देखिए वीडीओ…अंतिम विदाई में भी दे गए ‘रोशनी’ का उपहार: डॉ. उपाध्याय ने दुनिया छोड़कर भी दो नेत्रहीनों को दी नई जिंदगी

TTN डेस्क

कोरबा। इंसान दुनिया से चला जाता है, लेकिन उसके नेक कर्म उसे अमर कर देते हैं। शिवाजी नगर निवासी डॉ. महिपत राय नंदलाल उपाध्याय (82) ने शुक्रवार को इस नश्वर संसार को अलविदा कह दिया, लेकिन जाते-जाते उन्होंने मानवता की सेवा की एक ऐसी मिसाल पेश की, जिसकी चर्चा पूरे शहर में है। शोक की इस घड़ी में भी उनके परिजनों ने उनके नेत्रदान का साहसिक निर्णय लेकर दो अंधेरी जिंदगियों को रोशन करने का संकल्प पूरा किया।

0 गमगीन माहौल में मानवता की मिसाल

डॉ. महिपत राय के निधन के बाद जहाँ एक ओर पूरा उपाध्याय परिवार और शुभचिंतक शोक में डूबे थे, वहीं दूसरी ओर समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए परिवार ने उनके नेत्रदान की इच्छा को पूरा किया। मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आई डिपार्टमेंट की हेड डॉ. कुजूर के नेतृत्व में आई टीम ने उनके निवास स्थान पर पहुंचकर सफलतापूर्वक कॉर्निया प्राप्त किया।

0 सम्मानित हुआ उपाध्याय परिवार

भारत विकास परिषद के सहयोग से संपन्न हुए इस पुनीत कार्य की सराहना करते हुए परिषद के कमलेश यादव और महेश गुप्ता ने इसे समाज के लिए प्रेरणा बताया। मेडिकल टीम द्वारा डॉ. उपाध्याय की पत्नी श्रीमती हंसा उपाध्याय और पुत्र उमंग उपाध्याय को सम्मान पत्र भेंट कर उनके इस निस्वार्थ त्याग के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की गई।

0 दी गई श्रद्धांजलि

शुक्रवार दोपहर 2:00 बजे शिवाजी नगर से उनकी अंतिम यात्रा निकली। पौड़ीबहार मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार के दौरान शहर के गणमान्य नागरिक,गुजराती समाज के सदस्य,मित्र परिजन मौजूद रहे।जिन्होंने अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी। डॉ. उपाध्याय अपने पीछे पत्नी हंसा बेन,पुत्र उमंग, भाई बद्रीप्रसाद व विजय उपाध्याय अहमदाबाद,भतीजे भाविन और पौत्र मनन सहित एक भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं।
समाज के लोगों का कहना है कि डॉ. महिपत राय अब अपनी भौतिक उपस्थिति में भले न हों, लेकिन उनकी आँखों के जरिए वे इस दुनिया को हमेशा देखते रहेंगे।