OO छत्तीसगढ़ के जिला सहकारी बैंक में एक बड़ा वित्तीय घोटाला सामने आया है, जहाँ बलरामपुर जिले की दो शाखाओं में 28 करोड़ रुपये से अधिक के गबन का खुलासा हुआ है। इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अब तक 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
TTN Desk
यह घोटाला बलरामपुर जिले की शंकरगढ़ और कुसमी की सहकारी बैंक शाखाओं में 2012 से 2024 के बीच हुआ है। शुरुआती ऑडिट रिपोर्ट में लगभग 23 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता का अनुमान लगाया गया था। हालांकि, जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, गबन की यह राशि बढ़कर 28 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। जांच अधिकारियों का मानना है कि यह आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है क्योंकि कई अन्य लेनदेन की भी बारीकी से जांच की जा रही है।
O पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारियां
इस मामले में पुलिस ने कुल 12 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है। पुलिस ने गहन जांच के बाद अब तक 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें तत्कालीन शाखा प्रबंधक अशोक कुमार सोनी भी शामिल हैं। गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपियों में बैंक के कर्मचारी और वे लोग शामिल हैं जिन्होंने कथित तौर पर फर्जी खातों के माध्यम से इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया।
O गबन का तरीका: फर्जी खाते और किसानों के पैसे
जांच में सामने आया है कि इस बड़े गबन को अंजाम देने के लिए फर्जी खातों का सहारा लिया गया। धोखेबाजों ने किसानों के नाम पर या अन्य व्यक्तियों के नाम पर जाली खाते खोले और इन खातों के माध्यम से किसानों के पैसे का गबन किया। यह एक सुनियोजित वित्तीय अपराध प्रतीत होता है जिसमें बैंक के अंदरूनी लोग और बाहरी तत्व दोनों शामिल थे।
O प्रशासन की भूमिका और जांच
यह मामला सामने आने के बाद सरगुजा कलेक्टर विलास भोस्कर ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एक उच्च-स्तरीय जांच टीम का गठन किया था। इस टीम की विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर ही पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और आरोपियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की। प्रशासन इस मामले की तह तक जाने और सभी दोषियों को सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
O ये हैं घोटालेबाज अधिकारी व कर्मचारी, अब जेल में
पर्यवेक्षक विकास चंद पांडवी
तत्कालीन शाखा प्रबंधक अशोक कुमार सोनी
सहायक मुख्य पर्यवेक्षक एतबल सिंह
सेवानिवृत्त शाखा प्रबंधक समल साय
सहायक लेखापाल जगदीश प्रसाद
लिपिक ताबरक अली
संस्था प्रबंधक लक्ष्मण देवांगन
मुख्य पर्यवेक्षक राजेंद्र प्रसाद पांडेय
समिति प्रबंधक सुदेश यादव
कंप्यूटर ऑपरेटर प्रकाश कुमार सिंह
प्रभारी अतिरिक्त प्रबंधक राजेंद्र गुप्ता
इस मामले में अभी भी जांच जारी है, और हो सकता है कि आने वाले समय में और भी खुलासे हों।