें इसे शिष्टाचार और प्रोटोकॉल का उल्लंघन बताया गया, साथ ही वरिष्ठ आदिवासी नेता के अपमान का आरोप भी लगा।

0 पूर्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल के फेसबुक पोस्ट पर कलेक्टर का नोटिस

इस विवाद ने तब और तूल पकड़ लिया जब कांग्रेस सरकार में पूर्व राजस्व मंत्री रहे जय सिंह अग्रवाल ने अपने फेसबुक हैंडल से यह तस्वीर साझा करते हुए लिखा, “छत्तीसगढ़ के वरिष्ठतम आदिवासी नेता का अपमान बहुत ही कष्टप्रद है।”

0 आखिर कलेक्टर ने क्यों और क्या दिया नोटिस कि हो गई रार

इस पोस्ट के बाद, कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत ने जय सिंह अग्रवाल को एक तल्ख लहजे का नोटिस जारी किया।
कलेक्टर ने अपने नोटिस में अग्रवाल के पोस्ट को “दुर्भावनापूर्ण” बताया और आरोप लगाया कि यह “सामाजिक वर्गों के बीच विद्वेष फैलाने” और “शासन तथा प्रशासन की छवि धूमिल करने” के उद्देश्य से किया गया है। नोटिस में जय सिंह अग्रवाल को तत्काल पोस्ट डिलीट करने का निर्देश दिया गया, ऐसा न करने पर इसे “भारतीय न्याय संहिता के अंतर्गत दंडनीय अपराध”बताया गया।

0 ननकीराम कंवर की भी आपत्ति, जय सिंह ने पोस्ट डिलीट करने से किया इंकार

मामले में दिलचस्प मोड़ तब आया जब स्वयं ननकीराम कंवर ने भी कलेक्टर के राज्यपाल के बगल में बैठे रहने को अनुचित बताया और जय सिंह अग्रवाल के बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि एक वरिष्ठ नेता के तौर पर उनके सामने कलेक्टर का बैठे रहना सही नहीं था। नादान तो नहीं कहूंगा पर एक बहुत ही गलत व्यक्ति कलेक्टर बन गया है।जब ग्रामीणों की समस्या ले कर उनके कार्यालय जाने पर जो मुझे कह सकते है कि मेरे सामने लोगों को क्यों लाते हो …जबकि मैं प्रदेश का गृहमंत्री रह चुका हूं।अरे ,जितनी मेरी राजनीतिक उम्र है ,उतनी तो उनकी सर्विस नहीं होगी।
वहीं, नोटिस जारी होने के बाद पूर्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल ने पलटवार करते हुए बुधवार को एक प्रेस वार्ता की। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह कलेक्टर के निर्देश पर पोस्ट डिलीट नहीं करेंगे। अग्रवाल ने कहा, “कलेक्टर अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम कर रहे हैं।

0 जयसिंह ने कहा “मैं कलेक्टर का चपरासी नहीं हूं”

जयसिंह अग्रवाल ने अपनी चीर परिचित शैली कहा कि “मैं उनका चपरासी या कोई मातहत अधिकारी नहीं हूं। वह मुझे निर्देशित नहीं कर सकते हैं।” उन्होंने कलेक्टर को इस बात की जांच कराने को कहा कि तस्वीर किसने खींची और किसने वायरल की। अग्रवाल ने जोर देकर कहा कि उन्होंने आदिवासी नेता की पीड़ा को बयां किया है और इसे गलत नहीं मानते।

0 प्रतिपक्ष नेता चरणदास महंत भी नाराज़, नोटिस की भाषा को बताया आपत्तिजनक

इस पूरे मामले में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कलेक्टर द्वारा जारी किए गए नोटिस की भाषा और शब्दावली को बेहद आपत्तिजनक बताया। महंत ने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर को लेकर जिस तरह का रवैया दिखाया गया, वह लोकतंत्र के लिए उचित नहीं है। उन्होंने प्रशासन से इस नोटिस को तत्काल वापस लेने की भी मांग की है।

0 “मुखिया जी” को न अपने दल की चिंता और न महामहिम के पद की गरिमा की : बघेल

पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने एक्स पोस्ट पर लिखा कि अगर अधिकारी प्रशासन की जगह “मुखिया जी” का निजी “कलेक्टर” है तो उसको अधिकार मिल जाता है कि वह महामहिम के बराबर बैठ सकता है, “मुखिया जी” के ही दल के वरिष्ठतम नेता को अपने सामने खड़ा रख सकता है और इसकी आलोचना करने पर किसी को भी “नोटिस” भेज सकता है. क्षीर सागर की शैया पर बस “धन” के छींटे पड़ते रहें तो “मुखिया जी” को न अपने दल की चिंता और न महामहिम के पद की गरिमा की।

0 ये कितना दुर्भाग्य है जिले के कलेक्टर महामहिम राज्यपाल के बराबर बैठते है : बैज

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने एक्स पोस्ट पर लिखा कि यह कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिले के कलेक्टर महामहिम राज्यपाल के बराबर में बैठते हैं। स्वयं राज्यपाल को उन्हें टोकना पड़ता है। एक सर्वमान्य सीनियर आदिवासी नेता ननकीराम कंवर जी को अपने सामने खड़ा रखते हैं और इस पर प्रतिक्रिया देने पर प्रदेश के पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को प्रतिक्रिया वापस लेने निर्देश पत्र जारी कर देते हैं। क्या राज्यपाल के जिलों के दौरे से भाजपा इतनी क्षुब्ध हो गई कि इशारों इशारों में राज्यपाल की गरिमा से छेड़छाड़ कर रही है? पूर्व मंत्री और भाजपा के सीनियर आदिवासी नेता ननकी राम कंवर ने इस सरकार की पोल खोलकर रख दी है, सुनिए केदार कश्यप ये हाल है प्रदेश में आदिवासी नेताओं का तो आदिवासियों का क्या हाल होगा? कहीं इन सबके पीछे आपका हाथ तो नहीं..? यह भी जांच का विषय है।

0 अब कलेक्टर की आई सफाई

कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जारी किया नोटिस
इस पूरे प्रकरण पर कलेक्टर अजीत वसंत ने भी अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी कलेक्टर की होती है, और यदि किसी भी व्यक्ति के शब्दों से कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होने की संभावना होती है, तो नोटिस जारी किया जाता है।
यह विवाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में गर्माहट ला रहा है और देखने वाली बात होगी कि यह तस्वीर विवाद किस दिशा में आगे बढ़ता है।