फोटो : गिरफ्तार नन,नारायणपुर की तीनों युवतियां,दुर्ग थाने में बजरंगदल कार्यकर्ता,संसद परिसर में विपक्षी सांसदों का प्रदर्शन
00 दुर्ग में दो ननों की गिरफ्तारी का मामला अब केवल एक स्थानीय घटना नहीं रह गया है, बल्कि यह राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन चुका है। विपक्ष इसे धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यक अधिकारों के हनन के रूप में पेश कर रहा है, जबकि सत्ताधारी बीजेपी इसे कानूनी कार्रवाई बता रही है। इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग जोर पकड़ रही है, और आने वाले दिनों में यह मुद्दा और गर्माने की संभावना है।
TTN Desk
25 जुलाई 2025 को छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन पर दो ईसाई ननों, सिस्टर वंदना और सिस्टर प्रीति, के साथ-साथ कुछ अन्य लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया। उन पर धर्मांतरण और मानव तस्करी के आरोप लगाए गए। यह घटना उस समय हुई जब ननें ट्रेन का रेलवे स्टेशन पर इंतेज़ार कर रही थी। ये केरल की मूल निवासी है।इनके साथ नारायणपुर की तीन युवतियां थी,जिन्हें वे काम के लिए अपने साथ ले जा रही थी।उसी दौरान बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की उन पर नजर पड़ी और उन्होंने अपने नेताओं को बुला लिया।बाद में बजरंग दल के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में जुट गए और हंगामा हो गया।पुलिस ने ननों को मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।यह घटना शनिवार को हुई। उसके बाद यह मामला राजनीतिक और सामाजिक चर्चा का केंद्र बन गया। इस घटना ने अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ कथित अत्याचार और धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे का बताते हुए विपक्ष ने उजागर किया।
0 संसद में विपक्ष का प्रदर्शन
दुर्ग में ननों की गिरफ्तारी के बाद विपक्ष, खासकर कांग्रेस,केरल के वामदल ने इस मुद्दे को संसद में जोर-शोर से उठाया। विपक्षी नेताओं ने इसे अल्पसंख्यकों पर अत्याचार और धार्मिक स्वतंत्रता के हनन का मामला बताते हुए छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा। संसद में विपक्ष ने प्रदर्शन किया और सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग की। कांग्रेस नेताओं ने इसे राजनीति से प्रेरित कार्रवाई करार दिया और कहा कि बीजेपी सरकार धर्मांतरण के नाम पर अल्पसंख्यकों को निशाना बना रही है।
0 क्या कहा कांग्रेस के नेताओं ने
राहुल गांधी: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस कार्रवाई को “गलत” और “राजनीतिक एजेंडे” से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा, “जो कार्रवाई हुई, वह गलत है। सरकार धर्मांतरण के नाम पर केवल राजनीति कर रही है। सरकार को निष्पक्ष जांच करनी चाहिए।” राहुल ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार हो रहा है और बीजेपी सरकार धार्मिक आधार पर समाज को बांटने का प्रयास कर रही है।
प्रियंका गांधी: प्रियंका गांधी ने इस घटना की कड़ी निंदा की और इसे “चौंकाने वाला” बताया। उन्होंने अपने बयान में कहा, “दुर्ग रेलवे स्टेशन पर दो ईसाई ननों, सिस्टर वंदना और सिस्टर प्रीति, के साथ-साथ अन्य लोगों को बिना किसी कानूनी आधार के हिरासत में लिया गया। धर्मांतरण और तस्करी के झूठे आरोप लगाना धार्मिक स्वतंत्रता पर गंभीर हमला है।” उन्होंने सरकार से इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की।
के.सी. वेणुगोपाल: कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने भी इस मामले में बीजेपी सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा, “छत्तीसगढ़ में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है। यह कार्रवाई बीजेपी के धार्मिक ध्रुवीकरण के एजेंडे का हिस्सा है।” उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से इस मामले में तत्काल कार्रवाई करने और दोषियों को सजा देने की मांग की।उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री और छत्तीसगढ़ के सीएम को पत्र लिख ननों को अविलंब रिहा करने की मांग की है।
0 मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विपक्ष के आरोप खारिज किए
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया में विपक्ष के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने कानून के दायरे में कार्रवाई की है और किसी भी तरह की गलत कार्रवाई का कोई सवाल ही नहीं उठता। साय ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा, “विपक्ष हार से बौखलाया हुआ है और बेबुनियाद आरोप लगा रहा है। जांच निष्पक्ष होगी और जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।” साय ने यह भी जोड़ा कि उनकी सरकार सभी समुदायों के लिए समान रूप से काम कर रही है और किसी भी तरह के धार्मिक भेदभाव को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।