0O अजीम प्रेमजी को टाइम मैगजीन ने आज 20 मई को ही परोपकार के क्षेत्र में 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया है। इस सूची में शामिल भारतीयों में उद्योगपति मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी नीता अंबानी शीर्ष पर है वहीं उनके साथ निखिल कामथ और भारतीय मूल के अमेरिकी पत्रकार आनंद गिरिधरदास को भी शामिल किया गया है।
इस सूची को जारी करने के दौरान टाइम ने प्रेमजी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे भारत के सबसे उदार परोपकारी लोगों में से एक हैं, जिन्होंने अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा भारत की सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए समर्पित किया है।
उन्होंने 2013 में ‘गिविंग प्लेज’ पर हस्ताक्षर किए और अपनी कंपनी विप्रो के 29 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक के शेयर अजीम प्रेमजी फाउंडेशन को दान किए।
अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की स्थापना उन्होंने लगभग 25 साल पहले की थी। 2023-24 में उनके फाउंडेशन ने शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में 940 संगठनों को 109 मिलियन अमेरिकी डॉलर प्रदान किए।
इसके अलावा, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन ने 2.5 लाख सरकारी स्कूलों की लड़कियों के लिए उच्च शिक्षा हेतु ₹30,000 प्रति वर्ष की स्कॉलरशिप की घोषणा की है, जो ₹2,250 करोड़ के अनुदान से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देगी।
O पहले भी चुने गए है विश्व के 100 प्रभावशाली लोगों में
पहले भी प्रेमजी को टाइम मैगजीन ने 2004 और 2011 में 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया था।
आइए जानते है उनके दान ,सेवा और परोपकारी कार्यों को विस्तार से…
अजीम प्रेमजी, विप्रो लिमिटेड के संस्थापक और भारत के सबसे प्रमुख परोपकारियों में से एक, ने अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा सामाजिक कल्याण, विशेष रूप से शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में समर्पित किया है। उनके परोपकारी कार्य मुख्य रूप से अजीम प्रेमजी फाउंडेशन और विप्रो लिमिटेड के शेयरों के दान और उनसे होने वाली आय के माध्यम से किए जाते हैं।
O अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की स्थापना और कार्य :
अजीम प्रेमजी ने 2001 में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की स्थापना की, जिसका प्राथमिक उद्देश्य भारत में सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाना है।
👉शिक्षा क्षेत्र में योगदान:
फाउंडेशन का मुख्य फोकस प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा में सुधार लाना है। यह सरकारी स्कूलों के साथ मिलकर शिक्षक प्रशिक्षण, पाठ्यक्रम विकास, और स्कूल प्रबंधन में सुधार के लिए काम करता है।फाउंडेशन ने अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी की स्थापना की, जो बेंगलुरु में स्थित है। यह विश्वविद्यालय शिक्षा और विकास के क्षेत्र में पेशेवरों को प्रशिक्षित करता है, ताकि वे सामाजिक क्षेत्र में योगदान दे सकें।
👉2023-24 में, फाउंडेशन ने 940 संगठनों को 109 मिलियन अमेरिकी डॉलर का अनुदान प्रदान किया, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, और सामाजिक विकास से जुड़े प्रोजेक्ट शामिल थे।हाल ही में, फाउंडेशन ने 2.5 लाख सरकारी स्कूलों की लड़कियों के लिए उच्च शिक्षा हेतु ₹30,000 प्रति वर्ष की स्कॉलरशिप की घोषणा की। इस पहल के लिए ₹2,250 करोड़ का अनुदान आवंटित किया गया है, जो महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
Oपहुंच:
फाउंडेशन भारत के कई राज्यों, विशेष रूप से ग्रामीण और कमजोर क्षेत्रों में सक्रिय है। यह कर्नाटक, राजस्थान, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, और उत्तर-पूर्वी राज्यों में शिक्षा सुधार परियोजनाओं को लागू करता है।
Oशिक्षक प्रशिक्षण:
फाउंडेशन ने शिक्षकों के लिए व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए हैं, ताकि शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार हो और बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले।
O गिविंग प्लेज और संपत्ति दान गिविंग प्लेज:
2013 में, अजीम प्रेमजी ने बिल गेट्स और वारेन बफेट द्वारा शुरू किए गए गिविंग प्लेज पर हस्ताक्षर किए, जिसमें उन्होंने अपनी संपत्ति का कम से कम आधा हिस्सा परोपकारी कार्यों के लिए दान करने का वचन दिया।
O विप्रो शेयरों का दान
प्रेमजी ने विप्रो लिमिटेड के 29 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक मूल्य के शेयर अजीम प्रेमजी फाउंडेशन को दान किए। यह दान भारत में अब तक का सबसे बड़ा परोपकारी योगदान माना जाता है।
Oविप्रो की आय का उपयोग
विप्रो के दान किए गए शेयरों से प्राप्त आय का उपयोग फाउंडेशन के परियोजनाओं को वित्तपोषित करने के लिए किया जाता है। यह मॉडल सुनिश्चित करता है कि फाउंडेशन के पास दीर्घकालिक परोपकारी कार्यों के लिए स्थायी धन उपलब्ध रहे।
👉 स्वास्थ्य और अन्य सामाजिक कार्यस्वास्थ्य क्षेत्र:
शिक्षा के अलावा, फाउंडेशन ने स्वास्थ्य क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। विशेष रूप से, कोविड-19 महामारी के दौरान, फाउंडेशन ने स्वास्थ्य सेवाओं, टीकाकरण, और राहत कार्यों के लिए बड़े पैमाने पर अनुदान प्रदान किए।
👉ग्रामीण विकास: फाउंडेशन ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक विकास, आजीविका, और पर्यावरण संरक्षण से जुड़े प्रोजेक्ट्स का समर्थन करता है। यह स्थानीय संगठनों के साथ साझेदारी करके समुदायों को सशक्त बनाने पर ध्यान देता है।
👉महिला सशक्तिकरण: स्कॉलरशिप प्रोग्राम के अलावा, फाउंडेशन ने महिलाओं और लड़कियों के लिए कई अन्य पहल शुरू की हैं, जैसे कि कौशल विकास और आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने वाली परियोजनाएं।
👉प्रभाव और टाइम मैगजीन की मान्यता
टाइम मैगजीन ने प्रेमजी को 2004, 2011, और 2025 में 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया। 2025 की सूची में उन्हें परोपकार श्रेणी में उनकी शिक्षा और सामाजिक कल्याण में योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
👉पद्म भूषण और पद्म विभूषण: भारत सरकार ने उन्हें 2005 में पद्म भूषण और 2011 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया, जो उनके व्यापार और परोपकारी योगदान को दर्शाता है।
👉वैश्विक प्रभाव: प्रेमजी को दुनिया भर में परोपकार के क्षेत्र में एक मॉडल के रूप में देखा जाता है, विशेष रूप से उनके दान के व्यवस्थित और दीर्घकालिक दृष्टिकोण के लिए।
👉संस्थागत दृष्टिकोण: प्रेमजी का परोपकार व्यक्तिगत दान से परे एक संस्थागत ढांचे पर आधारित है। अजीम प्रेमजी फाउंडेशन और यूनिवर्सिटी के माध्यम से, उन्होंने परोपकार को एक टिकाऊ और प्रभावी मॉडल में बदल दिया।
👉पारदर्शिता और जवाबदेही: फाउंडेशन अपनी गतिविधियों और वित्तीय उपयोग की पारदर्शी रिपोर्टिंग के लिए जाना जाता है, जो इसे अन्य परोपकारी संगठनों से अलग करता है।
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👉दीर्घकालिक दृष्टिकोण: प्रेमजी का मानना है कि शिक्षा और सामाजिक विकास में बदलाव लाने के लिए दीर्घकालिक निवेश और धैर्य की आवश्यकता है।निष्कर्षअजीम प्रेमजी का परोपकारी कार्य भारत में सामाजिक परिवर्तन का एक अनूठा उदाहरण है। उनकी अजीम प्रेमजी फाउंडेशन ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित किया है, विशेष रूप से समाज के वंचित वर्गों को। उनकी उदारता, रणनीतिक दृष्टिकोण, और दीर्घकालिक प्रतिबद्धता ने उन्हें न केवल भारत बल्कि वैश्विक स्तर पर परोपकार के क्षेत्र में एक प्रेरणा बनाया है।