जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव स्वीकार, जांच के लिए तीन सदस्यीय पैनल गठित

नई दिल्ली: कैशकांड मामले में चर्चा में आए जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वीकार कर लिया है। इस प्रस्ताव पर 146 सांसदों के हस्ताक्षर थे। स्पीकर ने आरोपों की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया है।

0 जांच पैनल में कौन-कौन शामिल हैं?

लोकसभा स्पीकर ने बताया कि इस पैनल में सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस अरविंद कुमार, मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मनिंदर मोहन श्रीवास्तव और कर्नाटक उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता बी. वी. आचार्य शामिल हैं। यह पैनल आरोपों की जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंपेगा, जिसके बाद आगे की कार्यवाही होगी।

0 सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की थी याचिका

जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही का रास्ता तभी साफ हो गया था, जब सुप्रीम कोर्ट ने आंतरिक प्रक्रिया की वैधता को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने उस समय कहा था कि उनकी टिप्पणियों से भविष्य की कार्यवाही पर कोई असर नहीं पड़ेगा और याचिकाकर्ता को उचित उपायों के माध्यम से अपनी शिकायतें उठाने का मौका मिलेगा।

0 स्पीकर ने बताया, यह गंभीर मामला है

लोकसभा अध्यक्ष ने इस मामले को बेहद गंभीर बताया और कहा कि पद से हटाने के लिए राष्ट्रपति को प्रस्ताव भेजा जाएगा। उन्होंने सभी सांसदों से इस मामले पर एक सुर में बोलने का आग्रह किया। स्पीकर ने यह भी बताया कि जस्टिस वर्मा के परिसर में आग लगने के बाद नकदी बरामद हुई थी, जिसका ब्यौरा सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक किया था। कमेटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, तब तक यह प्रस्ताव लंबित रहेगा।