कारोबारी वर्ष का पहला दिन : ट्रंप के टैरिफ के टेंशन में ढेर हुआ शेयर बाजार…जानिए और क्या है प्रमुख कारण.?

0O नए वित्त वर्ष के पहले कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजारों में 1 प्रतिशत से अधिक की तेज गिरावट दर्ज की गई। इसके पीछे कारण था अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित ‘रिसिप्रोकल टैरिफ’ को लेकर फैली आशंका, जिसने निवेशकों के सेंटीमेंट पर असर डाला।

TTN Desk

निफ्टी 50 दिन के कारोबार में 1.57% यानी 369.40 अंकों की गिरावट के साथ 23,149.95 के निचले स्तर तक पहुंचा, जो 28 फरवरी के बाद अब तक की सबसे बड़ी गिरावट रही। वहीं सेंसेक्स भी 1.85% यानी 1434.03 अंकों की गिरावट के साथ 75,980.89 तक चला गया।

दोपहर 2:45 बजे निफ्टी 1.58% या 370.80 अंक गिरकर 23,148.55 पर कारोबार कर रहा था, जबकि सेंसेक्स 1.83% गिरकर 75,994.80 पर पहुंच गया। शुरुआत में कुछ बढ़त के बाद व्यापक बाजार (ब्रॉडर मार्केट) भी कमजोर हुआ। निफ्टी मिडकैप 150 इंडेक्स 0.80% और स्मॉलकैप 250 इंडेक्स 0.49% की गिरावट में रहे।

O जानकार ये बता रहे शेयर बाजार में मंगलवार को गिरावट का कारण

1. टैरिफ को लेकर घबराहट

भारतीय शेयर बाजार वैश्विक बाजारों के साथ-साथ ट्रंप के संभावित टैरिफ प्लान के असर को लेकर सतर्कता के माहौल में कारोबार कर रहे हैं। मोतीलाल ओसवाल के टेक्निकल रिसर्च हेड रुचित जैन के मुताबिक, “सोमवार को जब भारतीय बाजार बंद थे, तब वैश्विक बाजारों में गिरावट आई थी। उसी का असर आज घरेलू बाजार में देखने को मिला है।” उन्होंने बताया कि निफ्टी को 20-डे EMA सपोर्ट 23,100 के आसपास मिल सकता है।

2. मुनाफावसूली

मार्च की शुरुआत से बाजार में आई तेज रिकवरी के बाद अब निवेशक ट्रंप की टैरिफ लागू होने की समयसीमा पूरी होने से पहले मुनाफावसूली कर रहे हैं। इक्विनॉमिक्स रिसर्च के जी चोक्कालिंगम के अनुसार, मार्च में लगभग ₹25 लाख करोड़ की मार्केट कैप रिकवरी हुई थी। ऐसे में मुनाफावसूली स्वाभाविक है। मार्च में पांच महीने की गिरावट के बाद बेंचमार्क इंडेक्स में 6% से अधिक की तेजी आई थी, जो विदेशी निवेशकों की वापसी के चलते संभव हुआ।

3. एफआईआई की बिकवाली

बीते दो हफ्तों में एफआईआई (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक) लगातार नेट खरीदार बने रहे, जिससे बाजार में सुधार देखा गया। लेकिन शुक्रवार को ग्लोबल फंड्स ने छह दिन की खरीदारी के सिलसिले को तोड़ते हुए ₹4,352 करोड़ की शुद्ध बिकवाली की।

चोक्कालिंगम ने कहा कि आज भी एफआईआई बिकवाली कर रहे हैं, हालांकि व्यापक बाजार बहुत नकारात्मक नहीं है। उन्होंने कहा कि एडवांस-डिक्लाइन रेश्यो मजबूत है, लेकिन बड़े शेयरों पर दबाव है। इससे संकेत मिलता है कि एफआईआई की बिकवाली जारी है।

4. वैश्विक संकेत

एशियाई बाजारों ने शुरुआती बढ़त गंवा दी और मिला-जुला कारोबार किया, जबकि वॉल स्ट्रीट के फ्यूचर्स में कमजोरी दिखी। जापान का निक्केई 0.01% नीचे था जबकि दक्षिण कोरिया का कोस्पी 1.5% ऊपर। सोमवार को वॉल स्ट्रीट की शुरुआत गिरावट के साथ हुई थी लेकिन दिन के अंत में S&P 500 और डॉव जोन्स क्रमशः 0.55% और 1% चढ़कर बंद हुए। हालांकि, नैस्डैक 100 में 0.14% की गिरावट दर्ज की गई।

O बुधवार को हो सकती है नए टैरिफ की घोषणा

ट्रंप द्वारा 2 अप्रैल से प्रभावी होने वाले टैरिफ की घोषणा बुधवार को व्हाइट हाउस रोज गार्डन में होने की संभावना है। इसके मद्देनज़र बाजारों में अनिश्चितता और उतार-चढ़ाव बना हुआ है। जियोजित इन्वेस्टमेंट के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने कहा कि बाजार की दिशा इस बात पर निर्भर करेगी कि ये टैरिफ किन सेक्टर्स और देशों पर कितना असर डालते हैं।